जनता ने अपने मत से 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था जिसके बाद से पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व में एक के बाद एक हार का सामना करना पड़ा और अब वो अपने अस्तित्व के लिये संघर्ष कर रही है। ये राष्ट्रीय पार्टी अब अपने सहयोगियों की तलाश में कर रही है जिससे वो नंबर हासिल कर 2019 के आम चुनाव में पीएम मोदी को पद से हटाने में कामयाब हो जाये। कांग्रेस लगातार अपने हाथ-पांव मार रही है कि कैसे पीएम मोदी को देश की जनता की नजरों में गिराया जाए और वो सत्ता में वापस आ जाये लेकिन पार्टी की हर चाल पार्टी के लिए ही भारी पड़ रही है। कांग्रेस और अन्य विपक्ष की रणनीतियां फेल हो रही हैं जिससे वो हताश होती जा रही हैं और उसके हर कदम से पार्टी का मनोबल टूट रहा है। हाल ही में अविश्वास प्रस्ताव में पार्टी को मिली हार इसका ताजा उदाहरण है।
आम चुनावों के लिए रणनीति पर चर्चा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की रविवार को हुई अहम बैठक में पार्टी ने अपनी नई योजना को सामने रखा है। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं कहा कि 2014 के आम चुनावों से तीन गुना बेहतर प्रदर्शन करेंगे और ये पार्टी के आंकड़े को 132 तक ले जायेगा। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बयान से स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी हार मान चुकी है। चिदंबरम ने कहा, “एक पार्टी जो नया प्रधानमंत्री देने वाली है वो अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में अपनी सीटें तीन गुना बढ़ाकर अगला प्रधानमंत्री देने का सपना कैसा है?” चिदंबरम को भी ये समझ आ गया है कि पार्टी अब पहले जितनी सक्षम नहीं रही कि वो अपने दम पर 2019 के आम चुनाव के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकती है। पार्टी को इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है।
पीएम मोदी को पद से हटाने की हताशा में कांग्रेस अब नई योजना बनाने में जुटी है हालांकि अतीत में उसकी हर योजना विफल रही है। आने वाले आम चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस को विपक्षी दलों का ही सहारा है और ये बात अब कांग्रेस को भी अच्छी तरह से समझ आ गयी है। अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए अब कांग्रेस ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में अपनी नई रणनीति पर चर्चा की, चूंकि पार्टी की स्थिति कमजोर होती जा रही है ऐसे में वो अब ‘समान विचारधारा’ वाली पार्टियों को अपने साथ लाने की कोशिश करेगी। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी नरेंद्र मोदी जी को सत्ता से बेदखल कर 2019 के आम चुनाव में समान विचारधारा वाली पार्टियों के समर्थन से 274+ सीटें हासिल करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस का मिशन नरेंद्र मोदी नीत बीजेपी सरकार को सत्ता से हटाना है। हमारा मिशन 150 नहीं, बल्कि समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ हमारा मिशन 274+ है।’ इसके विपरीत बीजेपी का लक्ष्य सहयोगियों के बिना ही 272 सीटें जीतना था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी खुद ही ये स्वीकार कर रही है कि वो अपने दम पर बहुमत हासिल करने में सक्षम नहीं है, बहुमत के लिए पार्टी को अन्य विपक्षी दलों को अपने साथ लाना होगा लेकिन ऐसा होना आसान नहीं है क्योंकि इस पार्टी के नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रहे हैं वहीं, अन्य विपक्षी पार्टी राहुल को उम्मीदवार के तौर पर सही विकल्प नहीं मानते हैं।
अविश्वास प्रस्ताव के फेल होने के बाद से ऐसा लगता है कि कांग्रेस पार्टी का आत्मविश्वास अभी तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के ये बयान इस ओर इंगित करते हैं कि पार्टी हार मान चुकी है और ये भी समझ चुकी है है कि अकेले दम पर वो बहुमत हासिल नहीं कर सकती है इसके लिए उन्हें अन्य विपक्षी पार्टियों को अपने साथ लाना होगा जो इतना आसान नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव ने ‘एकजुट विपक्ष’ के सच को भी सामने रख दिया था जहां विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर ही सवाल खड़े कर रहीं थीं। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस पराजयवादी मानसिकता के साथ कितनी दूर जा पाती है।