आपने कभी ओलंपिक में कुश्ती मैच को देखा है। बड़ा ही अच्छा होता हैं दो पहलवान एक दूसरे के पैर को खींचने की कोशिश करते हैं उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं, और विरोधी खिलाड़ी को जमीन पर गिराकर या घेरे से बाहर निकाल कर जितना संभव हो सके उतना अंक प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अब डब्ल्यूडब्ल्यूई देखिए उसमें पहलवानों का चुस्त शरीर, अजीब मुखौटे, टाइट निकर, एक लड़की या अजीब सा मजाकिया सहायक होता है। उनके उड़ते हुए हवाई स्टंट, घुसे, पूरे ऊपर उठा के पटकना, चोक स्लैम, 619 और डीडीटी जैसे पैंतरों को आपने नोटिस किया होगा। किसे आप ज्यादा मनोरंजक कहेंगे। 10 में से 11 लोग डब्ल्यूडब्ल्यूई को चुनेंगे। ध्यान रखें मैं यहां सिर्फ मनोरंजन की बात कर रहा हूँ, तकनीक की नहीं।
अब हम भारतीय मीडिया कि बात करते हैं और पुराने दूरदर्शन काल पर नज़र डालते हैं। उस समय समाचार थोड़े उबाऊ होते थे। ब्रेकिंग न्यूज़ भी देरी से आते थे। स्क्रीन के प्रत्येक इंच को विज्ञापनों से नहीं भरा गया था, संक्षेप में कहें, भारतीय पत्रकारिता सुस्त थी। पारंपरिक कुश्ती की तरह तकनीकी मापदंडों पर तो सही थी लेकिन शम्मी नारंग, सुनीत टंडन और वेद प्रकाश सरीखे एंकर बड़े मोनोटोनस हुआ करते थे। पारंपरिक कुश्ती की तरह भारतीय पत्रकारिता में भी एक्स फैक्टर का अभाव था।
पत्रकारिता में नए एक्स फैक्टर जनरेशन युग के शुरूआती सदस्यों में से एक राजदीप सरदेसाई थे। राजदीप सरदेसाई जो एक स्टाइलो थे, एकदम अंग्रेजो वाली अंग्रेजी में बात कर सकते थे और जब भी जरूरत हो बेझिझक अपने मुंबईया हिंदी का इस्तेमाल करते थे। राजदीप सरदेसाई का भड़कीला अंदाज शायद उनके जींस में था, जो उन्हें अपने पूर्व क्रिकेटर पिता दिलीप सरदेसाई से प्राकृतिक रूप से मिला था। राजदीप सरदेसाई और उनके समकालीन पत्रकारों ने भारतीय मीडिया का चेहरा बदल दिया है। अब समाचार 20 मिनट का बुलेटिन नहीं रहा, बल्कि 24×7 का हो गया है। “इसरो का मिसाइल लांच” से “प्रिंस गड्ढे में गिरा”, तक अब सब कुछ कवर किया जाता है और निरंतर सभी चीजों पर चर्चा होती है। राजदीप इस पीढ़ी के अघोषित सम्राट थे और इसी बात ने उन्हें कभी कभी परेशान भी किया। क्योंकि बडबोलापन भी तो कोई चीज़ होती है ना भाई?
कुछ दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजदीप सरदेसाई को उनकी जगह याद दिलाई। उन्होंने राजदीप से कहा कि वह एक आम आदमी से नहीं बल्कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति से बात कर रहे हैं, जिसके बाद राजदीप ने धीरे से माफी भी मांगी।
लेकिन यह एकमात्र उदाहरण नहीं है। एक वाचाल, हस्तक्षेपी और कभी कभी कुछ ज्यादा ही अन्दर घुसने वाले राजदीप सरदेसाई का अपने शो पर आये मेहमानों को परेशान करने का और उनसे खरी खोटी सुनने का लंबा इतिहास है। हम उनमें से कुछ को सूचीबद्ध करेंगे लेकिन इसी सूची को प्रस्तुत करने से पहले @moronhumor ट्विटर अकाउंट के लिए आभार जिन्होंने इन घटनाओं की एक प्रभावशाली सूची तैयार की।
1. राजदीप सरदेसाई और राज ठाकरे :
भला कौन आदमी राज ठाकरे के साथ हंसी ठिठोली करेगा? मनसे के मुखिया जो अपनी बेइज्जती को बदला थोक बजा के लेते हैं, वह राजदीप सरदेसाई के ऊपर भड़क गए थे जब सरदेसाई ने उनसे लगातार मनसे-शिवसेना के विलय के बारे में पूछ कर परेशान किया था।
वीडियो यहाँ देखें –
2. राजदीप सरदेसाई और नरेंद्र मोदी :
