क्या मां काली का अपमानजनक पोस्टर ‘ईशनिंदा’ के अंतर्गत नहीं आता मी-लॉर्ड?
भावनाएं तो अल्पसंख्यकों की ही आहत होती हैं भारत में, बहुसंख्यक तो आज भी पत्थर समान हृदय रखते हैं। नरम हृदय वाले तो मात्र अल्पसंख्यक हैं इस देश में, जिनका हृदय क्षणभर में पसीज जाता है, बहुसंख्यक तो छाती ...