तेज़ी से बदल रही है ‘देवभूमि’ की जनसांख्यिकी, संस्कृति की रक्षा के लिए “भूमि-कानून” है जरुरी
"बद्री केदारा का द्वार छना, छना कनखल हरिद्वारा, म्यार हिमाला" ये पंक्ति है उत्तराखंड के जनकवि स्व श्री गिरीश तिवारी ‘गिर्दा’ की प्रसिद्ध ...
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