रामानंद सागर के “रामायण” की अविश्वसनीय विरासत
“सीताराम चरित अति पावन, आज भी ये गीत सुनते हैं, तो नेत्रों से अश्रु स्वत: प्रवाहित होने लगते हैं। निस्स्वार्थ भाव से बने ...
“सीताराम चरित अति पावन, आज भी ये गीत सुनते हैं, तो नेत्रों से अश्रु स्वत: प्रवाहित होने लगते हैं। निस्स्वार्थ भाव से बने ...
सनातन संस्कृति में वैसे तो सभी धर्म ग्रंथ अद्भुत, अतुलनीय और पूजनीय हैं परंतु भगवान श्रीराम की जीवन गाथा “रामायण” की बात ही ...
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