जब सारे प्लान हुए फ़ैल तो केजरीवाल ने प्रचार का नया तरीका निकाला, खुद देखिये

केजरीवाल, डॉक्यूमेंट्री, एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन

अरविंद केजरीवाल के जीवन पर आधारित एक राजनीतिक डॉक्यूमेंट्री फिल्म “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” का आधिकारिक ट्रेलर भारत में 25 अक्टूबर 2017 को जारी किया गया। ट्रेलर के रिलीज के साथ ही सोशल मीडिया में इसके राजनीतिक झुकाव, प्रस्तुति और पूर्वाग्रह आदि के बारे में अटकले लगाई गई।

निर्देशक खुशबू रांका और विनय शुक्ला के अनुसार “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” निष्पक्ष है और किसी भी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने 95 मिनट की एक निष्पक्ष डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए 1 साल के दौरान 400 घंटे की फुटेज रिकॉर्ड की है। फिल्म की साइट कहती है, “भारत में यह अनोखा है कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक दल बनाने और दिल्ली में राज्यव्यापी चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह आम आदमी पार्टी या सामान्य व्यक्ति की पार्टी की कहानी है। “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन”में आम आदमी पार्टी की दिसंबर 2012 में बनने से लेकर दिल्ली राज्य में हुए 2013 के चुनाव तक की यात्रा शामिल है।

चूँकि “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” राजनीति के ड्रामा किंग केजरीवाल पर आधारित है तो इसकी पूरी संभावना है कि “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” एक प्रोपगंडा डॉक्यूमेंट्री फिल्म है जो कि आम आदमी पार्टी की गिरती हुई प्रतिष्ठा को पुनर्जीवित करने और केजरीवाल के विश्वास को डूबने से बचाने के लिए बनाई गई फिल्म है, हालाँकि निर्माता यह दावा करने के लिए स्वतंत्र हैं की डॉक्यूमेंट्री फिल्म ना तो केजरीवाल के समर्थन में है और ना ही उनके खिलाफ है और ना ही किसी अन्य पार्टी का इस से कोई लेना देना है।

जो लोग केजरीवाल को जानते हैं और उनके राजनीतिक जीवन की शुरूआत के बाद से उन्हें करीब से देख चुके हैं वह इस तरह को स्वीकार नहीं करेंगे कि अरविंद केजरीवाल ने फिल्म निर्माताओं को निष्पक्ष फिल्म बनाने की अनुमति दी होगी। जो व्यक्ति मामूली असहमति पर रहेगी सहयोगियों को निकाल देता हो और प्रधानमंत्री पर बिना किसी आधार की बेबुनियाद आरोप लगाते हो, उसे किसी भी तरह से एक सहिष्णु व्यक्ति के रुप में नहीं लिया जा सकता। वास्तव में एक निष्पक्ष डॉक्यूमेंट्री फिल्म आप विरोधी और केजरीवाल विरोधी होगी।

डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्माताओं का रवैया भी एक और कारण है कि “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” को एक प्रोपेगंडा सामग्री के रूप में देखा जा सकता है। कुछ मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, निर्माताओं से सेंसर बोर्ड ने प्रधानमंत्री मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) लेने को कहा जिनके फुटेज का इस्तेमाल फिल्म में बिना अनुमति के किया गया है, लेकिन प्रक्रिया का अनुसरण करने के बजाए, निर्माताओं ने रचनात्मकता की स्वतंत्रता पर हमले की बात कहकर खुद को ही पीड़ित गिरोह में शामिल करने में कोई भी समय व्यर्थ नहीं किया।

“एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” का ट्रेलर भी एक मिक्स नोट के साथ शुरू होता है जब केजरीवाल को राजनीतिक दल बनाने से लोग रोकते हैं और फिर जैसा एक सुपरहीरो फ़िल्म में होता है उसी तरह एक असामान्य आदमी की कहानी सामने आती है, वह असामान्य आदमी उन बड़े बड़े विलेन से टक्कर लेता है जो शहर को अपना शिकार क्षेत्र समझते हैं। लोग सुपरहीरो के तरीके से भले सहमत ना हो लेकिन वह सभी उसके साफ नीयत से सहमत होते हैं। ट्रेलर केजरीवाल को ऐसे ही “गलत समझे गए” सुपरहीरो के रुप में प्रस्तुत करता है। ट्रेलर के अंतिम दृश्य में राजनीति में शामिल होने के फैसले को लोग चीयर करते हैं और एक बुजुर्ग महिला जोर देते हुए अपना समर्थन करती है।

