TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार (FILE PHOTO)

    शरद पवार VS अजित पवार: 40 साल बाद शुगर फैक्ट्री चुनाव में उतरे अजित ने दर्ज की बंपर जीत

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सिख के वेश में नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)

    कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार (FILE PHOTO)

    शरद पवार VS अजित पवार: 40 साल बाद शुगर फैक्ट्री चुनाव में उतरे अजित ने दर्ज की बंपर जीत

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल,  सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    कर्नाटक के रोहित वेमुला बिल पर बवाल, सामाजिक न्याय के नाम पर कांग्रेस ने चली चुनावी चाल!

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    ‘मुस्लिम एकता’ की बात करने वाले पाकिस्तान के रास्ते गिराए गए इस्लामी मुल्क ईरान पर बम!

    सोनिया गांधी और इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू

    ईरान के समर्थन में लिखे गए सोनिया गांधी के लेख पर भड़का इज़रायल

    खामेनेई और डोनाल्ड ट्रंप

    ईरान पर अमेरिका का हमला: क्या ‘स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़’ को बंद कर बदला लेंगे खामेनेई?

    अमेरिका के हमलों को जहां नेतन्याहू ने ऐतिहासिक बताया है तो वहीं ईरान ने इनकी निंदा की है

    ईरान में न्यूक्लियर साइट्स पर US की स्ट्राइक: जानें कहां व कैसे हुए ये हमले और ट्रंप, नेतन्याहू व ईरान ने क्या कहा?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सिख के वेश में नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)

    कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

    बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    संत प्रेमानंद जी महाराज

    दुर्घटनाओं की वजह से लोगों की हो रही अकाल मृत्यु से बचने के लिए प्रेमानंद महाराज ने बताए 5 उपाय

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हम्मीर सिंह सिसोदिया: वह राजपूत योद्धा जिसने समूचे राजपुताना के गौरव को पुनर्स्थापित किया

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
3 December 2017
in इतिहास
राणा हम्मीर सिंह
Share on FacebookShare on X

राणा हमीर सिंह : एक महान राजपूत योद्दा 

एक महान राजपूत योद्दा था जो बहुत बहादुर भी था और चतुर भी। उसने ना केवल मेवाड़ और उसकी राजधानी चित्तौड़ के सम्मान की रक्षा की, बल्कि वह पहला ऐसा योद्दा (राणा हमीर सिंह ) था जिसने दिल्ली में शासन करते हुए तुर्की सल्तनत का खात्मा किया। आज के स्वार्थी बुद्धिजीवी, जो स्वंय को भारत के प्रबुद्ध इतिहासकार होने का दावा करते हैं, उन्होंने राणा हम्मीर सिंह द्वारा किए गए कार्यों, सफलताओं और सम्मान को कभी भी भारतीय इतिहास में उल्लेखित नहीं किया।

इसका कारण यह है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और अपने दुर्भावनापूर्ण एजेंडा को अत्यधिक महत्व देने के लिए भारतीय इतिहास के कुछ सुनहरे पन्नों के साथ छेड़-छाड़ की, जिसके परिणाम स्वरुप हमारा इतिहास आज नष्ट होने की कगार पर पहुँच गया। इन बुद्धिजीवियों ने राणा हमीर सिंह को इतिहास के पन्नों से नष्ट करने का प्रयास किया, उस योद्धा ने भारत के दक्षिणी क्षेत्र की दो अन्य प्रतिष्ठित शक्तियों के साथ मिलकर तुर्की सल्तनत के पतन में अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिस तुर्की सल्तनत का उद्देश्य भारत को तुर्की सल्तनत में शामिल करना और भारतीयों को इस्लाम के अधीन लाना था।

