'स्वतंत्रता सेनानी' के लिए खोज परिणाम

हृदयनाथ मंगेशकर : जिन्हे उनकी कला का उचित सम्मान नहीं मिला

बालासाहेब नाम सुनते ही आप मन में किसका नाम सर्वप्रथम आता है? शिवसेना के प्रमुख बाल ठाकरे का, नहीं? और अगर हम आपको बताएं कि एक और "बालासाहेब" हैं, जिनका राजनीति से दूर दूर तक कोई नाता नहीं, तो? ...

श्री औरोबिन्दो: निस्संदेह एक उत्तम भारतीय बुद्धिजीवी जिन्हे कभी उनका उचित सम्मान नहीं मिला

जब भारतीय बुद्धिजीवियों की बात हो, तब आपके मस्तिष्क में किनके नाम आते हैं? एपीजे अब्दुल कलाम, अमर्त्य सेन, शशि थरूर जैसे लोगों के ना? अगर तनिक पीछे जाएँ, तो स्मरण में स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, या ...

रणबीर कपूर बनेंगे राम, आलिया भट्ट हो सकती सीता। एक और रामायण तैयार हो रही

भारतीय सिनेमा महाकाव्यों से अनभिज्ञ है, और ओम राउत के "आदिपुरुष" के साथ सही मात्रा में चर्चा पैदा करने के साथ, ऐसा लगता है कि भव्य महाकाव्य "रामायण" का चित्रण अब भारतीय सिनेमा के दिग्गजों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा ...

राहुल का दिव्य ज्ञान: मोतीलाल थे NRI, पटेल थे NRI, हम सब हैं NRI!

Rahul Gandhi NRI speech: भारतीय राजनीति के भव्य रंगमंच में, कुछ पात्र ऐसे हैं जो विस्मित करने से कभी नहीं चूकते। इन आकर्षक हस्तियों के बीच राहुल गांधी की अपनी अलग पहचान है। राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर राहुल ...

लिबरलों के रातों की नींद उड़ाने आ रहे हैं राम चरण!

“अब और भागना नहीं है, बस भगाना है!” जब “रामम राघवम” के उद्घोष के साथ राम चरण ने “RRR” में इस संवाद को दोहराया था, तो किसे प्रतीत होगा की इसका वह अक्षरश: पालन भी करेंगे! बॉलीवुड से लेकर ...

गर्दा उड़ा दिया है रणदीप हुड्डा ने “स्वातंत्र्यवीर सावरकर” के टीज़र में!

“मूल्यवान तो सोने की लंका भी थी, परंतु जब बात किसी के स्वतंत्रता की हो, तो रावण का राज हो या ब्रिटिश राज, दहन तो होके रहेगा!” किसने सोचा था कि जिस स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम करने में कोई ...

28th May 2023: भारत के लिए अभूतपूर्व, तो वामपंथियों के लिए दर्दनाक

28 मई 2023 को, भारत कई महत्वपूर्ण घटनाओं का गवाह बना जिसने वामपंथियों को गजब का डिसप्रेसन यानि अवसाद दिया। सनातनी परंपराओं से अभिभूत नए संसद भवन के भव्य उद्घाटन से लेकर वीर सावरकर फिल्मों की घोषणा और प्रतिष्ठित ...

पांडुरम खानखोजे की दुखद उपेक्षा

न जाने भारत में कितने ऐसे श्रेष्ठ व्यक्ति हुए हैं। जिनकी इतिहास में घनघोर उपेक्षा हुई है। जिनके हिमालय सदृश व्यक्तित्व और योगदान को राई समान प्रस्तुत किया गया है। उन्हें चंद पृष्ठों और चंद शब्दों में समेट दिया ...

इंडिया हाउस: भारत के क्रांतिकारी आंदोलन का उद्गम स्थल

इंडिया हाउस: भारत को विदेशी आक्रांताओ से स्वतंत्रता दिलाने में क्रांतिकारियों के बलिदानों की गणना करना उतना ही कठिन है जितना नीलगगन के नवरत्नों की गणना करना। ये इसलिये क्योंकि ना जाने कितने क्रांतिकारी फांसी के फंदे पर झूले ...

“चीन की जासूसी की, पिस्तौल लेकर चलते थे, 15 वर्ष हिमालय में घूमते रहे”, स्वामी प्रणवानंद की कहानी

भारत एक ऐसा देश है, जहां साधु/स्वामी-संतों का बहुत महत्व रहा है। वैसे तो साधु(सन्यासी) का मूल उद्देश्य समाज का पथ प्रदर्शन करके उनको धर्म के मार्ग पर चलाना होता है लेकिन भारत में एक ऐसे भी साधु हुए ...

जे बी कृपलानी, जो 1947 में कांग्रेस अध्यक्ष थे लेकिन नेहरू का विरोध किया तो…

सत्ता अंग्रेजों के हाथों से भारतीयों के हाथों में आ गई थी। देश आजाद हो चुका था। स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने वाले सभी प्रभावशाली लोग संविधान सभा से होते हुए बड़े-बड़े पदों पर आसीन हो गए थे। अंग्रेजों ...

भगत सिंह की जीवनी हिंदी में : शिक्षा एवं तथ्य

Bhagat Singh Biography in Hindi : भगत सिंह की जीवनी हिंदी में : शिक्षा एवं तथ्य स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे  Bhagat Singh Biography in Hindi साथ ही इससे जुड़े शिक्षा एवं तथ्य के ...

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