सोशल मीडिया मिश्रित दावों से भरा है। केजरीवाल अपने समर्थकों के लिए वही है जो राम रहीम अपने समर्थकों के लिए थे। उनके समर्थक उनको अंधाधुंद फॉलो करते हैं और उनके खिलाफ किसी भी बात को बेमेल आक्रमकता के साथ बचाने की कोशिश करते हैं। उनके द्वारा “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” का भी आक्रामक और अंध रुप से समर्थन किया जा रहा है। सोशल मीडिया में उनके द्वारा की गई महिमा को आसानी से देखा जा सकता है।

जैसा कि “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” के निर्माताओं द्वारा दावा किया गया है कि उन्होंने 2012 में खुद इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म पर काम करना शुरू किया और 2016 के आसपास इसकी पहली स्क्रीनिंग हुई थी, तो हम यह मान सकते हैं कि यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म आम आदमी पार्टी के दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने तक ही केजरीवाल की यात्रा पर सीमित है।

यदि “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” में 2015 के विधानसभा चुनाव भी शामिल है, जहां आम आदमी पार्टी की अभूतपूर्व जीत हुई थी तो शायद हमें ऑटो चालक लाली को देखने का मौका मिल सकता है। और कौन अपने बच्चों के नाम पर केजरीवाल की प्रसिद्ध प्रतिज्ञा को भूल सकता है जब उन्होंने कहा था, “मैं अपने बच्चों की कसम खाता हूं ना तो भाजपा के साथ जाऊंगा और ना ही कांग्रेस के साथ जाऊंगा”, और केजरीवाल ने तुरंत बाद कांग्रेस के समर्थन के साथ सरकार बनाया।

“एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” के निर्माताओं ने ट्रेलर जारी करने के दौरान उल्लेख किया कि उनके पास 400 घंटे से अधिक की रिकॉर्डिंग है और उन्होंने “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” का संपादन करते समय 4 फ़िल्में बना ली है। यदि वह बाकी के रिकॉर्डिंग को जारी करने की योजना बनाते हैं तो, हमें वह एपिसोड देखने को मिल सकता है, जब केजरीवाल ने दावा किया था कि उनके पास शीला दीक्षित के खिलाफ 370 पृष्ठ का प्रमाण है। निर्माता जब हमेशा केजरीवाल के साथ रहते थे तो हमें वह रिकॉर्डिंग भी दिखा सकते हैं जिसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बैठक हुई थी, जिसके बाद दिल्ली में उनकी गठबंधन सरकार बनी थी, या उस प्रकरण को जब प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को हटाया गया, या तब जब उन्होंने नकली डिग्री रखे तोमर का बचाव किया थ, या उनके विधायक मुनाफे के पद में थे, या कैसे उन्होंने गडकरी से नम्रता से माफी मांगी, या जेटली ने कैसे उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा, या कैसे उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड से कपिल मिश्रा को हटाया जब वह भ्रष्टाचारियों को बेनकाब करना चाहते थे, या शुंगलू समिति ने बड़े भ्रष्टाचार के लिए केजरीवाल पर उंगली उठाई, या कैसे उनके पसंदीदा मंत्री सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार में शामिल थे, या कैसे उन्होंने लालू यादव को गले लगाया, या कैसे उन्होंने दिल्ली को गन्दगी में डूबा दिया क्योंकि एमसीडी भाजपा के अधीन थी, या कैसे उन्होंने विमुद्रीकरण की निंदा की थी, या कैसे उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा था, या कैसे उन्होंने पंजाब और गोवा में चुनाव जीतने के लिए दिल्ली छोड़ दिया था, या कैसे राशन कार्ड उनके सरकार में जोक बन गया, या कैसे उन्होंने एक खालिस्तानी ऑपरेटिव के घर में रात बिताया, या कैसे…… खैर भूल जाइए। आपको भी पता है, मुझे भी पता है और हर कोई जानता है कि फिल्म निर्माता इन सभी बातों को नहीं दिखा सकते।

अंतिम में निष्कर्ष निकालते हुए, केजरीवाल पर एक प्रोपेगंडा फिल्म देखना मजेदार होगा। सूचना के इस युग में जब हर व्यक्ति जानता है कि क्या हुआ है, तो यह देखना काफी मजेदार होगा कि उसे जस्टिफाई कैसे किया गया है। हम इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को बनाने के लिए और इस महत्वपूर्ण प्रयास के लिए खुशबू रांका और विनय शुक्ला को शुभकामनाएं और बधाई देते हैं।

और केजरीवाल जी, “एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” के ट्रेलर पर आपके विशेषज्ञ समीक्षा का बेसब्री से इंतजार है।

“एन इंसिग्नीफिकेन्ट मैन” का ट्रेलर यहाँ देखें :-

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