संबंधितपोस्ट

जब हिमाचल के कटोच राजपूतों ने मुहम्मद बिन तुगलक को तबीयत से धोया था

मुहम्मद बिन तुगलक – वह राहुल गांधी जिसे शासन का स्वाद मिला

शबाना आज़मी के प्रपंच को ध्वस्त करने के लिए कंगना राणावत को बधाई देनी चाहिए

और लोड करें

यह योद्धा अपने समय का एक महान समाज सुधारक भी था। आज के समय में कोई भी वामपंथी व्यक्ति ये नहीं चाहेगा कि देश को इस योद्धा के बारे में पता चले। इस पुरुष सिंह का नाम हमीर सिंह सिसोदिया था, जो सिसोदिया वंश के संस्थापक थे, उन्होंने मेवाड़ राज्य पर शासन करने के साथ-साथ राजपूताना राज्य की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुन: प्राप्त करने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे वर्तमान समय में राजस्थान राज्य के नाम से जाना जाता है।

राणा हम्मीर सिंह सिसोदिया का जन्म १३०३ में हुआ था,वही वर्ष जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर आक्रमण करके उसे अपने कब्जे में कर लिया। जैसा कि हम जानते हैं कि राजपूत ज्यादातर रक्षात्मक प्रवित्ति वाले और इस्लामिक आक्रमणकारी आक्रान्ता होते थे। परन्तु राणा हमीर सिंह सिसोदिया अलग मिटटी के बने थे।

रावल रतन सिंह, जिन्हें रत्नासिम्ह के नाम से भी जाना जाता है, वे राजपूतों के प्रसिद्ध गहलोत वंश के अंतिम शासक थे, जिन्होंने मेवाड़ राज्य की स्थापना की और अपनी राजधानी के रूप में चित्तौड़ के किले का चुनाव किया। जैसा कि इतिहास में बताया गया है कि रावल रतन सिंह के एक दूर के रिश्तेदार थे, जो कि कैडेट सेना के एक सेनापति (कमांडर) थे, यदि आधुनिक सैन्य शब्दों में कहें तो वे एक जूनियर कमीशन ऑफिसर थे। इनका नाम लक्ष्मण या लक्षा सिंह था, जिनके सात पुत्र थे और जोकि प्रसिद्ध योद्धा बप्पा रावल के वंशज भी थे, वही बप्पा रावल जिन्होंने ७१२ ईसवी में इस्लामिक शासकों को एक करारी मात देने के साथ-साथ भारतीय उपमहाद्वीप को तीन शताब्दियों तक बाहरी आक्रमणों से बचाए रखा।

लक्षा सिंह सिसोद गांव से थे, इसलिए उनके उत्तराधिकारियों ने अपना उपनाम सिसोदिया रखा। उनके बड़े बेटे का नाम अरि था, जिसने उन्नाव के निकटवर्ती गांव की एक महिला उर्मिला से शादी की, जो कि चन्दन राजपूतों के एक गरीब कबीले की रहने वाली थी। उनके केवल एक ही पुत्र हुआ, जिनका जन्म शायद १३०३ से १३१३ के मध्य [सटीक जन्म वर्ष अभी भी विवादित है] हुआ था। उनके पुत्र का नाम हम्मीर हुआ, जिन्होंने जल्द ही पूरे देश का मानचित्र बदलकर रख दिया।

इस युगल को एक पुत्र के रुप में मिले आशीर्वाद के कुछ महीने बाद ही लक्षा और उसके पुत्र को, उन दंगाईयों की भीड़ से अंतिम युद्ध लड़ने के लिए तलब किया गया, जिसने तानाशाह सुल्तान अल्लाउद्दीन खिलजी के नेतृत्व में चित्तौड़ पर आक्रमण किया था। रावल रतन सिंह के नेतृत्व में लक्ष्मण सिंह और उनके सातों बेटों ने अन्त तक बड़ी बहादुरी के साथ युद्ध किया और एक-एक करके, अपनी मातृभूमि को दुष्ट आक्रमणकारियों के हाथों से बचाते हुए, शहीद हो गए। हार को निकट देख महारानी पद्मिनी के नेतृत्व में हजारों राजपूत महिलाओं ने आग में कूद कर सामूहिक आत्मदाह किया। यह घटना बाद में चित्तौड़ के प्रथम जौहर के रूप में प्रसिद्ध हुई जिसमें हजारों राजपूत महिलाओं ने, सुल्तान खिलजी और उसके हवशी कातिलों के हाथो में न आते हुए अपने सम्मान की रक्षा की।

