मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले…भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की अमर गाथा
'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।' भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में ...
'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।' भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में ...
वह 20 साल की उम्र में अनाथ हो गया था। 13 साल तक जेल में संघर्ष करता रहा। होश संभालने के बाद से घर-परिवार ...
'सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्व, सावरकर माने तर्क, सावरकर माने तारुण्य, सावरकर माने तीर, सावरकर माने तलवार', देश के ...
8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह ने अंग्रेजों के मन में खौफ पैदा करने के लिए दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम फेंका ...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में कहा कि 'बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे'। सीएम योगी राष्ट्रवीर दुर्गादास ...
"मैं वर्षों से ब्रिटिश से लड़ रहा हूँ. स्वराज के लिए हमें अपना खून बहाना ही होगा, अन्यथा मिले हुए स्वराज की कोई ...
वर्ष था 1920। असहयोग आंदोलन जोर पकड़ रहा था। अंग्रेज़ भारतीयों के इस बढ़ते रोष से आश्चर्यचकित थे। ऐसे में उन्होंने अपनी “क्रोधित ...
बस यही देखना बाकी रह गया था। कोई अपनी कुंठा में कितना गिर सकता है, ये आज खालिस्तानियों ने दिखा दिया। इस वायरल ...
“सिर्फ गांधी ही एक रास्ता नहीं है। अवाम अपने आप में इतनी ताकतवर है कि यदि उसे सही दिशा दी जाए, तो वह ...
सयाजीराव गायकवाड़: भारत महान राजाओं एवं योद्धाओं की जन्मभूमि रही है। अलग–अलग समय में एक से बढ़कर एक शासकों ने भारत पर न ...
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