कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित किया गया उपवास 2014 में मिली बड़ी हार के बाद शायद कांग्रेस के सबसे ज्यादा शर्मनाक क्षणों में रहा। ये उपवास दोपहर के समय सांप्रदायिक सोहार्द के नाम पर सोमवार को राजघाट पर आयोजित किया गया था ।
इस घटना को देखकर तो यही लगता है ये उपवास नहीं बल्कि उपहास था जिसमें अधिकतर लोग यही पूछते नजर आये कि 5 घंटे उपवास रखने की जरुरत क्या थी। वैसे देखा जाए तो सिर्फ पांच घंटे का उपवास तो पूरा देश रोज ही रखता है, कई बार तो कोई अपनी मजबूरियों की वजह से अक्सर दिनभर भूखा रहता है। ये उपवास महज राजनीतिक प्रदर्शन था जो सिर्फ अपने विरोधियों के लिए मुश्किल खड़ा करने के इरादे से रखा गया था लेकिन, समझने वाली बात ये है कि इरादे जो भी थे लेकिन जब उपवास के दौरान होने वाली कठिनाइयों से बचते नजर आये तो ऐसे में ये कैसा उपवास था ? ये तो उपवास का ही मजाक था।
चलिए ठीक राहुल गांधी ने 5 घंटे का उपवास रखने का फैसला किया लेकिन उपवास शुरू किया भी तो दो घंटे की देरी से। जब लोग अपना लंच करके अपने काम पर लौटते हैं तब राहुल गांधी ने अपना उपवास शुरू किया था। ऐसे में कई लोगों का मानना है कि ये उपवास नहीं था बल्कि ये बस वो समय था जब कुछ राजनेताओं ने उपवास के नाम पर अपने दोपहर का भोजन नहीं किया और इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। गौर करें तो पाएंगे राहुल बस अपने दोपहर के भोजन और चाय के समय के बीच के अंतर तक ही उपवास पर बैठे थे। डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि ने एक बार उपवास किया था जो सुबह शुरू हुआ था और दोपहर के भोजन तक चला था। अभी हाल ही में एआईआईडीएमके के कार्यकर्ताओं ने भी उपवास रखा था और उपवास के मध्य में ही बिरयानी खाते हुए नजर आये थे। ऐसे में राहुल गांधी ने अपने प्रयास से इन लोगों को शर्मिंदा करने में कामयाबी जरुर हासिल की है।
पर जो सबसे ज्यादा हास्यपद था वो समय था उपवास शुरू होने से और राहुल गांधी के स्थान पर पहुँचने से पहले का समय। कांग्रेस के नेताओं ने उपवास शुरू होने से पहले छोले-भटूरे खाए। एक राजनीतिक तमाशे के साथ इस तरह की अच्छी कोशिश जरुर उन्हें अगले उपवास में बिना भोजन किये कुछ और घंटों तक जीवित रहने में मदद देगी।
पार्टी के लिए वो घड़ी शर्मिंदा भरी साबित हुई जब 1984 के दंगों के पोस्टर लड़के सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर मंच पर पहुंच गए। इसके बाद व्यापक आलोचनाएं शुरू हो गयीं क्योंकि ये उपवास तो सांप्रदायिक सोहार्द के लिए था। अंततः पार्टी ने उन्हें मंच से जाने का अनुरोध किया लेकिन क्या फायदा था दिखावे के उपवास का उपहास तो बन ही चुका था।
उपवास के असफल होने के बीच पार्टी के अंदर ही लड़ाई शुरू हो गयी। वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता तहसीन पूनावाला ने आरोप लगाया कि इस उपवास को जानबूझकर खराब किया गया। सयोंग्वश तहसीन पूनावाला गांधी परिवार से संबंधित है, दरअसल, तहसीन पूनावाला की शादी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की बहन मोनिका से हुई है। तहसीन पूनावाला ने स्पष्ट रूप से कहा कि अजय माकन एक अपराधी हैं। उन्होंने दावा किया कि कोई भी राजनेता इतना न समझ नहीं कि वो जनता की अच्छी प्रतिक्रिया के लिए बिना किसी योजना के इस तरह सार्वजनिक स्थान पर उपवास का आयोजन करे। उन्होंने ये भी कहा कि जब माकन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्षता संभालते हैं तो ऐसे में उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए था कि इस समारोह में टाइटलर और कुमार जैसे तत्व न दिखे। उन्होंने आगे कहा माकन एक अनुभवी नेता है और ऐसे में माकन इतने नौसिखिया भी नहीं है कि इस तरह की गलतियां करें।
Could u as leader of Delhi Congress not call Jagdish Tyler ji and Sajjan Kumar ji before hand and tell them not to come to the venue. I mean the congress is down to 0 and u destroyed RGs dalit outreach. Again either u are incompetent or working for the BJP.
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) April 9, 2018
https://twitter.com/tehseenp/status/983268529721020416
Then he is incompetent Rohini. He could have called Jagdish Tyler ji and Sajjan Kumar ji in the morning & told them NOT to come . He could have hosted a breakfast at home . How can he hurt RG at this juncture ?
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) April 9, 2018
Rajesh ji, people like me vote Cong coz it is Mahatma Gandhi & Nehru's party! We will take a bullet for Congress. We don't want a post. We put our money to fight cases. And he can't stay 1 day away from Chola Batura. He has reduced Cong in Delhi to a Batura (round like 0)
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) April 9, 2018
Bhai whoever is the final constitutional authority when it comes to DPCC. He needs to use his brains. Today under whose leadership is congress down to 0 and we destroyed RGs dalit movement .
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) April 9, 2018
Bhai , What can I say. It is only the insiders who want to damage the RG and the Congress. U really believe @ajaymaken is that stupid ! Well done.. entire dalit issue that RG had built up is destroyed .
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) April 9, 2018
पूनावाला का ट्वीट ये इशारा जरुर करता है कि पार्टी भी स्वीकारती है कि उपवास के नाम पर सार्वजनिक स्थान उपहास किया गया है। इसके अलावा उनके ट्वीट से ये भी पता चलता है कि पार्टी को समझ है कि टाइटलर और कुमार किस प्रतिनिधित्व को दर्शाते हैं तभी तो जब ये दोनों मंच पर गए तो पार्टी ने इन्हें मंच से हटाने का फैसला किया था। वैसे इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं कि पूनावाला ने अपने ट्वीट में उपवास के असफल होने के पीछे के सबसे बड़े कारक और पार्टी के अध्यक्ष को कुछ नहीं कहा।
शायद ये ट्वीट सिर्फ जनता के ध्यान को हटाने के लिए किया गया था या बस किसी और की गलती का दोष छुपाने के लिए किसी और को निशाना बना रहे थे ताकि पार्टी के राजकुमार पर कोई उंगली न उठा सके। वैसे कांग्रेस के लिए ये आम बात हो गयी है। अपनी पार्टी के भीतर ही एक दूसरे पर दोषारोपण करना पार्टी का हिस्सा है या यूं कहें पार्टी की पुरानी सभ्यता है। वो कहते हैं न कि सफलता का श्रेय तो सभी लेते हैं लेकिन हार का श्रेय कोई नहीं लेता, ठीक वैसे ही छात्र चुनाव से संसदीय उप-चुनाव तक का पिता तो एक ही है। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो इसे बहुत कम चख पातें हैं!