दो और राज्यों में बीजेपी की जीत निश्चित
कहते हैं कि परिवर्तन ही संसार का नियम है, मैं भी इस कथन में गहरा विश्वास रखता हूँ क्योंकि अगर कुछ चीजों को हमने समय रहते नहीं बदला तो फिर ये हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। परिवर्तन ...
कहते हैं कि परिवर्तन ही संसार का नियम है, मैं भी इस कथन में गहरा विश्वास रखता हूँ क्योंकि अगर कुछ चीजों को हमने समय रहते नहीं बदला तो फिर ये हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। परिवर्तन ...
एक और हिंदी पट्टी प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं, अरे भई अपने उत्तर प्रदेश में. सभी पार्टियों के बयान सुनकर तो लग रहा हैं क़ि चुनाव 90 के दशक के यूपी चुनाव की तरह लड़े जायेंगे. सभी पार्टियां ...
बलूचिस्तान में लगातार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है और इससे अंजान , “चाइना की जान” ,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ , कश्मीर और बुरहान वानी का मुद्दा उठा रहे है , वैसै वो अपना गिरा हुआ ज़मीर ...
जिला सिवान, साल 1996, एक इंसान चंदा बाबु, गल्ला पट्टी बड़ा बाजार इलाके में एक किराना दुकान थी, वहीं बगल में चंदा बाबु का घर भी था, अच्छा-खासा बड़ा परिवार, पति-पत्नी, चार बेटे-दो बेटियां। काफी मेहनती आदमी थे चंदा ...
वैसे तो हमारे देश की राजनीति में हाल के वर्षों में काफी परिवर्तन हुए हैं, कई मामलों में राजनेता और भी जिम्मेदार हुए हैं। सोशल मीडिया के कारण लोग भी जागरूक हो रहें हैं और सरकार तथा नेताओं से ...
बड़े- बुजुर्ग कह गए हैं कि एक आदर्श परिवार वही होता है जिसके सदस्य स्वयं का स्वार्थ त्याग करके परिवार में आपसी सदभाव को बनाये रखतें हैं, अगर सदस्यों पे स्वार्थ हावी हो गया तो परिवार में मतभेद और ...
उत्तर प्रदेश में चुनाव अभियान का शंखनाद हो चूका है, छोटे-बड़े सभी दल सत्ता सुख के लिए हाथ-पावँ मारने में लगे हुए हैं। यूपी की लड़ाई में वैसे तो भाजपा, बसपा और सपा प्रमुख चेहरें हैं मगर इस बार ...
आज कल की मीडिया कालिख से ढके उस तवे की तरह है जिसका असली रंग तब तक नहीं दीखता जब की उसे अच्छी तरह से खुरच खुरच के साफ़ नहीं किया जाए. ठीक वैसे हीं, आज कल जितनी भी ...
जैसा मैं हमेशा से कहता हूँ उलझा हुआ उत्तर प्रदेश, इतना उलझा कि बड़े-बड़े चुनावी विश्लेषकों को यहाँ के मतदाताओं का मूड समझ में नहीं आता। उत्तर प्रदेश सभी राजनीतिक दलों के लिए चुनौती रहा है, चाहे वो राष्ट्रीय ...
बिहार चुनाव महागठबंधन की महाजीत के साथ समाप्त हो चुका है | आरोप-प्रत्यारोप का एक स्वाभाविक दौर शुरू हुआ है | छीछालेदर की जो कसर चुनाव में रह गयी थी वो दिवाली की रात जलने में असफल पटाखों की ...
सदियों पहले भारत एक रूढ़िवादी देश हुआ करता था | यहाँ के लोग तर्क-तथ्य जैसी निरर्थक क्रियाओं में समय नष्ट कर देते थे | कुछ तो इतने मूर्ख थे कि बोलने से पहले समझते और समझने से पहले सोचते थे ...
बात बहुत पुरानी है | रामायण अभी लिखी जानी बाकी थी | पता नहीं उस समय तक किसी का इरादा भी था कि नहीं | ज्यों त्यों लिख ही दी गयी | परिणाम अच्छा ही रहा | पर अगर ...
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