प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग को ऐसे इग्नोर किया मानो वो वहां हो ही नहीं
चाहे पथ में शूल बिछाओ चाहे ज्वालामुखी बसाओ, किंतु मुझे जब जाना ही है तलवारों की धारों पर भी, हँस कर पैर बढ़ा लूँगा मैं! हार न अपनी मानूंगा मैं! गोपालदास नीरज की यह कविता मैंने आपको एक ...