TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    ‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’

    वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सैनिटरी नैपकिन पर 12% जीएसटी के पीछे का गणित

Yash Joshi द्वारा Yash Joshi
5 December 2017
in समीक्षा
सैनिटरी नैपकिन जीएसटी
Share on FacebookShare on X

सैनिटरी नैपकिन पर 12% GST

सरकार द्वारा जुलाई में जीएसटी को बड़े धूम-धड़ाके और उत्साह के साथ लागू किया गया। लेकिन बाद में यह बहुत ही जटिल मुद्दा बन गया जिसके कारण सरकार को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। सैनिटरी नैपकिन पर सरकार द्वारा 12% कर लगाने वाले निर्णय का काफी विरोध हुआ, खासकर जब बिंदी और सिंदूर को 0% जीएसटी ब्रैकेट में रखा गया। इस विवादित मुद्दे के बारे में बहुत कुछ लिखा गया और सरकार को पुरुष-प्रधान बताकर कई आरोप लगाए गए। तो सरकार इस आवश्यक वस्तु पर कर क्यों लगा रही है? क्या वास्तव में जीएसटी को समाप्त करके, ग्रामीण इलाकों की बाजारों में सैनिटरी नैपकिन को पहुँचाने में मदद मिलेगी?

शुरुआत से ही, भाजपा ने खुद का बचाव करते हुए इस तथ्य का हवाला दिया है कि पिछली कर व्यवस्था के तहत, सैनिटरी नैपकिन पर 13% कर लगाया जाता था और वास्तव में, जीएसटी के द्वारा सैनिटरी नैपकिन पर Tax कम कर दिया गया है।

संबंधितपोस्ट

Health और Life इंश्योरेंस पर GST खत्म कर मोदी सरकार ने ‘दादागीरी’ के खिलाफ बहुत बड़ा दांव चल दिया है, लेकिन कैसे ?

दीपावली से पहले बड़ा तोहफा, जीएसटी में बड़ा बदलाव: क्या सस्ता, क्या महंगा पूरी लिस्ट देखें

सरकार ने राम मंदिर को दिया था सिर्फ 1 रुपए, अब कर ली ₹400 करोड़ की कमाई

और लोड करें

परन्तु सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी के लॉजिक को या तो मीडिया द्वारा ठीक से दिखाया नहीं गया या तो सरकार द्वारा इसे ठीक से व्यक्त नहीं किया गया। सैनिटरी नैपकिन पर 12% ब्रैकेट के तहत, एक इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया जाता है।

सैनिटरी नैपकिन पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का अर्थ

इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब है कि एक बिजनेस आउटपुट (अंतिम प्रोडक्ट) पर दिए जाने वाले टैक्स से इनपुट (रॉ मटेरियल) पर दिए गए टैक्स को घटा सकता है।इसलिए उपभोक्ताओं को सैनिटरी नैपकिन पर 12% जीएसटी का भुगतान नहीं बल्कि लगभग ३-४ % जीएसटी का भुगतान ही करना पड़ता है क्यूंकि सरकार इस पर इनपुट क्रेडिट का लाभ दे रही है।

अब एक तर्क यह भी हो सकता है कि पीरियड्स के दौरान प्रयोग किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिन पर 3-4% कर का भुगतान भी महिलाएं क्यों करें? जबकि इस तथ्य को ध्यान में रखा जाय कि रक्तस्राव महिलाओं के हाथ में नहीं है।

अगर सरकार सैनिटरी नैपकिन से जीएसटी को हटा देती है, तो नैपकिन और अधिक महंगी हो जाएगी। अगर जीएसटी हटा दी जाती है, तो उत्पादक ख़रीदे गए कच्चे माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ प्राप्त नहीं कर पाएंगे। उत्पादक इसे बनाने के लिए कॉटन आदि को 18% कर की दर पर खरीदते हैं, इसलिए सैनिटरी नैपकिन को बनाने के लिए लागत में वृद्धि होगी।

इसलिए उपभोक्ता को और अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। सरकार कच्चे माल पर कर व्यवस्था को नहीं हटा सकती क्योंकि यह पता लगाना संभव नहीं है कि कॉटन का प्रयोग कपड़ा उद्योग में किया जाना है या सैनिटरी नैपकिन को बनाने में।

साथ ही साथ, देश में चीनी सामान की भरमार आ जाएगी। आयात पर अब सिर्फ 12% आईजीएसटी (एकीकृत जीएसटी) शुल्क लगाया जाता है, सीमा शुल्क अब लगता नहीं है। इसके अलावा चीन से निर्यात होने वाले चीनी उत्पादों को अपने देश में निर्यात शुल्क से छूट दी गई है। इसलिए भारत में बने सैनिटरी नैपकिन की तुलना में चीन में बने सैनिटरी नैपकिन बहुत सस्ते होते हैं।

सभी चीनी उत्पादों की गुणवत्ता बेहतरीन नहीं होती है और भारत जैसे देश में जहाँ सार्वजनिक स्वच्छता कि बहुत आवश्यकता है वहां कम गुणवत्ता वाले सैनिटरी नैपकिन इस समय की आवश्यकता नहीं हैं। साथी जैसी स्टॉर्ट अप योजनाएं और भारत के पद्मन अरुणाचलम मुरुगनंतम जैसे लोग, कम दाम में उच्च गुणवत्ता और पर्यावरण के अनुकूल सैनिटरी नैपकिन बनाने का लक्ष्य रखते हैं।

नेपकिन को 12% स्लैब में रखने का कारण!

