दूध का दरिया है और डूब के जाना है, हाय रे पागल कांग्रेसी!
कहीं सुने थे, “ये इश्क नहीं आसान, बस इतना समझ लीजिए, इक आग का दरिया है और डूबके जाना है”। परंतु शायरी का ओवरडोज़ चढ़ाए काँग्रेसियों ने इसका अलग ही वर्जन निकाला है। फरमाते हैं, “ये चुनाव नहीं आसान, ...