दस्तावेजों में इसका वर्णन उचित तरीके से नहीं किया गया है लेकिन अन्य स्रोतों और मेवाड़ में प्रसिद्द लोककथाओं से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिन स्त्रियों ने जौहर किया था, उर्मिला भी उन्हीं में से एक थीं। इस जौहर ने हम्मीर को अनाथ कर दिया था, हालाँकि ये बाद में पता चला कि अरि के छोटे भाई और सात भाइयों में दूसरे अजय सिंह गंभीर चोटों के साथ युद्ध में जीवित बच गये थे। अगले कुछ वर्षों तक अजय सिंह के नेतृत्व में युवा हम्मीर को ढूँढा गया और जल्द ही उनकी मेहनत रंग लायी।

वहीं, जब से अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ पर विजय प्राप्त की थी तबसे ही मेवाड़ दंगाइओं और आक्रमणकारीओं की दया पर पल रहा था। डाकू अपनी मर्ज़ी से घरों को लूटते थे, लुटेरे इच्छानुसार मंदिरों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले करके पवित्र मूर्तियों को तोड़ते और सच्चे सनातनियों को बलपूर्वक अपने अधीन कर लेते थे। पुरे मेवाड़ राज्य में अराजकता फ़ैल चुकी थी। यहाँ एक ऐसे रक्षक की अत्यंत आवश्यकता थी जो उन्हें कभी महान रहे राज्य की खोई हुई शान को वापस लाने के लिए आगे बढ़कर लड़ने के लिए प्रेरित कर सके। इसी अराजकता के बीच में कंटालिया के कुख्यात डकैत राजा मुंजा बलेचा ने कदम रखा।

मुंजा सुल्तान खिलजी का तुच्छ सा चापलूस था, जो कि अपनी ख़ुशी के लिए मेवाड़ के लोगों को आतंकित करता था। मात्र दस वर्ष की आयु में जब उन्होंने पाया की मुंजा दुखिया लोगों को आतंकित कर अपना आतंक का साम्राज्य फैला रहा है तो हम्मीर ने सामने से हमला करके अपने तेज और निपुण धनुषकौशल से उसे मौत के घाट उतार दिया। ये वो समय था जब अजय सिंह ने पहली बार हम्मीर को चिन्हित किया उनकी वंशावली के बारे में पता लगाया।

राणा हमीर सिंह को अपने सरंक्षण में लेते हुए अजय सिंह, जो कि प्राचीन शस्त्र-शास्त्रों से अच्छी तरह से वाक़िफ़ थे, ने रणनीतिक द्रष्टिकोण से चित्तौड़ और दिल्ली की सड़कों के बीच स्थित छोटे लेकिन अच्छे से किलाबन्द एकांत स्थान पर हम्मीर को युद्ध कला के साथ साथ कई अन्य विषयों की शिक्षा दी। अन्य राजपूत राजाओं के विपरीत, जो दुश्मन को आमने सामने टक्कर देने में दूसरी बार नहीं सोचते थे, उन्होंने इस पर विचार किया कि ऐसा क्या है जो हमें इस्लामिक सुल्तानों को सबक सिखाने में सफल नहीं होने देता। अजय ने राणा हम्मीर सिंह को ये सिखाया कि हर युद्ध सिर्फ ताकत से ही नहीं जीता जा सकता बल्कि कुछ युद्ध बुद्दि के सही इस्तेमाल से जीते जाते हैं।

