‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच
दिसंबर 1994 की ठंडी सुबह। पटना की ओर जाती सड़क पर एक सफेद एंबेसडर कार दौड़ रही थी। अंदर बैठे थे एक युवा ...
दिसंबर 1994 की ठंडी सुबह। पटना की ओर जाती सड़क पर एक सफेद एंबेसडर कार दौड़ रही थी। अंदर बैठे थे एक युवा ...
पटना, 1990 का दशक। स्टेशन के बाहर चाय की दुकानों पर लोग खड़े-खड़े बतिया रहे थे। बातचीत की शुरुआत अक्सर राजनीति से होती, ...
1990 के दशक में लालू प्रसाद यादव ने सत्ता में रहते हुए जो सबसे बड़ा प्रयोग किया, वह था—चारवाहा विद्यालय योजना। दावा था ...
बिहार में चुनावी माहौल पहले ही तगड़ा था—घोषणाओं का शोर, नेता-कार्यकर्ताओं की दौड़धूप, और गांव-शहर में हलचल — फिर अचानक यह मुखर बसंतीय ...
बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल के अंतिम महीनों में होने वाले हैं। इससे पहले चुनाव आयोग (Election Commission) राज्य में मतदाता सूची ...
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक ऐसा मामला सामने आया है, जो न सिर्फ चुनाव प्रक्रिया पर ...
बिहार की राजनीति में हालिया घटनाक्रमों ने एक नई दिशा पकड़ ली है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने राज्य ...
नीतीश कुमार को सबसे ज्यादा डर किससे लगता है? क्या ये पीएम नरेंद्र मोदी हैं? क्या ये हैं मास्टर रणनीतिकार अमित शाह? या ...
बचपन में दादी से एक बात सुने थे, इसे अगर लालू के जीवन के संदर्भ में देखें, तो ये कहना गलत नहीं होगा ...
बागेश्वर धाम बिहार: पता है वामपंथियों, विशेषकर नीतीश कुमार छाप बंधुओं की सबसे बड़ी कमी है? ये कभी कभी ऐसे व्यक्ति को अपना ...
बिहार में सच में बाहर है। यहाँ सब कुछ है, बस शासन नहीं है। सब कुछ शांतिपूर्वक तरीके से यहाँ होता है, इतना ...
ये इंडिया है। यहाँ उत्सव के लिए परमीशन लेनी पड़ती है, उपद्रव के लिए नहीं। यहाँ राम का नाम जपना “लोकतंत्र के लिए ...
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