बस्तर में कैसे दम तोड़ रहा नक्सलवाद?
29 April 2024
आजकल सोशल मीडिया पर खुद को ज्यादा बुद्धिजीवी साबित करने की होड़ मची हुई है। ऐसे में ज्यादातर लोग आवेगशील हो रहे हैं। बिना पूरा सच जाने या बिना तथ्यों को देखें सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर देते है। उदाहरण के लिए आप शशि थरूर को ही देख लीजिए। ...
इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ENBA अवार्ड 2020 में कुल पाँच श्रेणियों में पुरस्कार मिला है। आप यह न समझें कि यह पुरस्कार बेस्ट फेक न्यूज़ की कैटेगरी में मिले हैं। राजदीप सरदेसाई को बेस्ट एंकर, बेस्ट न्यूज़कवरेज, बेस्ट टॉक शो, अंतराष्ट्रीय विषयों पर बेस्ट न्यूज़ कवरेज और ...
जिन्हें भी लग रहा था कि लाल किला पर हमला करने वाले, देश को फेक न्यूज़ के माध्यम से भ्रमित करने वाले और उनके राजनीतिक या बौद्धिक आका हर बार की तरह बच के निकल जाएंगे, उन्हें यूपी पुलिस यथार्थ की घुट्टी पिलाने के लिए पूरी तरह तैयार है। राजदीप ...
पहले झूठ फैलाओ, फिर उस झूठ का बचाव करो, और जब इसके बाद भी आप कार्रवाई से न बच पाएँ, तो आपकी पैरवी के लिए पूरा कुनबा घड़ियाली आँसू बहाने के लिए तैयार तो है ही। कुछ ऐसा ही विचित्र नजारा देखने को मिला जब लाल किले पर हुए हमले ...
राजदीप सरदेसाई को जानबूझकर दिल्ली पुलिस के विरुद्ध झूठी खबरें प्रसारित करना बहुत महंगा पड़ गया है। पहले तो सच्चाई सामने आने पर उसे अपना भड़काऊ ट्वीट डिलीट करना पड़ा, और फिर उसे इंडिया टुडे ने भी दो हफ्तों तक ऑन एयर आने पर रोक लगा दी है, और एक ...
इस समय दो लोगों का भाग्य सबसे खराब चल रहा है – राजदीप सरदेसाई और इमरान खान। दोनों कुछ भी करते हैं, तो सोशल मीडिया पर हंसी के पात्र बन जाते हैं, और कभी-कभी तो अपने-अपने देशों के लिए चिंताजनक भी। ऐसे ही लाल किले पर अराजक तत्वों को भड़काने ...
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर को शर्मसार होना पड़ा, जब उग्रवादियों ने बैरिकेड तोड़कर ट्रेक्टर रैली के नाम पर लाल किला पर धावा बोला और गुंडागर्दी की। नांगलोई क्षेत्र और ITO के निकट भी उग्रवादियों ने उपद्रव मचाया, और करीब 300 दिल्ली पुलिस के कर्मचारी घायल हुए। लेकिन ...
सफ़ेद झूठ बोलना तो कोई इंडिया टुडे से सीखे। जिस प्रकार से वह सुशांत सिंह राजपूत के मामले में अति सक्रिय होकर इस मामले को आत्महत्या सिद्ध करने पर तुला हुआ है, वो देखते ही बनता है। लेकिन अपने अतिउत्साह में उन्होंने एक ऐसा झूठ फैलाया, जिसके कारण एक बार ...
एक होते हैं नीच, फिर आते हैं निकृष्ट और फिर आते हैं राजदीप सरदेसाई जैसे पत्रकार। अपने एजेंडे को सच सिद्ध करने के लिए ये व्यक्ति इस हद तक गिर सकता है कि, रवीश कुमार जैसा प्रोपगैंडावादी भी देवता लगे। जहां सीबीआई की पड़ताल में सुशांत सिंह राजपूत के मामले ...
भारत में कई प्रकार के पत्रकार हैं, जैसे कुछ काली स्क्रीन वाले, कुछ “Nation Wants to know” कहने वाले और कुछ लोग अपने चैनल के जरिये पाकिस्तान की मदद करने वाले। लेकिन राजदीप सरदेसाई जैसा कोई नहीं है। मतलब अपनी इतनी बेइज्जती कौन करता है भाई? आखिर ये सवाल भी ...
सीएए विरोध के नाम पर शाहीन बाग को दोहराने का प्रयास देखते ही दखते ही हिंसक हो गया, जिसकी चपेट में पूर्वोत्तर दिल्ली के कई इलाके आये हैं। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल समेत 35 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 250 से ज़्यादा ...
CAA विरोधी और देश की लिबरल मीडिया केंद्र सरकार के रुख से इतने हताश हो गए हैं कि अब उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को अपने निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। ऐसा ही हमें हाल ही में इंडिया टूड़े पर देखने को मिला जब CAA के खिलाफ ...