TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन वाले मैदान में ही एमएमके भी करेगी सभा, जानिए मुसलमानों की क्या हैं मांगें

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    मुरुगन सम्मेलन से भड़की डीएमके सरकार ने अन्नामलाई और पवन कल्याण पर दर्ज किया केस

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    ‘सिद्धारमैया के थप्पड़’ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

रूस और ईरान से दोस्ती के बावजूद अमेरिका को कैसे साध रहा भारत?

भारत ने हाल के दिनों में अपनी कूटनीति से अमेरिका और रूस जैसी ग्लोबल पावर को साधने के साथ ही ईरान को भी साधा है। यही वजह है कि चाबहार बंदरगाह समझौते के बाद अमेरिकी की तरफ से उठी आवाज के बाद भारत ने अमेरिका को अपने तरीके से समझा दिया।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
27 May 2024
in भू-राजनीति, विश्व
रूस, ईरान, भारत, अमेरिका, भारत अमेरिका संबंध, चाबहार पोर्ट
Share on FacebookShare on X

कोई देश अपना भूगोल या अपने पड़ोसियों और उनसे जुड़ी बाधाओं को नहीं चुन सकता। भारत की 15,200 किमी लंबी भूमि सीमा इसकी 7,500 किमी लंबी तटरेखा से दोगुनी है। भौगोलिक और भू-राजनीतिक कारक यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत का मात्रा के हिसाब से 90% और मूल्य के हिसाब से 70% व्यापार समुद्र के माध्यम से होता है। इसलिए, भारत के लिए व्यापार के समुद्री मार्ग एक प्रमुख चिंता का विषय रहे हैं। 

अफगानिस्तान और मध्य एशिया और उससे आगे यूरेशियाई भूभाग से जुड़ने में जमीनी व्यापार और आवाजाही की बाधाएं विशेष रूप से परेशानी वाली रही हैं। भारत ने इन बाधाओं को दूर करने के लिए अपने पूर्व और पश्चिम में मल्टी-मॉडल परिवहन गलियारों का समर्थन किया है। म्यांमार में सिटवे बंदरगाह और ईरान में चाबहार में निवेश इस रणनीति के दो उदाहरण हैं। सितवे कलादान मल्टी-मॉडल परियोजना का एक हिस्सा है जबकि चाबहार अफगानिस्तान में बने जरांज डेलाराम राजमार्ग से जुड़ा है।

संबंधितपोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

पाकिस्तान बना UNSC का अध्यक्ष: भारत की कूटनीतिक हार या कांग्रेस का प्रोपेगेंडा?

भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

और लोड करें

चाबहार से अमेरिका की तनी भौहें

भारत अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और कई यूरोपीय देशों के साथ भारत-मध्य पूर्व-यूरोप (आईएमईसी) गलियारे पर भी काम कर रहा है। जबकि अमेरिका की वापसी के साथ अफगानिस्तान और मध्य एशिया में स्थिति बदल गई है। भारत के भूगोल की वास्तविकताएं सामने हैं। 

इसी संदर्भ में इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के पोर्ट एंड मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन (पीएमओ) के बीच समझौते को देखने की जरूरत है। हालांकि, चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर होने के कुछ ही घंटों के भीतर, अमेरिका ने प्रतिबंधों के संभावित जोखिम का हवाला देते हुए ईरान के साथ व्यापार में शामिल होने के प्रति आगाह किया। इस बयान से अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव की अटकलें शुरू हो गईं। इन बयानों को उचित परिप्रेक्ष्य में रखा जाना चाहिए।

भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती

पिछले एक दशक में भारत-अमेरिका संबंध काफी परिपक्व हुए हैं। इस परिवर्तन को विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में बढ़े हुए रणनीतिक सहयोग द्वारा चिह्नित किया गया है। फरवरी में एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन खरीदने के लिए 4 अरब डॉलर का समझौता इस श्रृंखला में बिल्कुल नया है। इसमें वर्ष 2000 के बाद से रक्षा व्यापार में 20 अरब डॉलर का उछाल देखा गया है। 

यह तब है जब दोनों के बीच रक्षा व्यापार ना के बराबर था। इस संबंध में कुछ प्रमुख विकासों में महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी पर भारत-अमेरिका पहल (आईसीईटी), बाहरी अंतरिक्ष में आर्टेमिस समझौते में भारत का शामिल होना, सेमीकंडक्टर में सहयोग, लड़ाकू विमान इंजनों में सहयोग और हिंद महासागर में संचार की समुद्री लाइनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग शामिल हैं। 

इसके अलावा, दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद विरोधी जैसे वैश्विक मुद्दों पर एकजुट मोर्चा दिखाया है। उच्च-स्तरीय राजनयिक व्यस्तताओं ने इस साझेदारी को और मजबूत किया है, जिससे यह 21वीं सदी में सबसे परिणामी रिश्तों में से एक बन गया है।

असहमति पर चर्चा के लिए दोनों देश तैयार

भारत-अमेरिका संबंध कितने आगे बढ़ चुके हैं इसका एक उपाय भारत और अमेरिका को ‘विश्वसनीय टेक्नोलॉजी पार्टनर’ के रूप में स्थापित करने के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप का अनावरण है। यह समझ नियामक बाधाओं और निर्यात नियंत्रणों को दूर करने के लिए एक रूपरेखा को संस्थागत बनाती है, विशेष रूप से अमेरिकी पक्ष पर। 