कई पत्रकारों ने 2002 के गुजरात दंगों से अपना कैरियर बनाया है, राजदीप उन्ही में से एक हैं। 2002 का गुजरात दंगा एक सफल मीडिया कहानी है (जो आज तक चलती है) एक हिंदू राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री, एक समृद्ध राज्य, उभरती हुई भाजपा, और एक हिंदू मुस्लिम दंगा जिसमें व्यापक हिंसा और हत्याएं हुई। राजदीप सच्चाई के सबूत खुद ही जानना चाहते थे और तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नियमित रूप से उंगलियां उठाये जा रहे थे। यहां पर प्रधानमंत्री मोदी सरदेसाई को चारो खाने चित्त करते देखे जा सकते हैं(बिना राजदीप को देखे) :
वीडियो देखें :
3. राजदीप सरदेसाई और मुकेश अंबानी :
मुकेश अंबानी एक शांत और कम बोलने वाले बिजनेसमैन हैं लेकिन जब सरदेसाई ने उन्हें बड़े अजीबोगरीब तरीके से पेश किया तो अम्बानी भी उबल पड़े। यहां सरदेसाई को अंबानी जी की खुराक मिल रही है :
https://youtu.be/G1Cwlg-AU0o
4. राजदीप सरदेसाई और अमिताभ बच्चन :
बिहार चुनाव निकट था। असहिष्णुता अभियान अपने चरम पर था। राजदीप ने महान अभिनेता अमिताभ बच्चन को भी असहिष्णुता के मुद्दे में खींचने की कोशिश की लेकिन अनुभवी अभिनेता ने राजदीप के हमले को ना सिर्फ अस्वीकारा बल्कि राष्ट्रीय मीडिया पर यह स्वीकार करवाया कि असहिष्णुता एक जाल है।
https://youtu.be/4pvL2UdVV74
5. राजदीप सरदेसाई और स्मृति ईरानी :
स्मृति ईरानी मौजूदा राजनीतिज्ञों में सबसे बेहतर वक्ताओं में से एक हैं। वह सवालों के ना सिर्फ जवाब देती है, बल्कि पूरी बहस जीत लेती है। उनकी तेज बुद्धि के पहले शिकार शायद राहुल कंवल थे और उसके बाद तो उन्होंने बरखा दत्त को कई बार ध्वस्त किया है। यहां राजदीप स्मृति ईरानी को घेरने की कोशिश कर रहे थे लेकिन स्मृति ईरानी ने उनको मुंह तोड़ जवाब दिया।
6. राजदीप सरदेसाई और सद्गुरू :
एक साधू को परेशान करना असंभव है, लेकिन राजदीप के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। यहां राजदीप ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव को उकसाया और जबरदस्त प्रहार वापस पाया।
https://youtu.be/Ajx8XDfpYGk
7. राजदीप सरदेसाई और असदुद्दीन ओवैसी :
हैदराबाद के मुस्लिम नेता ओवैसी पर जब राजदीप ने भाजपा का मोहरा होने का आरोप लगाया तो उन्होंने राजदीप को पूरी तरह से घेर लिया और ऐसी विकेट गिराई कि लोग हस हस के पागल हो गए।
https://youtu.be/rfmgIPrTFVU
8. राजदीप सरदेसाई और सानिया मिर्जा :
इस वाकये में स्टाइलिश एंकर राजदीप पूरी तरह मोहल्ले की काकी की भूमिका में घुस गए थे, राजदीप ने सानिया मिर्जा से बेहद ही सेक्सिस्ट सवाल पूछा था। यह संभवतः सबसे ख़राब और सबसे बेशर्म सवाल था जो राजदीप ने कभी भी अपने शो में किसी से पूछा था। उन्होंने सानिया से ‘सेट होने की योजना’ (वह बच्चे कब पैदा करेंगी?) के बारे में पूछा था। सानिया ने विनम्रता से राजदीप को उनकी जगह दिखाई और राष्ट्रीय मीडिया में माफ़ी मांगने को मजबूर किया।
राजदीप के पास राष्ट्रपति से लेकर प्राइम मिनिस्टर तक, मिनिस्टर से लेकर एथलीट तक, अभिनेता से लेकर आम आदमी तक सबसे अपमानित होने का रिकॉर्ड है।
मेडिसन स्क्वायर में हुए घटना को कौन भूल सकता है जब उन्होंने लोगों के एक समूह पर आरोप लगाया कि “नरेंद्र मोदी के लिए उन्मादी भीड़ में लोग पैसे वाले तो हैं लेकिन उनका कोई क्लास नहीं है।” जिसका अंजाम उन्हें झेलना पड़ा।
https://youtu.be/IALR6r-7mOY