EVM पर सवाल उठाने वालों को लगा सुप्रीम झटका।
29 April 2024
बस्तर में कैसे दम तोड़ रहा नक्सलवाद?
29 April 2024
कश्मीर घाटी में कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ़ के जवान के साथ की गई अमानवीय बदसलूकी पर कोलकाता नाईट राइडर्स टीम के कप्तान गौतम गंभीर के ट्वीट पर मचा बवाल अभी शांत भी नही हुआ था की सोमवार सुबह बॉलीवुड के मशहूर गायक एवं प्लेबैक सिंगर सोनू निगम के ट्वीट ने ...
कश्मीर घाटी में सीआरपीएफ़ के जवान के साथ हुई अमानवीय बदसलूकी की अग्नि अभी ठंडी भी नहीं हुयी, की मशहूर क्रिकेटर और मौजूदा आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स टीम के कप्तान, गौतम गंभीर के दो ट्वीट ने मानो सोश्ल मीडिया और भारतीय जनमानस में भूचाल ला दिया। निम्नलिखित ट्वीट श्री गंभीर ...
अक्षय कुमार को अपनी फ़िल्म "रुस्तम" के लिए नेशनल अवार्ड क्या मिला लिबरल खेमे में रुदाली शुरू हो गई। वैसे लिबरल खेमे के लिए दुःख की बात ये है कि अक्षय कुमार को नेशनल अवार्ड देने का निर्णय अप्रैल में लिया गया, अगर यही निर्णय मार्च में ले लिया जाता ...
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में संपन्न हुये बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट श्रृंखला में विराट कोहली के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से धो दिया। पुरे श्रृंखला में भारत का दबदबा कायम था। लेकिन इस श्रृंखला को खेल के अलावा दूसरी बातों के लिये भी याद किया जायेगा। भारतीय ...
अरविन्द केजरीवाल, एक ऐसी शख्सियत जिसे देश का बच्चा-बच्चा पहचानता है इसलिए नहीं की वे काफी मेहनती और ईमानदार छवि के नेता हैं बल्कि इसलिए कि अराजकता और झूठ की राजनीति करने में इनका कोई सानी नहीं है। केजरीवाल अक्सर अपने विरोधियों पे तरह-तरह के इल्जाम लगाते रहते हैं जबकि ...
बलूचिस्तान में लगातार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे है और इससे अंजान , “चाइना की जान” ,पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ , कश्मीर और बुरहान वानी का मुद्दा उठा रहे है , वैसै वो अपना गिरा हुआ ज़मीर उठाते तो शायद पाकिस्तान का कुछ भला हो सकता था। बलूचिस्तान ...
बिहार चुनाव महागठबंधन की महाजीत के साथ समाप्त हो चुका है | आरोप-प्रत्यारोप का एक स्वाभाविक दौर शुरू हुआ है | छीछालेदर की जो कसर चुनाव में रह गयी थी वो दिवाली की रात जलने में असफल पटाखों की तरह अब निकल रही | बिहार की राजनीति का ज़रा सा ...
सदियों पहले भारत एक रूढ़िवादी देश हुआ करता था | यहाँ के लोग तर्क-तथ्य जैसी निरर्थक क्रियाओं में समय नष्ट कर देते थे | कुछ तो इतने मूर्ख थे कि बोलने से पहले समझते और समझने से पहले सोचते थे | वैज्ञानिक नाम मात्र के ही थे | एक आर्यभट्ट था ...
वक़्त के साथ-साथ अगर कुछ सबसे तेजी से बदला है तो वो है हमारी त्योहारों की परिभाषा। आज की महानगरों की भाग-दौड़ भरी दुनिया में अब त्यौहार नहीं आते, बस आती हैं तो केवल छुट्टियाँ। फ़ेसबुक के स्टेटस अपडेट और ट्विटर के ट्रेंड्स ना हों तो हमे पता भी ना ...