ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक सैफ अली खान को इंटरपोल ने नोटिस भेजा है। ये नोटिस बुल्गारिया में जंगली सुअर के शिकार के आरोप के आधार पर भेजा गया है। बुल्गारिया की सरकार ने इस मामले में इंटरपोल से सैफ का बयान लेने का आदेश दिया था।
टाइम्स नाउ के मुताबिक, बुल्गारिया पुलिस ने एक एजेंट को गिरफ्तार किया है जिसने सैफ के लिए बिना लाइसेंस और परमिट के जंगली सुअर का शिकार किया था। हालांकि, बुल्गारिया कानून को विदेशियों के पास अपने देश द्वारा शिकार के लिए जरूरी लाइसेंस और परमिट की आवश्यकता होती है। ऐसे में बुल्गारिया पुलिस इस मामले सैफ अली खान को गवाह के रूप में पेश करेगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शिकार मामले में एक्टर के एजेंट को बुक किया गया है। इंटरपोल द्वारा जारी नोटिस मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा निष्पादित किया गया है जिसने अभिनेता का बयान दर्ज किया है। हालांकि, ये स्पष्ट नहीं है कि क्राइम ब्रांच द्वारा रिकॉर्ड किया गया बयान सीबीआई को सौंपा गया है या नहीं जोकि इंटरपोल के लिए भारत की नोडल एजेंसी है।
ये पहली बार नहीं है जब सैफ अली खान किसी शिकार मामले से जुड़े हैं। 1998 के काले हिरण शिकार मामले में भी उनका नाम सामने आया था जिसमें सलमान खान को हाल ही में 5 साल की सजा सुनाई गयी है। हालांकि, सैफ अली खान और अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है। बिश्नोई समुदाय इस मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य उपकरण रहा है जिसकी भूमिका आरोपियों को सजा दिलवाने में अहम थी। अभियुक्त के खिलाफ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बॉलीवुड के मशहूर एक्टर के शामिल होने से ये मामला हाई प्रोफाइल बन गया था। अतीत में भी ऐसे ही विवाद में शामिल होना अभिनेता पर कई सवाल खड़े करता है। इस मामले में ये समझ नहीं आता कि सैफ के एजेंट ने बिना किसी लाइसेंस और परमिट के उनके लिए शिकार करने की कैसे योजना बनाई? अभी तक बुल्गारिया पुलिस इस मामले में सैफ के साथ गवाह की तरह पेश आ रही है लेकिन हो सकता है कि इस मामले की छानबीन में और विवरण सामने आये ।
देखा जाए तो मुख्यधारा की मीडिया के आउटलेट्स ने इस खबर को व्यापक रूप से दिखाया। मुख्यधारा की मीडिया और न्यूज़ व्यापारी सैफ अली खान के बेटे से जुड़ी फालतू की ख़बरों को दिखाकर सबसे मूर्खतापूर्ण और गैर-व्यावसायिक तरीके से पेश आयी। कुछ समय से वो मीडिया का पसंदीदा मुद्दा रहा है। मीडिया आउटलेट का एक वर्ग तो तैमूर की क्यूटनेस का दीवाना ही हो गया। मीडिया ने तैमूर की छुट्टियों व उसके परिवार के साथ की फोटो जैसे बेकार की खबरों को व्यापक रूप से दिखाया है। राष्ट्र के मुद्दों से ज्यादा तैमूर के हाव-भाव को ज्यादा हाई लाइट किया गया जो किसी भी बच्चे के लिए स्वाभाविक है। किसी के लिए ये समझना मुश्किल है कि मीडिया तैमूर के पिता से जुड़े विवाद की खबरों को उसी उत्साह से क्यों नहीं दिखा रही है। ये समझ से परे है कि मीडिया क्यों इस तरह के गंभीर और हाई प्रोफाइल मामले को हलके में ले रही है।