अलविदा ‘लॉर्ड’ नज़ीर अहमद, जेल यात्रा की बधाई हो
जब-जब, जो-जो होना है तब-तब सो-सो होता है। दूसरों की बर्बादी की चाह रखने वाले को जो बर्बादी मिलती है उसका कोई आंकलन ...
जब-जब, जो-जो होना है तब-तब सो-सो होता है। दूसरों की बर्बादी की चाह रखने वाले को जो बर्बादी मिलती है उसका कोई आंकलन ...
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