जब देश और दुनिया केरल राज्य की संकट की स्थिति में साथ खड़ा था और राहत और बचाव कार्यों के लिए राहत कोष दे रहा था तब राज्य में शराब की खपत बढ़ गयी थी। केरल राज्य पेय पदार्थ निगम (बेवको) जारी किए गए रिपोर्टों के मुताबिक, इस सत्र में शराब और बियर की बिक्री 10 दिनों में 516 करोड़ रुपये रही। आंकड़ों के मुताबिक ये दस दिन ओणम अवधि के बीच का है जो 15 अगस्त से 26 अगस्त के बीच का समय है। ये वो समय था जब केरल भारी बारिश और बांधों से छोड़े गये पानी की वजह से बाढ़ की समस्या से जूझ रहा था। उस समय बचाव और राहत कार्यकर्ता राहत कार्यों में जुटे हुए थे। भारतीय सेना भी दिन रात लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए जुटी हुई थी। बाढ़ से आई तबाही से लाखों लोग बेघर हो गये जबकि कई लोगों की जान चली गयी।
मोदी से नफरत करने वालों ने केरल में आई बाढ़ को लेकर राजनीति शुरू कर दी और मोदी सरकार पर हमले करने शुरू कर दिए। यहां पढ़िए-
ये हैरान कर देने वाली बात है कि कुछ दिनों पहले ही केरल के लोक सभा सांसद शशि थरूर विदेशी दौरे पर थे जब उनके राज्य के लोग अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे। केरल में सीपीएम के लेफ्ट विंग के नेता तब केंद्र सरकार पर राहत बचाव कार्यों के लिए दी गयी राशि को लेकर निशाना साध रहे थे। केंद्र सरकार ने राज्य के हालात बहुत गंभीर मानते हुए केरल के लिए 100 करोड़ रुपये की तात्कालिक केंद्रीय सहायता का एलान किया था इसके बाद केंद्र सरकार ने केरल के लिए 500 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की भी घोषणा की थी। कुल मिलाकर केंद्र सरकार ने 600 करोड़ रुपये की धनराशि केरल राज्य को प्रदान की। भारतीय नौसेना और सेना पहले से ही राज्य में राहत बचाव कार्यों में लगे हुए थे वहीं केंद्र सरकार द्वारा 600 करोड़ रुपये की सहायता कम नहीं है। अब ये स्पष्ट हो रहा है कि तब केरल के सीपीएम नेता और अन्य राज्य इस राहत पैकेज की तुलना शराब और बियर बिक्री की कुल राशि से कर रहे थे।
ये आश्चर्य की बात है कि कैसे केरल के लोगों ने मुश्किल घड़ी में अपने ही लोगों की मदद नहीं की और अपने पैसों को श्र्ताब और बियर पर खर्च किया जबकि पूरे देश के नागरिक केरल की मदद के लिए अपनी तरफ से राज्य को मदद की राशि भेज रहे थे। संयुक्त अरब अमीरात द्वारा 700 करोड़ की मदद राशि की फेक न्यूज़ के बाद अब केरल और वहां के लोगों ने इस घटना से एक बार फिर से देश को अपने व्यवहार से चौंका दिया है। सीपीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने यूएई से जुडी फेक न्यूज़ को फैलाया था और यहां तक कि उन्होंने आगे बढ़कर संयुक्त अरब अमीरात पर कृतज्ञता भी व्यक्त की थी। यहां तक कि केरल के निवासी और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता का देश के जवानों पर भी नहीं गया जो दिन रात राहत बचाव कार्यों में लगे हुए थे। शराब और बियर के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करना जब राज्य में तबाही का मंजर हो और वहां के निवासी जीवन की लड़ाई लड़ रहे हो यही बताता है कि केरल के निवासी अपने राज्य के लोगों के प्रति कितनी सहानुभूति रखते हैं।