सरकार के द्वारा सिंदूर और चूड़ियों को 0% स्लैब में रखने पर मीडिया के कुछ वर्गों ने आरोप लगाया है कि यह भाजपा सरकार की ठेठ प्राचीन हिंदुत्व मानसिकता है। जीएसटी को सुचारू रूप से लागू करने के लिए कुछ वस्तुओं पर जीएसटी कर को पूर्व जीएसटी कर के जितना करीब रखा जा सकता था उतना करीब रखा गया है।

पिछली सरकार में भी सिंदूर और चूड़ियाँ 0% स्लैब के तहत थीं। लुटियन की मीडिया ने तब अपने प्रिय राहुल गाँधी से ये सवाल क्यों नहीं किये, जो हर चुनाव से पहले उसी मीडिया वर्ग द्वारा नए अवतार में दर्शाए जाते हैं? सिंदूर और बिंदी असंगठित व्यापार क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं इसलिए इन वस्तुओं पर कर लगाना इन क्षेत्रों की बर्बादी का कारण बन सकता है।

बरखा दत्त जैसे वरिष्ठ पत्रकारों ने कंडोम पर शून्य प्रतिशत स्लैब के कारण सरकार पर पक्षपातपूर्ण निर्णय लेने के आरोप लगाए, कंडोम को पुरुषों द्वारा (क्योंकि इनके हिसाब से कंडोम केवल पुरुषों के लिए लाभकारी है) इस्तेमाल किए जाने वाली वस्तु बताई। हाँ, कंडोम मुख्य रूप से गर्भनिरोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या ये यौन संचारित बीमारियों और एचआईवी की रोकथाम के लिए आवश्यक नहीं, जो दोनों लिंगों को सामान रूप से प्रभावित कर सकता है।

इससे जनसंख्या पर नियंत्रण भी किया जा सकता है। भेदभाव के आरोप लगाने के बजाय जीएसटी दरों को करीब से देखने से यह पता चलेगा कि महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डायाफ्राम और ग्रीवा कैप जैसी सभी गर्भनिरोधक दवाएं शून्य प्रतिशत स्लैब के अंतर्गत आती हैं। तो लगाए आरोपों में महिलाओं से भेदभाव कैसे?

10 सैनिटरी नैपकिन के पैक की एमआरपी!

पिछली कर प्रणाली में, एक बहुराष्ट्रीय ब्रांड के 10 पेटी वाले सैनिटरी नैपकिन के पैक की एमआरपी 85 रुपये थी और कर जोड़े जाने से पहले इसकी कीमत ७६ रूपये के आसपास थी। तो इस प्रकार शून्य रेटिंग सैनिटरी नैपकिन से 10 नैपकिंस के पैकेट पर केवल ९ रुपये का अंतर है। क्या यह उन लोगों का तर्क है, जो 0% शुल्क के लिए पक्षधर हैं, जो इसकी कीमत प्रति पैकेट 85 रूपये से 96 रूपये करना चाहते हैं।

अब 10 सैनिटरी नैपकिन के पैक का एमआरपी 80-85 रुपये है। (सैनिटरी नैपकिन के प्रकारों में कई रूपांतरों के कारण सटीक मूल्य उपलब्ध नहीं है और साथ ही जीएसटी अभी भी प्रारंभिक दौर में है) वर्तमान कराधान व्यवस्था के तहत कीमतों में मामूली गिरावट आई है जबकि इसको लागू करने से पूर्व कीमतों के बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा था।

ध्यान रखें कि यह बहुराष्ट्रीय ब्रांडों की सैनिटरी नैपकिन की कीमत है, जो कम आय वाली महिलाएं संभवतः शून्य प्रतिशत कर के साथ भी नहीं खरीद सकतीं। वे स्थानीय रूप से निर्मित सैनिटरी नैपकिन पर ही भरोसा करती हैं, जिसकी लागत 10 पैड प्रति पैकेट के लिए 50-55 रुपये के आसपास है।

