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विमुद्रीकरण मसले पर विपक्ष जनता की नब्ज़ पकड़ने में पूरी तरह से असफल रहा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विमुद्रीकरण की घोषणा करने के चंद मिनटों बाद ही देश में क्रांति की लहर उमड़ पड़ी थी| एक ओर ये एक ऐसी क्रांति थी जिसने काला कारोबार कर अवैध उगाही करने वालो पर एक ...

मनोज तिवारी बने बीजेपी दिल्ली के मुखिया: तुरुप का इक्का?

वैसे तो लोकतन्त्र में पार्टी नियुक्तियाँ कोई नई बात नहीं है, पर नोटबंदी के पश्चात भारतीय जनता पार्टी के अंदर कोई भी फेरबदल अब गिद्ध की तरह दृष्टि लगाए मीडिया और विपक्ष की आँखों में आना तो लाज़मी है। ...

नोटबंदी के हर विरोधी को आप भ्रष्ट नहीं कह सकते

नोटबंदी के बाद एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने मैं राजधानी रायपुर से 200 किमी दूर सुदूर एक ग्राम 'बेलगहना' गया. उस गाँव में एक बैंक और एक एटीएम हैं. गाँव में कुछ दुकानों पर जाकर मैंने नोटबंदी पर ...

जानिये ‘आप’ के विधायक क्या गुल खिला रहे हैं?

खबर है कि सरकार बनने के लगभग दो साल बाद भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 50 % से अधिक विधायको ने अपने "विधायक-कोष" में से एक भी पैसा अपने क्षेत्र के विकास के लिए ख़र्च नहीं किया ...

रविश कुमार को गुस्सा क्यों आता है?

कल रविश कुमार जी को जिस तरह के रूप में हमनें देखा इससे उनकी बौखलाहट साफ़ साफ़ नज़र आई. जिस पूर्वाग्रह के साथ वह कल बैठे थे, वो बात अब जनता समझ रही हैं. रविश कुमार साहब देशद्रोह के ...

आइये आप भी देखिये कश्मीर के ठेकेदारों का दोगलापन

भारत देश का मुकुट कहा जाने वाला कश्मीर बहुत समय से अलग-अलग समस्याओं से जूझ रहा है| कुछ समस्यायें पड़ोसी देश द्वारा पैदा की जा रही हैं और कुछ समस्यायें कश्मीर में अलगाववादी नेताओं द्वारा फैलाई जा रही हैं| ...

संग्रहालय तो ठीक है पर मंदिर कब बनायेंगे?

कुछ एकाध दशक पुरानी बात है जब भाजपा वाले गर्व से भर कर गलियों में चिल्लाते हुए दिखते थे, "बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का", "कल्याण सिंह कल्याण करो, मंदिर का निर्माण करो", इत्यादि। जब भाजपा सरकार ...

केजरीवाल के लिए दो साल की जेल?

अरविन्द केजरीवाल, एक ऐसी शख्सियत जिसे देश का बच्चा-बच्चा पहचानता है इसलिए नहीं की वे काफी मेहनती और ईमानदार छवि के नेता हैं बल्कि इसलिए कि अराजकता और झूठ की राजनीति करने में इनका कोई सानी नहीं है। केजरीवाल ...

दो और राज्यों में बीजेपी की जीत निश्चित

कहते हैं कि परिवर्तन ही संसार का नियम है, मैं भी इस कथन में गहरा विश्वास रखता हूँ क्योंकि अगर कुछ चीजों को हमने समय रहते नहीं बदला तो फिर ये हमारे लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं। परिवर्तन ...

आप कौन सी भाषा में सोंचते हैं?

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आज़ाद हुआ. और आज़ादी के साथ ही यह प्रश्न उठा क़ि इस बहुभाषी, विविध संस्कृति समेटे राष्ट्र की राजभाषा क्या होगी ? संविधान सभा के सदस्यों के काफी विचार-विमर्श के बाद 14 सितंबर ...

कोलकाता की इशरत और कट्टर मुस्लिम प्रथाओं की लड़ाई में किसकी होगी जीत ?

हमारे देश में 'धर्म' को लेकर खूब बवाल मचता है, इसी के नाम पे वोट बैंकों की राजनीति खूब फलती-फूलती है और नफरत और उन्माद फैलाना तो बहुत छोटी बात है। हमारे यहाँ हिंदुत्व की कुरीतियां उजागर कर, बतलाकर, ...

क्या मायावती भूल गयी हैं की ‘महिला विरोधी’ भाजपा ने ही बचाई थी उन की जान?

यूपी की राजनीति में आजकल बवाल मचा हुआ है, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, एक-दूसरे को सामूहिक मंच से गालियां बकी जा रही हैं, बलात्कार जैसे मामलों पे संवेदनहीन टिप्पणियाँ हो रही हैं। सारा हो-हल्ला उस समय शुरू हुआ ...

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