ओह! तुम्हारे सुर कैसे बदल गए, अमेरिका ने ‘मानवाधिकार’ की बांसुरी बजाना बंद किया
आप सभी जानते होंगे एक समय था जब भारत को कूटनीतिक स्तर पर बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। अमेरिका और पश्चिमी देश ...
आप सभी जानते होंगे एक समय था जब भारत को कूटनीतिक स्तर पर बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। अमेरिका और पश्चिमी देश ...
इन्फोसिस का नाम सुनते ही कई भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। इस कंपनी ने आईटी क्षेत्र में निस्संदेह अपनी ...
आखिरकार, पाकिस्तान में तब्दीली आ ही गयी। तब्दीली वहाँ के जनता कल्याण, मानवीय सूचकांक और राष्ट्र उत्थान के संदर्भ में नहीं बल्कि सत्ता ...
दूसरों को उपदेश देना जितना सरल है उससे अधिक कठिन है उसे अपने स्तर पर अमल में लाना। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद भी ...
युद्ध यानी दो पक्षों के बीच छिड़ा वो संग्राम जो आपकी भुजाओं की ताकत पर लड़ा जाए। परंपरागत रूप से, युद्ध सदैव क्रूर ...
जिसकी नियत अच्छी होती है उसके साथ कभी अन्याय नहीं हो सकता है। ऐसे में सबसे विकाराल परिस्थिति से जुझ रहे विश्व को ...
चीन का कहना है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता करने को तैयार है लेकिन बात यह है कि कोई नहीं चाहता कि ...
अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जय-वीरू जैसे हैं। नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन उस अटूट रिश्ते का प्रतिनिधित्व ...
भारत और रूस की मित्रता किसी से छुपी नहीं है। रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ ...
आखिरकार भारत ने रूस का साथ दे दी ही दिया। यूक्रेन विवाद पर सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक में भारत रूस के साथ ...
मित्रता निभाने में भारत का कोई सानी नहीं है। हम भारतीयों ने अपनी संस्कृति, विरासत और पुरुषों से यही सीखा है कि जान ...
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर, यह कथन आज के परिप्रेक्ष्य में भारत पर एकदम सटीक बैठता है। जहां बीते सात दशक ...
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