इस समझ की प्राप्ति को भारत-अमेरिका संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है जो लगभग 25 वर्षों से प्रगति पथ पर है। यह स्वाभाविक है कि कुछ मुद्दों पर दो देशों में असहमति होगी। लेकिन भारत और अमेरिका के एक-दूसरे से बात करने के दिन अब पीछे रह गए हैं। संबंधों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जब चिड़चिड़ाहट पैदा होती है, तो दोनों पक्ष चर्चा करने और उन्हें हल करने के लिए बैठते हैं। 

उदाहरण के लिए, जब भारत ने वाशिंगटन की आपत्तियों के बावजूद मास्को से तेल आयात करने का निर्णय लिया, तो भारत वैश्विक तेल बाजारों में स्थिरता बनाए रखने के लिए इस निर्णय की आवश्यकता को समझाने में सक्षम था। इस व्यावहारिक दृष्टिकोण से अमेरिका को भारत की स्थिति समझने में मदद मिली। इसी तरह, चाबहार सौदा सिर्फ भारत के हितों के बारे में नहीं है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और कनेक्टिविटी के बारे में भी है जिसे अमेरिका महत्व देता है।

अमेरिका की तर्ज पर भारत का कदम

चाबहार बंदरगाह के विकास में निवेश करके, भारत का लक्ष्य मध्य एशिया और अफगानिस्तान के साथ कनेक्टिविटी में सुधार करना है। इससे, बदले में, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) को लाभ होगा, जिसे यूक्रेन में संघर्ष के कारण असफलताओं का सामना करना पड़ा है। 

भारत की कार्रवाई 2015 में अमेरिका की कार्रवाई को प्रतिबिंबित करती है, जब पी5+1 ने ईरान के साथ संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि दृष्टिकोण भिन्न हो सकते हैं। 

चाबहार बंदरगाह समझौता और जेसीपीओए दोनों तेहरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखने से रोकने और ईरान को वैश्विक आर्थिक प्रणाली में एकीकृत होने में सक्षम बनाने के दोहरे लक्ष्य साझा करते हैं। इसे देखते हुए, स्थिति की अधिक सूक्ष्म समझ की आवश्यकता है।

ग्लोबल पावर को कैसे साध रहा भारत?

भारत और अमेरिका का इतिहास विशिष्ट रूप से अनोखा है और परिणामस्वरूप, अन्य देशों के साथ जुड़ने के लिए अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। वाशिंगटन दशकों से संधि-आधारित गठबंधन भागीदारों के साथ व्यवहार करता रहा है। 

इसके विपरीत, नई दिल्ली ने परंपरागत रूप से अपने गुटनिरपेक्ष दृष्टिकोण के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता की रक्षा की है। दृष्टिकोण में यह अंतर खेल की गतिशीलता की अधिक परिष्कृत समझ की आवश्यकता को रेखांकित करता है। भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हुए हैं कि उनका सहयोग ‘वैश्विक भलाई’ के लिए होगा। 

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका यह समझे कि ईरान के साथ भारत का समझौता समृद्धि लाने के लिए एक कनेक्टिविटी प्रयास है। यह वाशिंगटन के नियम-आधारित विश्व व्यवस्था के दृष्टिकोण के अनुरूप, व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए फायदेमंद है। अमेरिका ने पहले भी भारत के साथ अपने व्यवहार में लचीलापन और परिपक्वता दिखाई है – नई दिल्ली को उम्मीद है कि इससे रिश्ते आगे बढ़ेंगे।

और पढ़ें:- रूस भारत को देना चाहता है पानी पर तैरने वाला न्यूक्लियर पावर प्लांट

Tags: AmericaChabahar PortIndiaIndia America relationsIranRussiaअमेरिकाईरानचाबहार पोर्टभारतभारत-अमेरिका संबंधरूस
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

यह है किशोरों में बढ़ती आत्महत्या दर का सबसे बड़ा कारण

अगली पोस्ट

इंटरनेट आधारित हिंसा: बच्चों के लिए बढ़ता खतरा

संबंधित पोस्ट

माली में भारतीय नागरिकों का अपहरण: आतंकवादी हमले के बीच सुरक्षा की चिंता
भू-राजनीति

माली में भारतीय नागरिकों का अपहरण: आतंकवादी हमले के बीच सुरक्षा की चिंता

3 July 2025

1 जुलाई 2025 को माली के पश्चिमी क्षेत्र के कायेस स्थित डायमंड सीमेंट फैक्ट्री में आतंकवादियों ने एक संगठित हमले के दौरान तीन भारतीय नागरिकों...

दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप
AMERIKA

दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

2 July 2025

अमेरिका के संघीय अधिकारियों ने दो चीनी नागरिकों पर हाई-प्रोफाइल जासूसी का आरोप लगाया है। उनके खिलाफ अमेरिकी नौसेना में घुसपैठ करने और चीन की...

अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा
विश्व

अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

2 July 2025

अमरीका के अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन, जिनका भारतीय और यूक्रेनी वंश है, 2026 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अपनी पहली यात्रा के लिए तैयार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

00:04:34

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited