नरेन्द्र मोदी सरकार जिस तरह एक के बाद एक चुनाव जीतने में सफल होती जा रही है उसमे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के अलावा जो सबसे अहम कड़ी है वह है मोदी के मंत्रियों के धुआंधार विकास करने की नीति! और इस विकास में उनके कैबिनेट के जो मंत्री दिन रात एक कर प्रधानमंत्री मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को साकार करने में जी-जान से जुटे है उनमे पियूष गोयल, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण जैसे मंत्री मीडिया को दिखाने से ज्यादा जमीनी लेवल पर काम करने में ज्यादा विश्वास रखते है |
किसी भी देश के विकास और उसके विकसित होने में देश के महामार्ग और सड़क अहम भूमिका निभाते है | भारत में केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मोदी सरकार के गाँव गाँव तक सड़क और बड़े राजमार्ग के स्वप्न को जमीं पर उतरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है | प्रधानमंत्री मोदी के सबसे ख़ास और भरोसे मंद रहे है नितिन गडकरी तो इसका सबसे बड़ा कारण है वे ऐसे मंत्रियों में आते है जिन्होंने मोदी सरकार द्वारा 2014 के आम चुनाव के घोषणापत्र के वादों को हकीकत में बदल दिया है |
गडकरी के बारे में कहा जाता है की वे मोदी द्वारा दिए गए टारगेट से पहले ही काम को ख़त्म करने में विश्वास रखते है और यही कला उन्हें विकासपुरुष मोदी के करीब लाती है |
नए साल में होगा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले हिस्से का उद्घाटन:
गडकरी के कार्यक्षमता के बदौलत प्रधानमंत्री मोदी देश को आनेवाले नए साल में एक नयी सौगात देने जा रहे है| नए साल में प्रधामंत्री देश के पहले 14 लेन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले हिस्से का उद्घाटन करने जा रहे है | भारत के पहले 14 लेन के दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के पहले चरण का काम अगले महीने पूरा हो जाएगा | इस हाईवे पर 14 लेन के अलावा 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक भी होगा | इस सड़क के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने में 45 मिनट का ही समय लगेगा, जबकि फिलहाल इस रूट पर अक्सर ट्रैफिक जाम होने की वजह से 3 घंटे से ज्याद समया लग जाता है | इस एक्सप्रेसवे की सबसे मजेदार बात यह है की इस हाईवे को बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 30 महीने का समय दिया गया था, लेकिन ये 14 महीने में ही पूरा हो रहा है जो गडकरी के कार्यकुशलता और कार्य दक्षता को दर्शाता है |
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे एक 90 किलोमीटर लम्बा निर्माणाधीन द्रुतगामी मार्ग है| जो की दिल्ली से प्रारम्भ हो कर मेरठ पर ख़त्म होता है। यह राजमार्ग अभिगम नियंत्रण द्रुतगामी मार्ग होगा। इस द्रुतगामी मार्ग पर 14 लेन दिल्ली से डासना तक होंगी तथा 6-लेन डासना से मेरठ तक होंगी | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 दिसम्बर 2015 को इस सड़क की आधार शिला रखी थी, लेकिन उसके कई महीनों बाद भी इस सड़क पर काम शुरू ही नहीं हो पाया था | बाद में परिवहन मंत्रालय ने इस पर काम शुरू कराया और फिलहाल नेशनल हाईवे-24 पर तेजी से काम चल रहा है | इस सड़क के बनने पर 7566 करोड़ रूपये का खर्च आएगा | गडकरी ने कहा कि निजामुद्दीन पुल से दिल्ली यूपी बार्डर तक एक्सप्रेस वे के पहले चरण का काम 75 फीसदी पूरा हो चुका है और इस पर तेजी से काम चल रहा है |
पचास फीसद तक कम होगा प्रदूषण:
देश के सबसे चौड़े इस सड़क पर बीच में 6-लेन का एक्सप्रेस वे होगा और दोनों तरफ 4-लेन के हाईवे होंगे ताकि शहर के ट्रैफिक को बाहर से आने जाने वाले ट्रैफिक से अलग किया जा सके | इस एक्सप्रेस वे का पहला चरण करीब नौ किलोमीटर का है | जिसमें यमुना पुल पर वर्टिकल गार्डेन और सड़कों पर सोलर लाइट भी लगेंगे | सड़क के किनारे 40,000 पौधे भी लगाए जा रहे हैं | जिससे प्रदुषण को भी कम किया जा सकें | गडकरी ने कहा कि इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि जहां मिट्टी का काम चल रहा है वहां पानी का छिड़काव लगातार किया जाए ताकि धूल नहीं उड़े | उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर भी विचार कर रही है कि सड़क को साफ कराने के लिए वैक्युम क्लीनर का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो, जिससे धूल की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा |
दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार ने यमुना नदी में जहाज चलाकर दिल्ली-आगरा को जलमार्ग से जोड़ने के लिए निविदा भी जारी कर दी है। प्रदूषण की मार से हलकान दिल्लीवालों के लिए नया साल राहत की सौगात साबित हो सकता है । नए साल में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का नौ किलोमीटर का हिस्सा बनकर पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा कर दिया जायेगा और दूसरी ओर ईस्टर्न पेरिफेरल भी बन जायेगा | इस सड़क परियोजना के चालू हो जाने से खतरनाक प्रदुषण फैलानेवाले मालवाहक ट्रको का दिल्ली में प्रवेश बंद हो जायेगा | दूसरी तरफ दिल्ली को जाम्मुक्त बनाने के लिए नए साल में 40 हजार करोड़ की अन्य परियोजनाएं शुरू की जाएगी | केंद्र सरकार का दावा है कि इन सभी सड़क परियोजनाओं के पूरा हो जाने से दिल्ली-एनसीआर में सड़क जाम की समस्या से निजात मिलेगी, वाहन फर्राटा भरेंगे और गाड़ियों की वजह से होने वाले प्रदूषण में 50 फीसद तक की कमी आएगी। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट रही यह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की यह परियोजना आनेवाले समय में भारत के विकास में मिल का पत्थर साबित होगी |