मदरसे में नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक बार फिर से मदरसे से यौन उत्पीड़न की शर्मनाक घटना सामने आई है। महाराष्ट्र के एक मदरसे से पुणे पुलिस ने एक मौलाना को गिरफ्तार किया है और वहां से कथित रूप से 36 छात्राओं को बचाया गया है, सभी बच्चों की उम्र 5 से 15 वर्ष के बीच है। पुलिस ने आरोपी मौलाना के खिलाफ मामला दर्ज आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
ये मामला महाराष्ट्र में पुणे के कटराज में स्थित मदरसे की है जहां रहीम नामक एक मौलाना को नाबालिग बच्चों का यौन उत्पीड़न करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। ये मामला तब प्रकाश में आया जब दो बच्चे पुणे रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) पर अकेले पाए गये इसके बाद पुलिस ने ‘साथी’ नामक संस्था को बच्चों के बारे में सुचना दी। ये संस्था बाल बचाव और पुनर्वास के लिए काम करती है। इसके बाद पुलिस ने बाल अधिकारियों की मदद से कटराज कोंधवा में स्थित जामिया अबू भाजा दारुल यतमा पर छापा मारा और वहां से रहीम नामक मौलाना को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ पोस्को अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सभी छुड़ाए गए बच्चों ने मौलाना और आरोप लगाया गया है वो अक्सर ही उन्हें कभी कपड़े उतारने के लिए कहता है और कभी उन्हें गलत तरीके से छूता था। पुणे के इंस्पेक्टर मिलिंद गायकवाड़ ने बताया कि, पुणे में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में एक मदरसे के मौलाना को गिरफ्तार किया गया है और वहां से 36 छात्राओं को भी बचाया गया है। आरोपी मौलाना के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है।
इससे पहले हैदराबाद पुलिस ने मदरसा शिक्षक को 6 नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मौलवी हैदराबाद के ज़बानगर इलाके में स्थित मदरसा में दो महीने से कथित तौर पर नाबालिग बच्चों का यौन शोषण कर रहा था। पुलिस ने आईपीसी की धारा 377 और 506 व 5/6 पोस्को अधिनियम के तहत अभियुक्त को गिरफ्तार किया था। सभी 6 पीड़ितों की उम्र 6-8 साल के बीच थी और सभी बच्चों को मदरसे से निकाल कर काउंसलिंग के लिए भेजा गया था। मदरसे में बच्चों के यौन उत्पीड़न की घटना कोई नयी बात नहीं है। पिछले साल 51 लड़कियों को मदरसे से बचाया गया था। फरवरी में एक 67 वर्षीय मदरसा शिक्षक को दिल्ली के नरेल से नौ वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उधर, औरंगाबाद में एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण करने के आरोप में मदरसा के शिक्षक समेत तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। लड़की को मुंह बंद रखने के लिए आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी थी। एक दूसरे मामले में जफर आलम नामक 70 वर्षीय मदरसा शिक्षक को दिल्ली में नौ वर्षीय लड़की के रेप के आरोप में गिरफ्तार कियागया था।
धार्मिक गुरुओं द्वारा नाबालिग छात्राओं के साथ किये जा रहे शोषण सभ्य समाज के लिए घृणित अपराध है। कम से कम अब इस तरह के घृणित कृत्यों से निपटने के लिए एक कानून तो है। हाल ही में, एक ऐतिहासिक निर्णय में, मोदी सरकार ने पोस्को अधिनियम के तहत नाबालिग के साथ रेप करने वाले बलात्कारियों को मौत की सजा देने हेतु एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश के तहत ये साफ कर दिया है कि 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने के लिए दोषी को फांसी की सजा दी जाएगी। बाद में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी।