हाँ भई, अकबर हृतिक रोशन कम, नसीरुद्दीन शाह अधिक लगते थे
इतिहास के अलग अलग दृष्टिकोण होते हैं, जैसे सत्य के। अंतर इस बात से पड़ता है कि आप किसके मुख से सुन रहे ...
इतिहास के अलग अलग दृष्टिकोण होते हैं, जैसे सत्य के। अंतर इस बात से पड़ता है कि आप किसके मुख से सुन रहे ...
2023 की पहली तिमाही खत्म होने को आई है, लेकिन एक दो फिल्मों को छोड़कर कोई भी फिल्म दर्शकों का ध्यान अपनी ओर ...
पांचों उँगलियाँ कभी एक समान नहीं हो सकती। ठीक इसी भांति सभी एक विषय पर एकमत हों, ऐसा शायद ही कभी हो सकता ...
के सुभाष चंद्रबोस: वो कहते हैं न, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.... 13 मार्च 2023 को प्रात: काल इसका प्रत्यक्ष ...
परिवर्तन ही संसार का शाश्वत सत्य है। यही बात सिनेमा पर भी लागू होती है। जिस प्रकार से हमें फिल्मांकन में बदलाव देखने ...
Satish Kaushik death: विशुद्ध अभिनेता वह होता है, जो चाहे दस सेकेंड के लिए हो, या फिर पूरे फिल्म के लिए, परंतु उसके ...
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