भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में संपन्न हुये बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट श्रृंखला में विराट कोहली के नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से धो दिया। पुरे श्रृंखला में भारत का दबदबा कायम था। लेकिन इस श्रृंखला को खेल के अलावा दूसरी बातों के लिये भी याद किया जायेगा। भारतीय खिलाडियों के बल्ले के साथ साथ जबानी जंग में भी जीतने के लिए। साथ ही ऑस्ट्रेलिया टीम के अभद्र व्यवहार और खेल भावना के विपरीत खेलने के लिये।
आज से 10 वर्ष पूर्व की ऑस्ट्रेलिया की टीम से कोई भी मैच खेलता था तो पूरी टीम खेल के साथ-साथ जबान से भी सामने वाली टीम को नीचा दिखाती थी। लेकिन आज विराट कोहली के नेतृत्व में इस युवा भारतीय टीम ने भी जवाब देना सीख लिया हैं। बस यहीं जवाब देना अब ऑस्ट्रेलिया के खेमे और ऑस्ट्रेलिया की मीडिया को खीझ पर ले आया हैं और वो कुछ भी अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं।
पहले तो ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ ने दूसरे टेस्ट में ड्रेसिंग रूम से मदद मांगकर डीआरएस का मतलब ही बदल दिया था। वहीं दूसरी ओर टेस्ट श्रृंखला ख़त्म होते होते ऑस्ट्रेलिया टीम खेल और जुबानी जंग में हार के कारण ‘खिसयानी बिल्ली’ वाली हरक़त में आ चुकी थी। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारतीय खिलाडी से माँ-बहन की गालियों का मतलब पूछ रहे थे।
टेस्ट श्रृंखला में अभद्र व्यवहार दिखाने और खेल भावना का सम्मान नहीं करने के कारण भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने बयान दिया था क़ि –
“हाल में समाप्त हुई ‘कड़वाहट भरी’ टेस्ट सीरीज के बाद उनकी ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों से दोस्ती भी खत्म हो गई है।” पुरे श्रृंखला के दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और खेल के मैदान में ऑस्ट्रेलिया टीम ने बैट-बॉल को साइड रख अपने जुबान को ही खेल समझ लिया था। जिसके बाद विराट कोहली का बयान एक गंभीर बयान हैं।
कोहली के बयान और खेल के साथ साथ जुबानी जंग में भी हारने से ऑस्ट्रेलिया का खेमा तिलमिलाया हुआ हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज मार्क टेलर ने विराट कोहली की ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ दोस्ती खत्म होने वाली टिप्पणी की आलोचना की है। टेलर ने कहा कि ‘भारतीय कप्तान को अपने मन में कोई कड़वाहट पाल कर नहीं रखनी चाहिए क्योंकि आखिर में यह एक क्रिकेट मैच था।’ टेलर ने कोहली को अपरिपक्व भी ठहरा दिया हैं।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डीन जोंस ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘विराट सीख जाएगा कि यह खेल सिर्फ जीतने और हारने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह मित्रता के बारे में है, जिसमें आप खेलते हुए दोस्त बनते हो।’
Virat will learn that this great game is not just about winning and losing. It's also about the friends you make while playing the game.
— Dean Jones AM (@ProfDeano) March 28, 2017
दरअसल यह ऑस्ट्रेलियाई खेमा पूरी तरह खीझ में हैं। इतने सालों में पहली बार उसे उसकी भाषा या यूँ कहे क़ि उससे भी कड़क भाषा में जवाब देने वाली टीम और उनसे बेहतर खेलने वाला कप्तान मिला हैं। खुद की गालियां जब खुद को पड़नी लगे तब पता चल ही जाता हैं क़ि कौन क्या कर रहा था। इसलिए ऑस्ट्रेलिया के दिग्गजों को हमारा सन्देश यह की, ज्ञान देना अच्छी बात है पर शुरुआत अपने घर से करें।