पाठकों के लिए एक छोटी सी प्रश्नोत्तरी:- किसने भारत में विधवा पुनर्विवाह प्रथा को पुनः प्रारंभ किया? तुरंत एक उत्तर आयेगा:- इश्वर चन्द्र विद्यासागर। लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं तो मुझे माफ़ कीजिये क्यूंकि आप गलत हैं। विधवा पुनर्विवाह प्रथा को चित्तौड़ में राणा हमीर सिंह के संरक्षण में १४वीं शताब्दी में पुनः शुरू किया गया था। इससे कोई भी वामपंथी उदारवादी सहमत नहीं होगा। हालाँकि इस सच्चाई को कोई भी झुठला नहीं सकता है कि राणा हमीर सिंह ने विधवा पुनर्विवाह प्रथा को पुनः शुरू करवाया था जैसा कि वे भविष्य में मेवाड़ का राणा बनने के पद को अपने लिए सुनिश्चित कर रहे थे। इसके पीछे एक बहुत ही मजेदार और छोटी सी कहानी है।

चित्तौड के पतन के बाद अलाउद्दीन खिलजी ने जालोर के शासक, राजा मालदेव को कब्ज़ा किये हुए किलों और राजपूताना में जीते हुए प्रदेशों के साथ चित्तौड़ का नायक नियुक्त कर दिया। मालदेव, जो की चित्तौड़ पर एक मालिक की तरह राज करने की इच्छा रखता था, उसने राणा हम्मीर को अपने रास्ते में उभरते हुए अवरोध की तरह पाया। हम्मीर को अधीन करने के लिए उसने अपनी खुद की बेटी, एक विधवा राजकुमारी जिसका नाम सोंगरी था, को हम्मीर से विवाह करवा के एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया।

उन दिनों विधवा से विवाह करवाना राजपूतों में बेईज्जती करने का सबसे बुरा रूप माना जाता था। हालांकि, राणा हमीर सिंह ने न केवल एक युवा विधवा को खुले मन से अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया, बल्कि राजा मालदेव के खिलाफ तख्तापलट करने की योजना भी बनाई, और अपनी खोई हुई मातृभूमि चित्तौड़ पर दावा करने के लिए उन्होंने उनकी ही रणनीति का प्रयोग किया। विश्वास करना मुश्किल है पर अगर कोई गहराई से इस पर चर्चा करता है, तो यह तथ्य एक अन्य तथ्य का भी समर्थन करता है कि सती प्रथा ऊंची जाति के हिंदुओं द्वारा थोपी गई कोई बुरी प्रथा नही थी। यह अपनी इच्छा से किया जाने वाला एक कृत्य था, हालांकि १९वीं शताब्दी की शुरुआत में इसका दुरुपयोग भी किया गया था। यदि सती प्रथा और जौहर करना मजबूरी थी, तो हम्मीर ने एक विधवा जो एक बच्चे की माँ थी, को अपनी पत्नी के रूप में कैसे स्वीकार किया?

एक तरह से वो सिसोदिया राजपूत राणा हम्मीर था, न कि ईश्वर चंद्र विद्यासागर, जिन्होंने विधवा पुनर्विवाह की प्रक्रिया शुरू की।सिसोदिया राजपूत राणा हमीर

१३२६ में, २२-२३ की एक छोटी उम्र में, हम्मीर सिंह सिसोदिया अपनी पत्नी सोंगरी के साथ मेवाड़ के सिंहासन पर बैठे, और खुद को मेवाड़ के प्रथम महाराणा हमीर सिंह के रूप में घोषित किया। हालांकि हम्मीर के चाचा अजय उस दिन को देखने के लिए जीवित नहीं रह सके, वह निश्चित रूप से इस पर गर्व महसूस करते कि उनके शिष्य उनकी शिक्षाओं का पालन इतनी अच्छी तरह से कर रहे हैं।

