किसान आंदोलन का असली एजेंडा अब आखिरकार सामने आ गया है- ‘देश को तोड़कर खालिस्तान की स्थापना करना’
किसान आंदोलन तो बस बहाना था, असल में खालिस्तान की ओर कदम जो बढ़ाना था। अब मो धालीवाल नामक नेता की स्वीकारोक्ति से ये स्पष्ट हो गया है कि बात कभी किसान के अधिकारों के लिए थी ही नहीं, ...