राजनीति और क्रिकेट का पुराना नाता रहा है। क्रिकेट खिलाड़ियों को राजनीति का मैदान भी खूब भाता है। मोहम्मद अजहरुद्दीन, नवजोत सिंह सिद्धू, चेतन चौहान कीर्ति आजाद जैसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने क्रिकेट के बाद राजनीति की पारी भी खेली है। अब एक और क्रिकेटर इस मैदान में अपना हाथ अजमाने के लिए उतरने वाला है और ये और कोई नहीं बल्कि ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर हैं। खबरों के अनुसार गौतम गंभीर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। गौतम गंभीर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर दिल्ली से आगामी चुनाव लड़ सकते हैं।
गौतम गंभीर भारतीय टीम में अपनी बल्लेबाजी से सबका दिल चुके हैं। उनका नाम भारतीय बल्लेबाजों के बेहतरीन ओपनर में शामिल हैं। वर्ल्ड कप 2011 में हुई जीत में गौतम गंभीर की भूमिका अहम रही थी उनकी पारी आज भी लोगों के जहन में है। वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में श्रीलंका को मात देकर 28 साल बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की थी। इस फाइनल मैच में गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रनों की बेहतरीन और मैच जिताऊ पारी खेली थी। क्रिकेट के मैदान में अपना दमखम दिखा चुके क्रिकेटर गौतम गंभीर अब राजनीति में अपनी दूसरी पारी खेलने की तैयारी में हैं और ये बीजेपी के लिए भी अच्छे संकेत है।
मीडिया खबरों के मुताबिक दिल्ली में करीब 14 साल से सत्ता से दूर बीजेपी अब अगले चुनाव में गौतम गंभीर को अपने प्रतिनीधि के तौर पर उतार सकती है। बीजेपी 1998 से ही दिल्ली की सत्ता से दूर है। ऐसे में क्रिकेट के मैदान में अपनी बल्लेबाजी के लिए मशहूर गौतम गंभीर बीजेपी के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं और हो सकता है बीजेपी सालों बाद इस ट्रम्प कार्ड से बाजी पलटने में कामयाब हो जाए। हालांकि, गौतम गंभीर ने क्रिकेट से अभी सन्यास नहीं लिया है लेकिन खबरों की मानें तो वो बीजेपी का निमंत्रण स्वीकार कर सकते हैं।
चोट की वजह से गंभीर फिलहाल काफी लंबे समय से अंतर्राष्ट्रीय खेल से दूर हैं हालांकि उन्होंने इस दौरान टेस्ट मैच खेला था। गौतम गंभीर ने आखिरी टेस्ट साल 2016 और आखिरी वन-डे साल 2013 में खेला था। उन्होंने भारत के लिए 58 टेस्ट में 4,154 रन और 147 वन-डे में कुल 5,238 रन बनाए हैं। इसके अलावा गौतम ने 154 आईपीएल मैच भी खेले हैं और उन्हीं की कप्तानी में कोलकाता नाइटराइडर्स ने दो बार ख़िताब भी जीता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर बीजेपी की तरफ से दिल्ली से चुनाव लड़ सकते हैं।
गौतम गंभीर अपनी राष्ट्रवादी भावना को भी खुलकर व्यक्त करते हैं। उन्होंने 24 अप्रैल को सुकमा में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए 25 जवानों के बच्चों की पढ़ाई के खर्चे का जिम्मा उठाया था और इस हमले पर अपना गुस्सा भी जाहिर किया था। मैदान के बाहर और भीतर उनके इस आक्रामक तेवर ने हमेशा ही विपक्षियों को कड़ा जवाब दिया है। उनका राजनीति में शामिल होकर जनता की सेवा करने का विकल्प चुनना सराहनीय है। इससे बीजेपी को भी स्पष्ट रूप से लाभ होगा जो दिल्ली में फिर से सत्ता में वापसी के लिए कोशिशें कर रही है। दिल्ली के गौतम गंभीर बीजेपी के लिए ट्रम्प कार्ड साबित हो सकते हैं।
यदि गौतम गंभीर बीजेपी में शामिल हो जातें हैं तो उन्हें पार्टी के साथ युवा मतदाताओं का भी समर्थन मिलेगा। ये ओपनर बल्लेबाज अपने जबरदस्त हिट से अरविन्द केजरीवाल को मैदान से बाहर फेंकने में कामयाब होगा जैसा की वो क्रिकेट के मैदान में करते आये हैं अब वो राजनीति में भी वो अपने कार्यों से जनता का दिल जितने वाले हैं।