लेकिन यह अंत नहीं था।  सालों के प्राचीन शास्त्र सीखने और अभिनव युद्ध के प्रशिक्षण से अप्रत्याशित परिणाम भी सामने आए। चूंकि हम्मीर अब मेवाड़ का शासक था, इसीलिए उसने दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक के आधिपत्य को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मुहम्मद बिन तुगलक यथार्थ रूप से सुल्तान अल्लाउद्दीन खिलजी का एक सटीक प्रतिरूप था, जिसने अपने ही पिता गयासुद्दीन तुगलक को मार डाला और दिल्ली के सिंहासन पर चढ़ बैठा। मुहम्मद बिन तुगलक और सुल्तान खिलजी के बीच फर्क केवल इतना था कि वह तुगलक स्वभावतः धैर्यवीहीन पुरुष था। हां, सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक बहुत अधीर था, इसी अधीरता ने उसे पतन की ओर आगे बढ़ाया और बाद में राणा हमीर सिंह के हाथों उसकी हार हुई।

हम्मीर और सुल्तान तुगलक के बीच की लड़ाई के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि इतिहास यह कहता है कि राजा मालदेव कारागार से भाग गए और शरणागत बन मुहम्मद बिन तुगलक से मदद मांगी। सुल्तान पहले से ही हम्मीर की अवज्ञा से कुपित था, उसने दोनों तरफ से इस अवसर का लाभ उठाया।

जबकि यह अनिश्चित है कि किस वर्ष में राणा हमीर सिंह ने मोहम्मद बिन तुगलक को गुमनामी में ढकेला, लेकिन यह निश्चित है कि यह लड़ाई १३३३ और १३३६ के बीच में हुई थी। यहीं पर अलाउद्दीन खिलजी और तुगलक के बीच का अंतर निहित है, जबकि खिलजी चतुर, बर्बर और निर्लज्ज था जिसने अंतिम कदम उठाने से पहले अच्छे से सोचता समझता था, उसके बाद के शासक निर्दयी और महत्वाकांक्षी तो थे परन्तु उनमे शान्ति और बुध्दिमत्ता से लड़ने का कौशल नहीं था। विश्व का शासक बनने के उद्देश्य से तुगलक ने हिमालय होते चीन तक पर आक्रमण करने का फैसला कर लिया था। चीन तो खैर दूर था, भरतखंड में कटोच ने उसे भरपूर मज़ा चखाया, जहाँ तुगलक कटोच सेना से परस्त हुआ वह क्षेत्र वर्त्तमान का हिमाचल प्रदेश है।

मेवाड़ और दिल्ली की सेनाओं के बीच का युद्ध राणा हम्मीर के प्रभुत्व की आखिरी परीक्षा थी चाहे वो मैदान के अंदर या मैदान के बाहर हो। हम्मीर गुरिल्ला युद्ध में काफी कुशल थे। हालांकि उनकी सेना काफी छोटी थी परन्तु गुरिल्ला युद्ध के रणकौशल के कारण वे दुश्मनों के दांत खट्टे करने में माहिर थे, पृथ्वीराज चौहान या रावल रतन सिंह जैसे वीरो ने कभी भी इस कौशल को जानने की परवाह नहीं की थी।

राणा हम्मीर को मौत का डर नहीं था, लेकिन वह जानते थे कि अगर वह मेवाड़ और राजपुताना, दोनों की प्रतिष्ठा को वापस पाना चाहते हैं, तो उन्हें दुश्मन को मारने और जीत हासिल करने की जरूरत थी।

स्थानीय कहावतों से हमें पता चला कि राणा हमीर सिंह ने अपनी सेना के केवल एक सैन्य-दल के साथ आधी रात को दुश्मन शिविर पर अचानक हमले किये। दुश्मनों को अचानक गाजर की तरह काट दिया गया। कोई भी राजा मालदेव के बारे में नहीं जानता, लेकिन यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जालौर के विश्वासघाती राजा मालदेव को मेवाड़ सेना के हाथों एक मौत मिली थी। शीघ्र ही राणा हमीर सिंह ने न केवल युद्ध जीता, बल्कि असंभव को संभव कर दिया और उन्होंने दिल्ली के सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक को अपना कैदी बना लिया।

