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पिछले ३ दशक भारतीय साहित्यिक जगत हेतु किसी नर्क से कम नहीं!

विश्वास नहीं होता, यह वही भारत है, जहाँ से अर्थशास्त्र, रामायण, महाभारत जैसी कालजयी रचनायें निकली है. ये वो भारत नहीं लगता, जहाँ ...