कर्नाटक में कांग्रेस को दिनेश गुंडू राव की वजह से शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। दरअसल, कर्नाटक कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर विवादित टिप्पणी की जिससे पार्टी को शर्म से लाल होना पड़ा। पीएम मोदी को सीएम योगी को बर्खास्त करने का परामर्श देते हुए राव ने कहा, ‘वह योगी नहीं हैं, ढोंगी हैं। राव यही नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा, अगर सीएम योगी राज्य में आते हैं तो उन्हें चप्पलों से पीटकर वापस भेज देना चाहिए। ऐसा लगता है कि दिनेश गुंडू राव कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में वही कर रहे हैं जो मणिशंकर अय्यर ने आम चुनाव से पहले किया था। उस समय मणिशंकर अय्यर के ‘चायवाला’ विवादित टिप्पणी की वजह से कांग्रेस को शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा था। इस समय राव के विवादित टिप्पणी से कांग्रेस को एक बार फिर शर्मिंदगी झेलनी पड़ी है और इस टिप्पणी ने आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी हार के लिए मंच भी तैयार कर दिया है।
कांग्रेस पार्टी के नेता द्वारा इस तरह की गैर-जिम्मेदारना टिप्पणी से बीजेपी में गुस्सा है और बीजेपी ने जुबान से जहर उगलने वाले नेता राव के बयान पर पलटवार किया है। बीजेपी ने इस टिप्पणी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफ़ी मांगने को कहा है साथ ही नेता दिनेश गुंडू राव को बर्खास्त करने की मांग की है।
इस टिप्पणी से कांग्रेस के मन में बसे नर्म हिंदुत्व की छवि भी बाहर आयी है। कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान जिस तरह से राहुल गांधी हिंदू मंदिर और श्रृंगेरी मठ समेत अन्य मठों में दर्शन करते हुए नजर आते हैं, साथ ही शंकराचार्य से उनकी मुलाकात, ये सभी इशारा करते हैं कि वो हिंदुओं के मन में अपनी छवि को बदलने की कोशिश में लगे हैं। यहां तक कि गुजरात चुनावों के दौरान भी राहुल गांधी हिंदू मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मंदिर और मठों में गए थे। लगता है कांग्रेस को ये बात समझ आ गयी है कि हिंदू हिंदू-विरोधी नीतियों से तंग आ चुके हैं, इसलिए वो अब हिंदू मतदाताओं को फिर से प्रभावित करने की कोशिश में हैं। हालांकि, दिनेश गुंडू राव की ये विवादित टिप्पणी ही कांग्रेस का वास्तविक चेहरा है।
हिंदुओं की परंपराओं, मूल्यों और संस्थानों के लिए कांग्रेस के मन में कोई सम्मान नहीं है। अगर ऐसा नहीं है तो फिर गोरखनाथ मठ के महंत के बारे में ऐसी गंदी राजनीतिक टिप्पणी करने से पहले कांग्रेस को दो बार सोचना चाहिए था। योगी आदित्यनाथ न सिर्फ गोरखनाथ मठ में बल्कि पूरे नाथ पंथ में एक सम्मानित चेहरा हैं। आदित्यनाथ को ढोंगी कहकर राव ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश के सीएम का अपमान किया है बल्कि पूरे नाथ पंथ की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। वास्तव में इस टिप्पणी को गोरखनाथ मठ पर अप्रत्यक्ष हमले के रूप में भी देखा जाना चाहिए क्योंकि वो मठ न सिर्फ नाथ पंथ के लिए बल्कि पूरे हिंदू समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गोरखनाथ मठ न सिर्फ धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि हिंदू शक्ति और उनके गर्व का भी स्त्रोत है। दरअसल, जब 14 वीं शताब्दी में अलाउद्दीन खिलजी ने इस मठ पर हमला किया था तब ये मठ अपने कठिन समय में भी मजबूत रहा था और बाद में औरंगजेब ने इसे नष्ट कर दिया था। हालांकि, ये तो दूसरों मठों के महंतों ने अपने प्रयासों से इस मठ को फिर से बहाल किया गया था।
कांग्रेस का कठिन समय चल रहा है और इस तरह की टिप्पणी का असर आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। यदि कांग्रेस आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहती तो उसे राव के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए और जल्द ही राव को अपनी विवादित टिप्पणी के लिए न सिर्फ योगी आदित्यनाथ बल्कि पूरे नाथ पंथ और हिंदू समुदाय से माफ़ी मांगने के लिए कहना चाहिए।