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पैसा कमाने की मशीन हैं रोहित शेट्टी, देखिए कैसे करते हैं दर्शकों पर जादू

इस संसार में भांति-भांति के लोग होते हैं। कुछ योग्यता के बल पर चमकते हैं, कुछ अवसर के बल पर और कुछ बस भाग्य के सहारे चमक लेते हैं। कुछ तो ऐसे भी होते हैं जिनके लिए न बाप ...

भारत में अब और नहीं होगा स्लम पर्यटन

Dharavi redevelopment project Adani: पतली-पतली गलियां, टीन की चादरों वाली छत, भीड़ में रहने वाले लोग, ये परिदृश्य आपको मुंबई के धारावी में देखने को मिलता है। विदेशी लोग इसे 'स्लम' के नाम से भी पुकारते हैं। कोई भी ...

प्रिय आयुष्मान खुराना, भारत की होमोफोबिक सोच नहीं बल्कि यह है आपकी फिल्मों की असफलता का कारण

खुद की नाकामियों का ठीकरा किसी और के माथे पर फोड़ने में बॉलीवुडिया सितारे माहिर हैं। इनकी फिल्में जब चलती हैं तो इसका सारा का सारा श्रेय यह स्वयं ले जाते हैं, परंतु जब फिल्में पिटने लगे तो किसी ...

‘प्यासा’ वाले गुरुदत्त स्क्रीन पर ‘महान’ दिखते हैं, वास्तविक जीवन में अपनी पत्नी तक को बर्बाद कर दिया

“यहाँ इक खिलौना है इसां की हस्ती, ये बस्ती हैं मुर्दा परस्तों की बस्ती, यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है.” साहिर लुधियानवी के ये बोल जाने कब गुरुदत्त ...

“जिस शख्स ने भारतीय सिनेमा को प्राण दिए”, वी शांताराम की कहानी

नाट्यशास्त्र, कथावाचन, ये ऐसे शब्द हैं जो अपने आप में एक अद्भुत, अनंत संसार समेटे हुए हैं। इनमें इतनी कथाएं हैं जिनका एक तिनका भी अगर श्रद्धा से चित्रित करो तो इतिहास आपको युगों युगों तक स्मरण रखेगा। कहते ...

क्या है ‘स्लम टूरिज्म’ और क्यों भारत के मलिन बस्तियों में गरीबी देखने आते हैं विदेशी? यहां समझिए

स्लम टूरिज्म: लोग जब भारत में घूमने आते है उन्हें यहां सबसे ज्यादा कहां घूमने में मजा आता है? दिल्ली? आगरा? या फिर स्लम? अब आप सोच रहे होंगे कि भला स्लम घूमने में विदेशियों को मजा कैसे आएगा? ...

आयुष्मान खुराना: एक ऐसे अभिनेता जो स्वयं को ही बर्बाद करने पर तुले हैं

जिस तरह से आटे में नमक होना खाने के स्वाद को बढ़ा देता है, उसी तरह नमक में आटा होना पूरे स्वाद को बिगाड़ कर रख देता है। यह बात अगर बॉलीवुड को जाकर कोई बता दें तो शायद ...

मौलाना रावण, B-टाउन सीता और लंगूर जैसे वानर, आदिपुरुष टीज़र महामारी है​ ​​

“आ रहा हूँ, अधर्म का विध्वंस करने!” वाह, इस संवाद पर तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठेगी और इसी शंखनाद के साथ ‘आदिपुरुष’ का महापर्व प्रारंभ हुआ है। परंतु, इस फिल्म की एक झलक से प्रतीत होता है कि ...

ऋषिकेश मुखर्जी: फिल्मकार जो सरल लेकिन ऐसी फिल्में बनाता था जिन्हें पीढ़ियां याद रखें

‘गोलमाल है भई सब गोलमाल है, सीधे रास्ते की एक टेढ़ी चाल है, गोलमाल है भई सब गोलमाल है!” कुछ स्मरण हुआ? एक युग ऐसा भी था जब लोगों को सिनेमाघरों में आकर्षित करने के लिए न चमचमाती गाड़ी ...

बॉयकॉट बॉलीवुड का कमाल, पिछले 9 महीने में रिलीज हुई 60 फिल्मों में से मात्र 3 रही हिट

बॉलीवुड पर साढ़े साती छाई हुई है आप इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकते। लोगों को बॉलीवुड के कंटेंट पसंद नहीं आ रहे हैं आप इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते। बॉलीवुड वाले सिर्फ ...

10 में से 1: भारतीय सिनेमा में बॉलीवुड की यही औकात रह गई है

बॉलीवुड की हालत अस्पताल में पड़े उस मरीज के समान हो गई है जो अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। फ्लॉप पर फ्लॉप, एक से बढ़कर एक फ्लॉप, लगातार फ्लॉप, कुछ बनाओ तो फ्लॉप, कुछ बड़ा बनाओ तो भी ...

महिलाओं को विज्ञापनों में वस्तु की तरह प्रस्तुत करते जाओ और पैसा कमाते जाओ

Layer'r Shot परफ्यूम ने जून महीने में दो विज्ञापन जारी किए और ये दोनों ही विज्ञापन अस्वीकार्य और विचित्र थे। विज्ञापन के नाम पर ये दोनों ही ऐसी भयावह सामग्री थे कि लोगों ने इस घटिया विज्ञापन को बनाने ...

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