'बुद्धिजीवी' के लिए खोज परिणाम

Atiq Ahmed Case: क्या अतीक अहमद भी “फिल्मी लीजेंड” बनेंगे?

Atiq Ahmed Case: अतीक अहमद की मृत्यु से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। क्या बुद्धिजीवी, क्या राजनीतिज्ञ, सभी अतीक पर अपने अपने विचार प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में फिल्म उद्योग का पीछे रहना लगभग असंभव है, और यहीं ...

कॉर्पोरेट जगत के नाम उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का महत्वपूर्ण संदेश

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत विरोधी एजेंसियों एवं कार्यकर्ताओं को काफी सहायता मिलती आई है। परंतु अब इस पर रोक लगाने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक अनोखा उपाय निकाला है। हाल ही में उद्योगपतियों ...

बीर टिकेन्द्रजीत : जिसने मणिपुर और भारत के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया

भारत का इतिहास एक सागर समान हैं, जितना ही गहरा जाओ, कुछ न कुछ नया ही जानने को मिलता है। हमें पूर्व में ये बताया जाता था  कि गांधी और नेहरू के कारण ही देश स्वतंत्र हुआ था, और ...

मिलिये उनसे, जो अब भी RRR को नीचा दिखाने में लगे रहे हैं

पांचों उँगलियाँ कभी एक समान नहीं हो सकती। ठीक इसी भांति सभी एक विषय पर एकमत हों, ऐसा शायद ही कभी हो सकता है। परंतु किसी वस्तु या विषय से असहमति एक बात है, और अपनी कुंठा में उस ...

प्रस्तुत करते हैं, देश विरोधी, हिंदू विरोधी, मुस्लिम विरोधी आरफ़ा खानम शेरवानी

आरफ़ा खानम शेरवानी का नाम आपने सुना होगा, यदि नहीं सुना है तो हम आपको बता देते हैं, आरफ़ा खानम शेरवानी स्वयं को पत्रकार बताती हैं और वो The Wire नाम की एक कथित न्यूज़ वेबसाइट में काम करती ...

जब अंग्रेजी में बात कर रही थी नेहरू की बहन और स्टालिन ने कर दी घनघोर बेइज्जती

हम भारतीयों की एक बड़ी खराब आदत है: नकलची बंदर होने की। आजकल तो विदेश नीति से लेकर उत्पाद निर्माण में भी स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दी जा रही है। परंतु एक समय वो भी था, जब हर ...

एकटा छला गोनू झा: चतुर और ज्ञानी गोनू झा जिनके पास था हर समस्या का समाधान

हर प्राचीन प्रांत की अपनी कथा और रीति होती है। एक ऐसा ही प्रांत था मिथिलांचल, जिसमें वर्तमान बिहार के दरभंगा, सीतामढ़ी, मुंगेर, मधुबनी एवं मुज़फ्फ़रपुर जैसे नगर समाहित हैं। बागमती नदी के निकट स्थित दरभंगा एक समय इसी ...

“सीता के साथ बैठकर दिन में शराब पीते थे राम”, लेखक केएस भगवान ने और भी बहुत कुछ बोला है, सनातन धर्म पर ही हमला क्यों?

कहा जाता है कि एक लेखक का अपना कुछ नहीं होता, जो होता है वो सारे संसार का होता है। एक लेखक की विचारधारा जिम्मेदारी भरी होनी चाहिए। हमारे देश में कई लेखक खुद को लेकर दावा करते हैं ...

“जाति के नाम पर हिंसा, भरी दोपहर में गुंडों का डर, भयग्रस्त लोग”, नीतीश कुमार बिहार को दोबारा से ‘पुराना बिहार’ बनाना चाहते हैं?

बिहार देश का एक अद्भुत प्रदेश है। यहां की राजनीति और राजनेता दोनों ही किसी न किसी विषय को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। मौजूदा दौर में बिहार की राजनीति में चर्चा का केंद्र जातिगत जनगणना है। बिहार में ...

“हिंदुत्व थोपा जा रहा है, माहौल खराब है…”, प्रतीत होता है 68 वर्ष से मल्लिका साराभाई ने समाचार नहीं देखे

अगर आपने ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ देखा है, तो आपने शिक्षक आत्माराम तुकाराम भिड़े को अवश्य देखा होगा। जब भी वह समाज में होती उथल पुथल को देखते, तो वे निराश होकर अपने समय के परिस्थितियों की प्रशंसा ...

सआदत हसन मंटो: एक ओवररेटेड ‘पोर्नोग्राफर’, जिसे उर्दू लॉबी ने लीजेंड बनाकर रख दिया

सआदत हसन मंटो, एक ऐसा नाम जिनकी रचनाओं में कथित तौर पर जान होती थी। जिन्हें देश में साहित्य के आधारस्तम्भ के रूप में चित्रित किया गया और उन्हें ऐसे पेश किया गया, जैसे वो न होते तो देश ...

फिल्म समीक्षक मसान को बड़ी तोप फिल्म बताते हैं, लेकिन क्यों? उसमें है क्या?

फिल्में समाज के दर्पण के समान होती है। अगर ये कथन सत्य है तो फिर तो हमारा देश घोर संकट में है, क्योंकि यहां जिन फिल्मों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए, उन्हें बुद्धिजीवी और कभी कभी तो ...

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