अब भारत और रूस होंगे डॉलर मुक्त! यह है पूरी प्लानिंग
ठीक ही कहा गया है कि किसी का भी घमंड ज्यादा समय तक नहीं टिकता, एक दिन इसका अंत निश्चित है। घमंडी अमेरिका कथित महाशक्ति बनकर विश्व पर अपना दबदबा बनाए रखना चाहता है। वो चाहता है कि पूरी ...
ठीक ही कहा गया है कि किसी का भी घमंड ज्यादा समय तक नहीं टिकता, एक दिन इसका अंत निश्चित है। घमंडी अमेरिका कथित महाशक्ति बनकर विश्व पर अपना दबदबा बनाए रखना चाहता है। वो चाहता है कि पूरी ...
मतलब कहीं का ईंट, कहीं का रोडा भानुमति का कुनबा जोडा। आज मीडिया का व्यवहार कुछ ऐसा ही है जहां वो तथ्यों को साईड कर, तथ्यों को तोड़ मरोड़कर अपनी कलाकारी में मदमस्त है। जो बात वास्तव में कही ...
भारत हमेशा से ही आतंकवाद का शिकार रहा है। तमाम आतंकियों संगठनों के निशाने पर भारत रहता है। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के भारत को दहलाने की योजना पर बड़ा खुलासा हुआ। सोमवार को ...
मुश्किल समय में जो साथ निभाए वही सच्चा दोस्त होता है। जब यूक्रेन के विरुद्ध रूस ने युद्ध छेड़ा तो भारत उसके साथ सच्चे दोस्त की तरह खड़ा रहा। पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने रूस के ...
देखा जाए तो पिछले कुछ समय से विश्व में अशांति बढ़ रही है। वर्तमान समय में कई देश एक दूसरे के आमने सामने खड़े है। रूस और यूक्रेन के बीच तो महीनों से युद्ध जारी है। वहीं अमेरिका और ...
लातों के भूत बातों से नहीं मानते। परंतु ये बात कुछ लोगों को हजम नहीं होती और बार बार उन्हें स्मरण कराना पड़ता है। इस बात को सार्वजनिक करते हुए विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रूस के ...
अप्रैल माह में आयी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 के पहले 11 महीनों में रूस से भारत का आयात बढ़कर 8.69 बिलियन डॉलर हो गया, जो कि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में दर्ज 5.48 बिलियन डॉलर के ...
यूक्रेनी बलों ने स्कूलों और अस्पतालों सहित आबादी वाले रिहायशी इलाकों में अपने मिलिट्री ठिकाने स्थापित करके और हथियार प्रणाली चलाकर नागरिकों को जोखिम में डाला है। इस तरह की रणनीति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करती है और ...
रेत के टीलों में टेंट बनाकर रहने वाले इतने धनाढ्य इसलिए हो गए क्योंकि इनके पुरखों ने रेतीली जमीन के नीचे से कच्चे तेल की खोज कर ली। वहीं आज ईंधन के तौर पर कच्चे तेल की आवश्यकता पूरे ...
'आइए, रशिया में आपका स्वागत है', कुछ इसी अंदाज में रूस ने भारतीय कंपनियों के लिए अपने द्वार खोले हैं। दोस्ती की अगर कभी मिसाल दी जाएगी तो उसमें भारत और रूस का नाम शीर्ष पर आएगा। पश्चिमी दबाव ...
कहते है कि किसी देश की कमान अगर मजबूत हाथों में हो तो देश नित नए ऊंचाईयों पर पहुंचता है। वहीं, अगर कोई कमजोर व्यक्ति देश का नेतृत्व करने लग जाए तो उसका बेड़ागर्क होने से कोई नहीं बचा ...
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत तो आपने बहुत बार सुनी होगी कि कैसे कुछ लोग स्वयं का ही बेड़ागर्क करा लेते है। ऐसा ही कुछ रूस-यूक्रेन के दौरान तमाम देशों ने भी किया। रूस ने यूक्रेन के ...
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