एक देश जहां गाय को पवित्र माना जाता है वहां कुछ नहीं बल्कि हजारों लोग गौ तस्करी और हत्या जैसे मामलों में शामिल हैं। हर महीने ऐसे सैंकड़ों मामले प्रकाश में आते हैं जब कुछ अपराधी गाय की चोरी या गौ तस्करी के मामले में रंगे हाथों पकड़े जाते हैं। तस्कर इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि कोई भी गौ-तस्करी और गौ-हत्या के मामलों में उनका साथ नहीं देगा। वो गांव, शहरों और यहां तक कि राज्यों में गौ तस्करी करते हैं और गायों की चोरी करते हैं। ऐसा ही मामला रविवार को मेरठ में सामने आया जब पुलिस की टीम ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। यहां चौंकाने वाली बात जो थी वो ये थी कि तस्करों ने खुद को हिंदू बताया ताकि वो पुलिस और गांववालों की पकड़ से बच सकें। सलीम और मोबिन नामक दो तस्करों को जब गदिना रोड पर पुलिस की टीम ने पकड़ा तब दोनों ने तिलक लगा रखा था और भगवा रंग धारण किया हुआ था। ये दोनों तस्कर गायों के साथ राधा गांव की ओर जा रहे थे और पूछताछ से बचने के लिए उन दोनों ने हिंदू धर्म के चिन्ह का इस्तेमाल किया।
हालांकि, पुलिस को शक हुआ और पुलिस ने दोनों तस्करों रोका और पूछताछ में दोनों तस्करों ने अपना अपराध जल्द ही स्वीकार कर लिया। गायों को चोरी किया गया था और फिर उनकी हत्या के लिए दूसरी जगह ले जाया जा रहा था। मुख्यधारा की मीडिया हमेशा उन खबरों को प्रमुखता से दिखाती है जब गौ रक्षक और गौ तस्करों के बीच हिंसा के मामले सामने आते हैं लेकिन इस मामले में मीडिया ने चुप रहना ज्यादा उचित समझा। जबकि कोई भी भीड़ द्वारा की गयी मारपीट और हत्या को न्यायिक नहीं कह सकता है फिर भी लोगों के लिए ये महतवपूर्ण है कि वो तस्करी करने वालों और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें। मेरठ पुलिस की टीम इस तरह के मामलों के निष्कर्ष से चकित भी नहीं थी क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार गौ तस्करी करने वालों के लिए अपनी पहचान छुपाना आम बात हो गयी है जिससे वो गौ रक्षकों और गांव वालों की नजर से बच सकें। गौ तस्करों की गतिविधियां बढ़ रही हैं और वो हमेशा तस्करी करने के लिए नए तरीकों को अपना रहे हैं।
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में गौ तस्करी के अधिक मामले सामने आते रहे हैं। दशकों से इस तरह के अपराध को अंजाम दिया जा रहा था जो जनता की सतकर्ता की वजह से इस अब सामने आये हैं और अब सरकार को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है जिससे वो ऐसे अपराधों पर नकेल कास सके। तस्करों की वजह से किसानों को ज्यादा क्षति होती है क्योंकि उन्हें पशुओं की चोरी से काफी नुकसान होता जो उनकी रोजी-रोटी का जरिया है। गौ हत्या कर ऐसे अपराधी करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करते हैं। अल्पसंख्यक धर्मों को बहुसंख्यक धर्म की भावनाओं के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए और इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए खुद सामने आना चाहिए। ये किसी भी अपील, नियम और कानून की तुलना में भारत में गौ तस्करी और गौ हत्या को रोकने के लिए बेहतर तरीके से काम करेगा। साथ ही ये बहुसंख्यक हिंदू आबादी के लिए सद्भाव और भाईचारे का एक बढ़िया संदेश भी स्थापित करेगा जो दुनिया के बाकी हिस्सों में भारत के धर्म और संस्कृति और भारतीयों की छवि को और बेहतर बनाएगा।