'बुद्धिजीवी' के लिए खोज परिणाम

फिल्म समीक्षक मसान को बड़ी तोप फिल्म बताते हैं, लेकिन क्यों? उसमें है क्या?

फिल्में समाज के दर्पण के समान होती है। अगर ये कथन सत्य है तो फिर तो हमारा देश घोर संकट में है, क्योंकि यहां जिन फिल्मों को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए, उन्हें बुद्धिजीवी और कभी कभी तो ...

अंग्रेजों ने सुनियोजित तरीके से भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बर्बाद क्यों किया?

भारत, एक ऐसा नाम जो अपने-आप में ही अद्भुत, अतुलनीय और अकल्पनीय रहस्यों को समेटे हुए है। परन्तु जब इसके इतिहास की बात आती है तो हमें अरबी लुटेरों के आक्रमण से लेकर अंग्रजी लुटोरों के शासन करने तक ...

हनुमान जी का वह चरित्र जिसके बारे में कोई बात नहीं करता

सनातन संस्कृति में वैसे तो सभी धर्म ग्रंथ अद्भुत, अतुलनीय और पूजनीय हैं परंतु भगवान श्रीराम की जीवन गाथा “रामायण” की बात ही कुछ अलग हैं। माना जाता हैं कि रामायण का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि और ...

‘The LallanTop’ पर डॉ विकास दिव्यकीर्ति की रामायण व्याख्या सुनी? अब अतुल मिश्रा का प्रत्युत्तर पढ़िए

कुछ दिनों पूर्व दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान के संस्थापक डॉ विकास दिव्यकीर्ति के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। उनमें से एक वीडियो मैंने देखा जोकि शंबूक वध से संबंधित था। क्योंकि मैं बाल्यावस्था से ही वाल्मीकि ...

प्राचीन भारत के वो महान वैज्ञानिक जिन्हें आधुनिक भारत ने भुला दिया

Ancient Indian Scientists - इस दुनिया में जो कुछ है सब उन्हीं की देन है, बाकी सब तो मिथ्या है। सांस ले पा रहे हैं न? खाना बनाकर खा रहे हैं न? सब उन्हीं की देन है। अब आप ...

सुभाष चंद्र बोस की फाइलों को फिर से खोलने चाहते हैं राजनाथ सिंह?

सुभाषचंद्र बोस फाइल्स - भारत को स्वतंत्र कराने में वैसे तो असंख्य देशभक्तों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, परंतु समस्या यह है कि केवल कुछ लोगों को आजादी का श्रेय देकर हमेशा से ही उनका गुणगान किया जाता रहा है। ...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘इस्लाम’ और ‘ईसाई धर्म’ की ‘शुद्धता’ को बचाने में लगे हैं

Modi Government on reservation- देश में आरक्षण का मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसमें सवाल यह है कि धर्म परिवर्तन कर 'इस्लाम' या 'ईसाई' धर्म अपना चुके अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण मिलना चाहिए या नही? ...

गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार बताया जाता है, लेकिन क्या यह सच है?

जोसेफ गोएबेल्स ने कहा था, "किसी झूठ को निरंतर बताते जाइये और इतना दोहराइये कि लोग उसे सत्य मानने लगे" यह आज के परिप्रेक्ष्य में काफी सटीक बैठता है, विशेषकर वर्तमान भारत पर, क्योंकि यहाँ कई गल्प कथाएं हैं, ...

समान नागरिक संहिता के आने की गूंज सुन पा रहे हैं आप?

'मोदी है तो मुमकिन है', यह अब केवल एक नारा नहीं बल्कि हकीकत बन चुका है। वर्ष 2014 में जब से भाजपा सत्ता में आयी है, तब से उसने कई ऐसे कार्य संभव करके दिखा दिये, जो कभी असंभव ...

200 वर्षों से इन ब्राह्मणों ने नहीं मनाई दिवाली, बल्कि उस दिन शोक में डूब जाते हैं

पूरे देश में दीपावली का त्यौहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। दीये जलाकर घरों को दुल्हन की तरह सजाया गया। अपने आस पड़ोस में मिठाइयां बांटकर लोगों ने एक दूसरे के साथ खुशियां बांटीं। यहां ...

POK को लेकर राजनाथ सिंह की गर्जना कराची से लेकर इस्लामाबाद तक सुनाई दे रही है

राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को शक्ति और सामर्थ्य से ही बनाए रखा जा सकता है। दूसरी बात, अगर आप में शक्ति नहीं होगी, तब तक आपके अधिकारों के लिए कोई नहीं लड़ेगा और आपको धोखा मिलता रहेगा। भारत ...

हिंदू त्योहारों पर वामपंथियों के नैरेटिव की निकली हवा, तो अब ‘धुंध-धुंध’ चिल्लाने लगे

आखिरकार दिवाली पर वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी। दिवाली पर दिल्ली में लोगों ने जमकर पटाखे चलाए। पटाखे तो प्रत्येक वर्ष लोग चलाते ही हैं लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दिल्ली सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ...

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