वधु चाहिए – पढ़ी लिखी,घरेलू लड़की चाहिए एक ऐसे वर के लिए, जो सीमा सुरक्षा बल में सहायक कमाण्डेन्ट पद पे रहते हुए अपनी एक आँख गवां चुके हैं और अब ग्वालियर के टेकनपुर में बी एस एफ स्कूल में कंप्यूटर की शिक्षा दे रहे हैं।
अख़बार के मैट्रिमोनियल कॉलम में विवाह हेतु प्रेषित ऐसा इश्तेहार देख के कोई भी चौक जायेगा और मुह बना के अख़बार दूसरी तरफ रख देगा। और भूले से भी कोई बाप अपनी बेटी के लिए तो ऐसा वर अपने दिमाग में भी नहीं लायेगा जिसकी एक आँख दृष्टिबाधित हो। लेकिन उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर के बंसी की ‘इन्द्राक्षी’ ने ऐसा ही इश्तहार देख कर अपने मन में प्रतिज्ञा कर ली, शादी तो मैं इसी इंसान से करुँगी, और अपने वक़ील पिता को अंततः इस बात के लिए मना भी लिया।
यह ख़बर सामने आयी जब गत 25 मार्च 2017 को माननीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी मध्य प्रदेश, टेकनपुर ज़िले में ‘सीमा सुरक्षा बल’ अकादमी की पासिंग आउट समारोह में शामिल होने पहुँचे। उसी दिन उन्होंने सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक फ़ोटो साझा की, जिसमे वह एक बी एस एफ अफसर और उनकी पत्नी के घर भोजन कर रहे थे। उन्होंने लिखा –
“यह इन दोनों का देश के प्रति प्यार है,जो संदीप और इन्द्राक्षी को साथ जोड़े हुए है। उनके घर भोजन करके बहुत ख़ुशी प्राप्त हुई। ”
दरअसल, बी एस एफ के रात्रि भोजन प्रोग्राम के दौरान जब एक अफसर ने मोहम्मद रफ़ी का गाना सुनाया तो राजनाथ सिंह जी ने उसकी तारीफ करते हुए उनके बारे में जानकारी ली। सीनियर अफसरों ने बताया कि
वर्ष 2000 में असिस्टेंट कमाण्डेन्ट संदीप मिश्रा ने देश की रक्षा के ख़ातिर, असम के सादिया जंगल में उल्फा आतंकवादियों से मुकाबला करते हुए 5 गोलियां खायी थी, जिनमे से एक गोली उनकी बायीं आँख में लगी थी और उन्होंने अपनी आँख की रौशनी खो दी। वर्ष 2004 में संदीप को गैलेंट्री अवार्ड और पुलिस मेडल भी दिया गया था। यह उनका जज़्बा था जो वह इसके बाद बी एस एफ के टेकनपुर स्कूल में कंप्यूटर की शिक्षा देने लगे।
2004 में जब उनकी शादी का इश्तेहार इन्द्राक्षी ने अख़बार में देखा तो वह उनके देश के प्रति जज़्बे की कायल हो गयी और उन्होंने सोचा जो इंसान देश से इतना प्यार कर सकता है वो कितना अच्छा इंसान होगा। और इन्द्राक्षी ने उनसे शादी का मन बना लिया। यह जानने के बावजूद की वह दृष्टिबाधित है। उनकी इस कमज़ोरी के बावजूद इन्द्राक्षी ने अपने पिता पे ज़ोर डाल कर संदीप मिश्रा से शादी कर ली।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी संदीप और इन्द्राक्षी के देश प्रेम से इतने गौरवान्वित हुए कि डिनर के दौरान ही संदीप मिश्रा जी को बोला कि वह कल दोपहर का भोजन उनके घर उन दोनों के साथ करना चाहेंगे।
अगले दिन राजनाथ सिंह जी दोपहर 1.30 बजे सच में उनके घर गए और वहाँ उनके आग्रह पर भोजन भी किया। संदीप और इन्द्राक्षी की नौ साल की बिटिया ने उन्हें कविता सुनाई और अपने दोस्तों से भी मिलवाया। गृहमंत्री द्वारा इतना सम्मान और पहचान पाकर संदीप और इन्द्राक्षी भी भावविभोर हो गए।
धन्य है वो भारत देश जहाँ संदीप मिश्रा जैसे जांबाज़ अफसर हैं, धन्य है वो भारत माता जिसकी इन्द्राक्षी जैसी बेटियां हैं और धन्य है ऐसा गृह मंत्री जो कि देश के प्रति अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वालों को प्रत्येक कदम पर सम्मान और गर्व की अनुभूति कराता रहता है।
धन्यवाद रश्मि इनकी कहानी साझा करने के लिए । धन्य है भारत देश ऐसे वीरों का। इस जोड़े को हमारा नमन ।
अति उत्तम… दिल खुश हुअा
बहुत सुन्दर सरल शब्दो में express कर दिया.impressed .. Now wish your writings will.be more read by us.aise likhte raho share karte raho.
बहुत अच्छा व सराहनीय प्रयास रश्मि
शुभकामनाएं ।