वहीं यदि सैनिटरी नैपकिन को शून्य प्रतिशत स्लैब के तहत रखा जाए तो उनकी निर्माण इकाइयों की कीमतों को बढ़ाना पड़ेगा। इस प्रकार कम-आय वाले समूह जहाँ पहले से ही गंदगी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है वह और भी ज्यादा बदतर हो जाएगा।

वित्त मंत्री ने 12% स्लैब का किया बचाव

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सैनिटरी नैपकिनों पर 12 प्रतिशत जीएसटी को लागू करने का बचाव करते हुए कहा कि ये आक्रोश “दुर्भावनापूर्ण” सूचना के कारण है। और बात सच ही है क्योंकि मीडिया ने नैपकिन पर लागू इनपुट टैक्स क्रेडिट को आसानी से अनदेखा किया और देश भर में गलत सूचना फैलाई।

ऐसा ही एक उदाहरण महिला पत्रकार मिस फाया डिसूजा का हो सकता है, जिन्होंने अपनी एक ट्वीट की श्रंखला में 12 प्रतिशत जीएसटी के खिलाफ गुस्सा दिखाते हुए कहा कि पिछले कर निर्धारण व्यवस्था के तहत सैनिटरी नैपकिन पर वैट 4.5% से लेकर 13.86% प्रतिशत तक अलग-अलग था क्योंकि कुछ राज्यों जैसे गुजरात, दिल्ली आदि ने सैनिटरी नैपकिन पर कम वैट लगाया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि इन क्षेत्रों कि महिलाओं को उतनी ही नैपकिन्स के लिए अधिक खर्च करना होगा। हालांकि, वह एक महत्वपूर्ण विवरण भूल गईं। पहले से लागू वैट, जीएसटी से 5% से 14.5% तक भिन्न था और एमआरपी में 6% का एक उत्पाद शुल्क जोड़ा जाना था, इस प्रकार आज की व्यवस्था के तहत ये नैपकिंस और भी महंगे होते।

साथ ही, इस तथ्य के बावजूद अधिकांश मामलों में घटा हुआ वैट निर्माताओं द्वारा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुँचाया गया था। भारत में सैनिटरी नैपकिन की बाजार में पहुँच केवल १६ प्रतिशत है, जो कि कुछ अफ्रीकी देशों की तुलना में भी कम है। केन्या में इनकी बाजार में पहुँच 30 प्रतिशत है। मासिक धर्म की स्वच्छता एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर आवश्यक ध्यान नहीं दिया गया।

क्या सेनेटरी नेपकिन को 0% स्लैब में रखना सही होगा?

लेकिन सेनेटरी नैपकिन को शून्य जीएसटी में रखना क्या सही विकल्प है? बेशक नहीं। कीमत के अलावा, मासिक को लेकर मिथक और पाबंदियां, मासिक धर्म की स्वच्छता के लिए भारत के रास्ते में बड़ा रोड़ा हैं। सभी महिलाओं को कम लागत, उच्च गुणवत्ता वाले सैनिटरी पैड प्राप्त करने का अधिकार होना चाहिए।

शायद स्कूलों में मासिक धर्म की स्वच्छता की आवश्यकता के बारे में शिक्षण एक बड़ा कदम होगा। शायद ही कोई स्कूल मासिक धर्म की स्वच्छता के बारे में सिखाता है या उस पर चर्चा करना चाहता है। सरकार को स्थानीय निर्माताओं को और अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए और ताकि वे कम लागत वाली सैनिटरी नैपकिन बना पाए और साथ ही साथ उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से मासिक धर्म की स्वच्छता के लाभ और आवश्यकता का प्रसार करना चाहिए।

आज का देश इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर एक बहस की मांग कर रहा है। भारत में मासिक धर्म की स्वच्छता की स्थिति के लिए केवल खेद प्रकट करते हुए इसे हल्के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

Tags: जीएसटीसैनिटरी नैपकिन
शेयर464ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या गाँधी वास्तव में ब्रिटिश साम्राज्य के लिए खतरा थे?

अगली पोस्ट

भारत ने लगायी वैश्विक समृद्धि सूचकांक 2017 में चार पायदानों की छलांग

संबंधित पोस्ट

‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’
चर्चित

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

13 September 2025

तेलंगाना की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने कांग्रेस पर ‘एमएलए चोरी’ का गंभीर आरोप लगा दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और...

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां
क्राइम

मणिपुर: घाव पर मरहम रखने लौटा भरोसे का कारवां

13 September 2025

मणिपुर की पहाड़ियों और घाटियों में डेढ़ साल से पसरे तनाव का धुंधलका देश ने न सिर्फ़ महसूस किया था, बल्कि उसकी टीस को अपने...

‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच
क्राइम

‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

13 September 2025

दिसंबर 1994 की ठंडी सुबह। पटना की ओर जाती सड़क पर एक सफेद एंबेसडर कार दौड़ रही थी। अंदर बैठे थे एक युवा आईएएस अधिकारी-जी....

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited