आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद सहयोगी होने से लेकर सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों में से एक नेता और कवी कुमार विश्वास एक बार फिर से सामने आये हैं। अरविंद केजरीवाल उन्हें भारतीय राजनीति में लेकर आये थे तब उन्हें क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए सबसे सक्षम उत्तराधिकारियों में से एक कहा जाता था। अब वो केजरीवाल की रणनीति के खिलाफ खड़े हैं और हर स्तर पर केजरीवाल की भ्रष्ट नीतियों का विरोध कर रहे हैं।
कुमार विश्वास ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक पत्र लिखकर उनके खिलाफ दिए अपने बयान पर खेद जताया है, जिनके खिलाफ केजरीवाल ने डीडीसीए के अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए थे। केजरीवाल के बाद अब कुमार विश्वास ने भी अरुण जेटली से माफ़ी मांग ली है। बीजेपी प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने बताया कि चार पन्नों के इस पत्र ने अरविंद केजरीवाल की असली तस्वीर को पूरी तरह से साफ़ कर दिया है।
. @DrKumarVishwas का ये पत्र देश के हर उस नागरिक को पढ़ना चाइये जिसने कभी केजरीवाल पर भरोसा किया था । pic.twitter.com/nyZrf2yvmG
— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) May 28, 2018
हाल ही में अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन हुआ था ऐसे में जेटली जी को लिखे अपने पत्र में कुमार विश्वास ने पहले उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी के साथ अपने सहयोग के बारे में लिखा कि वो कैसे एक समान विचार के राजनीतिक संगठन से जुड़े जिससे वो भारतीय राजनीति में उचित बदलाव ला सकें लेकिन हो कुछ और गया।
गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी जिसके बाद इस आंदोलन के तहत एक नई पार्टी आम आदमी पार्टी बनाई गयी जिसका लक्ष्य भारतीय राजनीति को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना था। अपने पत्र में कुमार विश्वास ने इस पूरे ड्रामे का खुलासा किया जो राजनीतिक सक्रियता के नाम अरविंद केजरीवाल करते आये हैं।
कुमार विश्वास के मुताबिक आम आदमी पार्टी बाकि पार्टियों से सिर्फ नाम से ही अलग है। हकीकत में ये भारत की बाकि राजनीतिक पार्टियों की तरह ही भ्रष्ट है। बॉस के लिए हामी भरने वालों से लेकर तानाशाही संस्कृति में यकीन रखने वालों तक, आप इसे जो चाहे नाम दे सकते हैं क्योंकि आम आदमी पार्टी के पास ये सब है। कुमार विश्वास ने माना कि पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अरविंद केजरीवाल द्वारा किये गये दावों की गहराई में जाए बिना ही उसे सच मान लिया और केजरीवाल ने जो कहा उसे अंधाधुंध स्वीकार कर लिया। अरे ये बात किसे नहीं पता है कुमार विश्वास जी?
अपने इस सनसनीखेज खुलासे में कुमार विश्वास ने ये भी स्वीकार किया कि अरविंद केजरीवाल ने अन्य नेताओं जैसे अरुण जेटली, नितिन गडकरी, बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ जो भी आरोप लगाये वो एक असली खुलासे की बजाय झूठे हैं।
जब केजरीवाल को कुमार ने अपने दस्तावेजों की सत्यता की जांच करने का सुझाव दिया था जिससे वो नेताओं पर आरोप लगाया करते थे तब केजरीवाल ने चिल्लाते हुए कहा था, मुझपर शक करने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? कुमार ने कहा कि मेरे पास जो भी दस्तावेज हैं वो स्वराज (जिस पुस्तक को उन्होंने लिखा है) के समान सच हैं।
वैसे कुमार द्वारा किया जा रहा ये दावा आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि कुमार विश्वास ने खुद ही इंडिया टीवी के प्रसिद्ध शो ‘आप की अदालत’ में स्वीकार किया था कि उनके निजी विरोध के बावजूद, केजरीवाल ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक पर विवादास्पद टिप्पणी की थी जहां उन्होंने इसकी प्रमाणिकता पर संदेह किया था। अब इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि आखिर क्यों योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया जब उन्होंने केजरीवाल और उनके रणनीतियों का विरोध किया था।
इन सभी के अलावा, कुमार ने एक और गहरे रहस्य को स्वीकार जो कई राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। उनके अनुसार, हाल ही में अरविंद केजरीवाल सभी से अपनी गलतियों के लिए माफी मांग रहे इसके पीछे उनका पछतावा या बड़ा दिल नहीं हैं बल्कि उनके वकील ने उन्हें ऐसा करने की सलाह दी है। पत्र के मुताबिक अरविंद केजरीवाल को उनके वकील ने कहा था कि यदि उन्हें लंबित आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। जेल और कुर्सी जाने के डर से केजरीवाल माफ़ी मांगते फिर रहे हैं। साथ ही केजरीवाल को ये भी डर है की यदि उन्हें आरोपों में दोषी पाया गया तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है और ये स्थिति मनीष सिसोदिया के पक्ष में हो जाएगी। ऐसे में वो किसी भी कीमत पर जेल नहीं जाना चाहते हैं।
हां, अरविंद केजरीवाल खुद ही सत्ता के इतने भूखे हैं कि इस डर से कि ये पद मनीष सिसोदिया को मिल सकता है ऐसी स्थिति में वो अपने पद को छोड़ना नहीं चाहते। विडंबना ये है कि, उन्होंने आम आदमी पार्टी को बनाने के दौरान जो दावा किया था कि उन्हें सत्ता की भूख नहीं है, बल्कि वो देश की गन्दगी साफ़ करना चाहते हैं। कहाँ विकास के दावे और कहाँ ये पाखण्ड!
ऐसे में कुमार विश्वास को संदेह है कि केजरीवाल द्वारा हाल में मांगी गयी माफ़ी उनका एक और राजनीतिक स्टंट है। अब उन्होंने केजरीवाल की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं वो व्यक्ति जिसे कभी भारतीय राजनीति को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए लेबल किया गया था। यदि ये सच है तो इससे न सिर्फ केजरीवाल का सच सामने आया है बल्कि ये सम्भव है कि अब वो कभी सत्ता के लिएकभी चुने नहीं जायेंगे। कुमार विश्वास का जो भी उद्देश्य रहा हो लेकिन अपने पूर्व मालिक केजरीवाल द्वारा राजनीति के नाम पर किये जा रहे ड्रामे का खुलासा कर उन्होंने एक बहुत ही अच्छा काम किया है।