हां केवल 30-32 वर्ष की उम्र का राजपूत राजा दिल्ली के सुल्तान के घमण्ड को धूल में मिलाकर अपने चित्तौड़ को अपमानित करने का बदला लेने में कामयाब रहा था।

सुल्तान को बंधक रखा गया, और तभी छोड़ा गया जब उसने मेवाड़ सहित राजपूताना के पूरे क्षेत्र की आजादी के लिए लिखित रूप में सहमति दी। यद्यपि वह जीवित बच गया लेकिन मुहम्मद बिन तुगलक को ऐसा आघात पंहुचा कि वह फिर से मेवाड़ पर हमला करने की हिम्मत नहीं कर सका। यद्यपि हम्मीर ने 1364 में मेवाड़ के सिंहासन को छोड़ दिया, पर राजपूताना में कई राजपूतों को उनकी महिमा के दिनों ने आने वाले सैकड़ों वर्ष तक प्रेरित किया।

छद्म बुद्धिजीवियों का उद्देश्य इस तरह के गौरवशाली योद्धाओं की कहानियों को कमतर बताना भर है, यह आवश्यक है कि हम जितना संभव हो उतने अधिक लोगों तक पहुँचाकर इस इतिहास को जीवित रखें।

जय भवानी

स्रोत: –

शैलेंद्र सेन की मध्यकालीन भारतीय इतिहास की एक पाठ्यपुस्तक

रोमेश चंदर मजूमदार द्वारा भारत का एक उन्नत इतिहास

रोमेश चंद्र मजूमदार द्वारा भारत के क्लासिकल अकाउंट्स

सर जादुनाथ सरकार द्वारा भारत का सैन्य इतिहास

जेम्स टोड द्वारा राजस्थान का इतिहास और प्राचीन वस्तुएं [हालांकि यह पूर्ण स्रोत नहीं है]

विनायक दामोदर सावरकर द्वारा हिंदू पद पदशाही

Tags: मुहम्मद बिन तुगलकराजपूतहम्मीर
शेयर17ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

श्री राम सिर्फ उत्तर भारत तक सीमित नहीं, श्री राम सर्वत्र हैं

अगली पोस्ट

क्या गाँधी वास्तव में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए खतरा थे?

संबंधित पोस्ट

सिख के वेश में नरेंद्र मोदी (FILE PHOTO)
इतिहास

कहानी आपातकाल की: जब नरेंद्र मोदी ने सिख के वेश में घूम-घूमकर लोकतंत्र की लौ जलाए रखी

24 June 2025

1975 की बात है, जब देश पर आपातकाल का साया था। हजारों आवाज़ें जेलों में बंद कर लोकतंत्र को गूंगा बना दिया गया था। उसी...

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?
इतिहास

श्यामा प्रसाद मुखर्जी की रहस्यमयी मृत्यु की जांच को लेकर उनकी मां से क्या बोले थे नेहरू?

24 June 2025

इतिहास में कुछ लोगों की मृत्यु ऐसी होती है जो सवाल बन जाती है, दर्द बन जाती है और पीढ़ियों तक लोग जिसके सच की...

बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
इतिहास

बलिदान दिवस विशेष: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राष्ट्रीय एकता के विचारों को कैसे नीतियों के रूप में बदल रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी

23 June 2025

भारतीय राजनीति में चंद नाम ऐसे हैं, जो सिर्फ व्यक्तित्व के नहीं, बल्कि विचारधाराओं के भी प्रतीक होते हैं। जनसंघ संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

Right time for release? Sardar ji 3 drops amid tragedy

00:05:33

India' s oil and ethanol market at risk? Rural industries dear US flood

00:04:14

Amarnath yatra 2025 explained: history, logistics and security

00:06:47

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited