जहाँ अमेरिका, ब्रिटेन और चीन ने अपने नागरिकों को यूक्रेन में छोड़ दिया, वहीं भारत ने 60 फीसदी भारतीयों को बाहर निकाला
किसी भी व्यक्ति को उसके अपनों के होने का एहसास दो परिस्थितियों में ही अधिक होता है। एक उसके ख़ुशी और दूसरे उसके ...
किसी भी व्यक्ति को उसके अपनों के होने का एहसास दो परिस्थितियों में ही अधिक होता है। एक उसके ख़ुशी और दूसरे उसके ...
बढ़ती उम्र के साथ, आदमी सठिया जाता है। अब सुब्रमण्यम स्वामी को ही देख लीजिए, सत्ता की आपक इतनी है कि किसी को ...
किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी पूंजी उसका परिवार और उसका स्वास्थ्य होता है। भारत में बीते 7 दशकों में जिस लचर ...
आज जब रूस युक्रेन युद्ध चल रहा है तब युक्रेन में फंसे भारतीयों को भारत सरकार बेहद आराम से अपने देश ला रही ...
पिछले कुछ महीनों में, दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियों के साथ-साथ अन्य पूर्वानुमान करने वाली संस्थानों ने वर्ष 2022 के लिए भारत के ...
तथाकथित सभी और विकसित धर्मनिरपेक्ष पश्चिम में ऐसे कई देश हैं, जहाँ एक धर्म के लोगों का प्रभुत्व है। ऐसे सभी देश अपने ...
पूरी दुनिया में इस समय अक्षय उर्जा और सतत विकास के लिए एक जंग जरी है| हर देश इस महत्वपूर्व लक्ष्य को हासिल ...
धोखाधड़ी करके भूमि से लेकर आर्थिक क्षेत्र तक विस्तार करने की चीन की आदत रही है। चीन की कंपनियां भी अब इसी नीति ...
140 करोड़ के करीब की जनसंख्या वाले देश में कोरोनावायरस जैसे संक्रमण वाले रोग से निपटना भारत के लिए किसी चुनौती से कम ...
भारत में जब-जब राष्ट्रवादियों का गुणगान होता है, तब-तब एक ख़ास वर्ग को दिक्कत होती है। हाल ही में राजीव गांधी खेल रत्न ...
बचपन में हमारे वृद्धजनों ने एक बात बहुत सही कही थी, “दान की बछिया के दांत नहीं गिने जाते”। इसका अर्थ तब समझ ...
कुछ राज्यों को छोड़कर लगभग पूरे देश में कोरोना को विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा अब बहुत हद तक नियंत्रित कर लिया गया है। ...
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