Tag: 1965 War

हाजी पीर दर्रा: भूली हुई जीत, जिंदा ज़ख्म — पुरानी भूल सुधारने का यही वक्त है

मुज़फ़्फ़र रज़्मी का एक शेर है- ये जब्र भी देखा है तारीख़ की नज़रों ने लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा ...

जब नेहरू वाली गलती दोहराने वाले थे लालबहादुर शास्त्री….

वो कहते हैं “दुर्घटना से देर भली”। आज भारत की आक्रामकता से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। परंतु स्वतंत्रता के पश्चात प्रारम्भिक दो ...