'‘लाल सिंह चड्ढा’' के लिए खोज परिणाम

फ्लॉप-फ्लॉप से बॉलीवुड में त्राहिमाम के बीच खान गैंग की हालत हुई खराब

आप सभी जानते ही होंगे 'गंगूबाई काठियावाड़ी' फ्लॉप, 'बच्चन पांडे' फ्लॉप, 'हीरोपंती 2' फ्लॉप, 'शाबाश मिट्ठू' फ्लॉप, 'अनेक' फ्लॉप और 'शमशेरा' भी सुपर डुपर फ्लॉप जिसको देखकर आमिर खान और शाहरुख खान की हालत बहुत पतली हो चली है। ...

आमिर खान कलाकृतियों को बिगाड़ने में निस्संदेह एक परफेक्शनिस्ट हैं!

जांच परख के बाद अब समझ में आया है कि आमिर खान किस चीज में वास्तव में ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ कहलाने योग्य है। इस लेख में हम जानेंगे कि आमिर खान कैसे किसी भी अच्छी फिल्म को अपने थर्ड क्लास ...

आखिरी “खान स्टार” सैफ अली खान थे और वे 1993 में आए थे

सूर्यवंशी, द कश्मीर फाइल्स, भूल भुलैया 2, इनमें समान बात क्या है? ये सभी भारतीय फिल्म उद्योग विशेषकर बॉलीवुड की वो फिल्में हैं जो कोविड के प्रचंड लहर के पश्चात बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ने में सफल ...

द कश्मीर फाइल्स पर आमिर खान की अविश्वसनीय प्रशंसा के पीछे बहुत कुछ छिपा है

विवेक अग्निहोत्री की ब्लॉकबस्टर हिट ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने भारतीय सिनेमा में सफलता का एक नया अध्याय लिख दिया है। वामपंथियों के लाख अड़ंगों के बाद भी ये फिल्म न केवल सफल हुई है, अपितु अब घरेलू स्तर पर ...

Sandalwood सुपरस्टार यश बॉलीवुड के खानों की बखिया उधेड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं!

KGF – Chapter 2 रिलीज़- आपने टाइटैनिक नहीं देखी, तो विश्वास मानिए कुछ नहीं देखा। अब आप भी सोच रहे होंगे, आखिर इसका तात्पर्य क्या है? उस मूवी में लाख चेतावनी के बावजूद जहाज़ का संचालक कैप्टन स्मिथ आइसबर्ग ...

पुष्पा: नाम सुनके फ्लावर समझी क्या? फायर है अल्लू अर्जुन

“पुष्पा नाम सुनके फ्लावर समझी क्या? फायर हूँ मैं!” यह केवल संवाद नहीं, बॉक्स ऑफिस पर प्रत्यक्ष प्रमाण है, क्योंकि हर तरफ अल्लू अर्जुन के चर्चे हैं। इस समय हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। Omicron के संक्रमण के ...

कैसे अखिल भारतीय फिल्में बॉलीवुड के वर्चस्व को ध्वस्त करने चली हैं

Pushpa – The Rise - आप इस कहावत से भलीभांति परिचित होंगें-'लोहा ही लोहे को काटता है' वो कैसे? हाल ही में ‘Spider Man –No Way Home’ फिल्म ने ना सिर्फ भारत भर में धूम मचा रखी है अपितु ...

कॉपी, पेस्ट और रीमेक- बॉलीवुड के पास कोई नई कहानी, आइडिया और Creativity नहीं बची है

इन दिनों बॉलीवुड में मानो रचनात्मकता बची ही नहीं है। आज बॉलीवुड सिर्फ ‘कट कॉपी पेस्ट’ की एक घटिया फैक्ट्री बनकर रह गया है, जहां पर हॉलीवुड हो या फिर क्षेत्रीय फिल्म उद्योग, इनके बेहतरीन फिल्मों की रीमेक ही ...

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