‘वो आतंकवादी नहीं हैं’, भारत में इस्लामिस्ट वामपंथी तालिबान की आवाज बन रहे हैं
गैंग्स ऑफ वासेपुर में एक संवाद कहा गया था, जो आज कुछ लोगों पर बहुत सटीक बैठता है, “कुत्ता कभी अपनी जात नहीं बदलता, घोड़े को सौ डसनी मारो तो अपनी जगह से हिलता नहीं”। कुछ ऐसा ही हाल ...