2019 में होने वाले लोकभा चुनाव के साथ या उससे पहले ही तीन राज्य मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान चुनाव के लिए तैयार हैं, इन तीनों राज्यों में से राजस्थान एक ऐसा राज्य जहां भारतीय जनता पार्टी के लिए रास्ता थोड़ा कठिन नजर आ रहा है। लंबे समय से ये चर्चा जोरों पर है कि राजस्थान में राज्य चुनाव में हारने वाली भारतीय जनता पार्टी 2019 में सबसे कमजोर पार्टी हो सकती है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कैडर को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं। वो सावधानीपूर्वक जो नुकसान हुए हैं उसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रही हैं और निचले वर्गों और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए कई योजनाएं लेकर आयी हैं। इसका बेहतरीन उदाहरण बांसवाड़ा जिले में उनकी महत्वकांक्षी कर्ज माफी योजना की घोषणा है। इस कदम से न सिर्फ 29 लाख से ज्यादा किसानों को फायदा मिलेगा बल्कि ये भारत के इतिहास में सबसे बड़े कर्ज माफी के निर्णयों में से एक हो सकता है। इस कर्ज माफी के लिए कुल बजट 8,400 करोड़ रुपये से अधिक है। राजस्थान सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा अन्य नीतियों के साथ मिलकर राज्य और केंद्र सरकार को आने वाले चुनावों में निश्चित रूप से लाभ पहुंचाएगी। अभी हाल ही में राज्य में हुए उपचुनाव के नतीजों से तो यही लगता है कि इस योजना से लाभ हुआ है।
राजस्थान के पंचायती राज और शहरी निकाय के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी 27 में से 13 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई है। ये उपचुनाव जिला परिषद की एक सीट, पंचायत समितियों की 17 सीटों और नगरपालिका परिषद की 9 सीटों पर कराये गये थे जिसमें से बीजेपी ने 11 पंचायत समितियों और नगरपालिका की दो सीटों पर जीत हासिल की। बीजेपी के महासचिव ने कहा कि, राजस्थान के लोगों ने एक बार फिर से बीजेपी पर विश्वास व्यक्त किया है और पार्टी के 13 उम्मीदवारों ने उपचुनावों में जीत दर्ज की है। उपचुनाव में बीजेपी की जीत ने एक बार फिर से ये संकेत दिया है कि राजस्थान में उम्मीदें अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है और वो एक बार फिर से आसानी से जनता का विश्वास चुनाव से पहले जीत सकती है। हालांकि, बीजेपी आत्मनिर्भर होने और इन परिणामों के बाद हाथ पर हाथ रखकर बैठने का जोखिम नहीं उठा सकती है। राज्य में सत्ता को बनाये रखने के लिए इस जीत को बीजेपी की बड़ी जीत नहीं कह सकते हैं। बीजेपी जनता का विश्वास पहले की तरह ही हासिल करना है जैसे पहले वो जनता के विश्वास का आनंद उठा रही थी ऐसे में बीजेपी को अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कई आवश्यक कार्य करने हैं।
केंद्र और राज्य सरकार को राज्य की मांगों की गहराई को समझना चाहिए और राजस्थान की जनता को पार्टी के साथ जोड़े रखने ले लिए जरुरी कदम उठाने चाहिए। राजस्थान में कांग्रेस बीजेपी के क्षेत्र में सेंध मारने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन बीजेपी की त्वरित कार्रवाई उनकी इस कोशिश पर पानी फेर सकती है। बीजेपी के पास अभी भी समय है अपनी पिछली गलतियों और की गयी लापरवाही को सुधारने का और उन सभी पर अमल कर बीजेपी फिर से जनता का भरोसा जीतने में सफल हो सकती है। मुख्यमंत्री राजे और बीजेपी कार्यकर्ता को जनता का दिल जीतने और 2019 में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश करनी होगी और आवश्यक कदम उठाने होंगे।