ईसाई मिशनरियों की उपज था द्रविड़ आंदोलन? सबकुछ जान लीजिए
आखिर वही हुआ जिसका अंदेशा सभी को था और आखिर वही सिद्ध हुआ जिसके बारे में बोलते सब थे परंतु स्पष्ट तौर पर बात कोई नहीं करता था। तमिलनाडु में हिंदू विरोध की जो विषबेल द्रविड़ आंदोलन के नाम ...
आखिर वही हुआ जिसका अंदेशा सभी को था और आखिर वही सिद्ध हुआ जिसके बारे में बोलते सब थे परंतु स्पष्ट तौर पर बात कोई नहीं करता था। तमिलनाडु में हिंदू विरोध की जो विषबेल द्रविड़ आंदोलन के नाम ...
“जब कुर्बानी दी जाती है तो हमेशा सिपाही की दी जाती है, राजा और राजकुमार तो जिंदा रहते हैं।” मिर्जापुर के इस संवाद का अपना अलग ही अर्थ है, क्योंकि घर फूँक कर तमाशा देखने का सबसे स्पष्ट उदाहरण ...
ब्रिटिश शासन के दौरान हुए सामाजिक शोषण के बाद जब देश 1947 में आज़ाद हुआ तब देश दो टुकड़ों में विभाजित हो गया था। भारत से जो दूसरा देश टूट कर अलग हुआ, वो था आतंक परस्त पाकिस्तान।आज़ादी के ...
अक्सर हमारे मन में एक सवाल कचोटता है कि आखिर क्या कारण है मुस्लिम समाज हमेशा उन लोगों को अपना नायक और प्रतिनिधि चुनता है, जो भारत दर्शन के विरोधी हैं या फिर उनमें भारत विरोध की छवि प्रतिबिंबित ...
क्या आप जानते हैं? कौन थे द्विराष्ट्र सिद्धांत के प्रथम प्रतिपादक और सूत्रधार अल्लामा इकबाल या वीर सावरकर कट्टर मुस्लिम अल्लामा इकबाल को क्यों भारत में एक नायक के रूप में स्थापित करने का स्पष्ट प्रयास किया गया जब ...
आजकल के हमारे युवाओं से अगर कोई पूछे कि लोकतंत्र क्या है, तो 'टप्प-से' उनके मुख से अब्राहम लिंकन की "...of the people, by the people, For the people" वाली परिभाषा की अमृतवाणी झड़ने लगती है। परंतु अगर इसी ...
पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अत्याचार झेल रहे हिंदू शरणार्थी को अपना घरबार छोड़कर मजबूरी में भारत में शरण लेनी पड़ती है। जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था, तब लाखों हिंदुओं ने महात्मा गांधी के आवाहन पर कांग्रेस के ...
शस्त्र और शास्त्र, ये दोनों ही राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन जिसे अपने शास्त्रों का आभास नहीं, वो समय आने पर शस्त्रों का भी अनुकूल उपयोग नहीं कर पायेगा। इसीलिए शायद आचार्य चाणक्य ने कहा ...
इस देश को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष शीघ्र ही होने वाले हैं। जहां एक तरफ सरदार वल्लभभाई पटेल, लालबहादुर शास्त्री, शंकर राव चव्हाण, ज्ञानी ज़ैल सिंह और राजनाथ सिंह जैसे प्रख्यात और ओजस्वी नेताओं ने गृह मंत्रालय की शोभा ...
‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’, ये कथन एक व्यक्ति के जीवन का संक्षिप्त परिचय कराने के लिए पर्याप्त है, जो कभी देश की संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर ...
जब भी पाकिस्तान की बात आती है, द्विराष्ट्र सिद्धांत का मुद्दा भी सामने आता है। इस सिद्धांत को जन्म देने वाले सर सैयद अहमद खान के साथ कुछ ऐसे नेताओं का भी नाम आता है, जिन्होंने उनके इस सपने ...
अप्रैल 2021 में सिख धर्म की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पर अन्य धर्मों को दबाने का आरोप लगाते हुए एक निंदा प्रस्ताव पास किया। अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ...
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