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केवल सेलिब्रिटीज ही नहीं, राजीव मसंद जैसे Bollywood के क्रिटिक्स भी नेपोटिज्म को बढ़ावा और ‘Outsiders’ का अपमान करते हैं

केवल सेलिब्रिटीज ही नहीं, राजीव मसंद जैसे Bollywood के क्रिटिक्स भी नेपोटिज्म को बढ़ावा और ‘Outsiders’ का अपमान करते हैं

हमारे फिल्म उद्योग में आलोचकों को भी उतना ही महत्व दिया जाता है, जितना किसी अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक इत्यादि को। एक आलोचक केवल फिल्म को मनोरंजन के नज़रिये से ही नहीं, अपितु हर एक पहलू से जांच परख कर देखता है और दर्शकों को सही मूवी चुनने के लिए ...

पीएम केयर फंड

पीएम केयर फंड का ऐलान होते ही लोगों ने भर-भर के किया दान, लिबरल गैंग जलकर हुई लाल-पीली

दुनिया में यदि एक चीज़ हमेशा यथावत रहेगी, तो वो है वामपंथियों की मोदी सरकार के प्रति घृणा। मोदी सरकार यदि विपरीत दिशा में फूँक भी मार दे, तो वो भी उन्हें नागवार गुज़रता है। हाल ही में पीएम मोदी ने वुहान वायरस में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं राहत ...

बॉलीवुड, फिल्म, तान्हाजी, लिबरल, वामपंथी, हिंदुफोबिया, शिकारा, छपाक,

No हिंदूफोबिया, No प्रोपेगेंडा- 2020 के शुरूआत में ही Bollywood के वामपंथियों को दर्शकों का जोरदार थप्पड़!

साल 2020 आए अभी दो महीने भी नहीं हुए हैं, परंतु बॉलीवुड की हालात काफी खस्ता हो गई है। ओम राऊत द्वारा निर्देशित ‘तान्हाजी – द अनसंग वॉरियर’ को छोड़ दिया जाए, तो हाल में रिलीज़ हुई कोई भी फिल्म 100 करोड़ का आंकड़ा नहीं पार कर पाई है, ब्लॉकबस्टर ...

शानदार कदम- सेलेब्रिटी अगर ‘गोरा करने वाली क्रीम’ का विज्ञापन करेंगे, तो तगड़ा जुर्माना भरना पड़ेगा

शानदार कदम- सेलेब्रिटी अगर ‘गोरा करने वाली क्रीम’ का विज्ञापन करेंगे, तो तगड़ा जुर्माना भरना पड़ेगा

भारत में गोरी त्वचा से कुछ अलग ही obsession है भैया। हमारे मार्केट में आदमी हो या औरत, सबकी त्वचा गोरी करने के लिए गार्नियर से लेकर फेयर एंड लवली जैसे ब्राण्ड्स की क्रीम्स की मानो लाइन लगी हुई है। गोरी त्वचा से लोगों का इस प्रकार का obsession है, ...

पाकिस्तान, यूएन

अयोध्या मामले पर भी UN में रो रहा था पाकिस्तान, भारत ने वहां भी तमाचे पर तमाचा मारा

पाकिस्तान ने कश्मीर मामले को अंतराष्ट्रीयकरण करने की नाकाम कोशिश की, हर जगह से उसे मुंह की खानी पड़ी। अब इसके बाद एक और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने और अंतराष्ट्रीयकरण करने की जुगत में लगा हुआ है और उसे वहां से भी भारत ने मुहतोड़ जवाब दिया ...

रोमिला थापर

वामपंथी इतिहासकार रोमिला थापर,जिन्होंने असली इतिहास की बजाए देश को कई दशकों तक भ्रमित किया

रोमिला थापर एक वामपंथी इतिहासकार हैं तथा उनके अध्ययन का मुख्य विषय "प्राचीन भारत का इतिहास" रहा है। रोमिला थापर का जन्म 30 नवंबर 1931 को लखनऊ में हुआ था। पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज से एएल बाशम के ...

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