राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार और जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हरिवंश नारायण राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने कांग्रेस का समर्थन प्राप्त विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को हरा दिया है। हरिवंश को कुल 125 वोट मिले जबकि हरिप्रसाद को सिर्फ 105 वोट ही मिले हैं। मानसून सत्र के अंत से पहले ये बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के लिए एक बड़ी जीत है। बीजेपी के पास 73 सांसद थे, एनडीए के बाकी सांसदों ने संयुक्त रूप से 85 तक की संख्या जुटा ली थी लेकिन ये संख्या पद जीतने के लिए 123 आंकड़े से कम थी। हालांकि, आम आदमी पार्टी और पीडीपी ने किसी भी उम्मीदवार को समर्थन न देने का फैसला किया जिससे बहुमत की आखिरी संख्या 119 तक पहुंच गयी जो कुल बहुमत की संख्या 123 से कम हो गयी। द्रमुक की राज्यसभा सांसद कनिमोझी ने अपने पिता के निधन की वजह से वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। राज्यसभा में कुल 8 सांसद उपस्थित नहीं थे जिससे कुल सांसदों की संख्या 236 हो गयी और बहुमत का आंकड़ा 119 का बना।
उपसभापति के पद के लिए गैर-बीजेपी उम्मीदवार को बिजू जनता दल (बीजेडी) और टीआरएस का भी समर्थन मिला। बीजेडी के (9), टीआरएस (6) और अन्नाद्रमुक (13) और जिसमें हरियाणा के सुभाष चंद्र और झारखंड के परिमल नाथवाणी जैसे 6 निर्दलीय सांसद ने एनडीए के उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया। इस तरह एनडीए ने अपने सहयोगी दलों के साथ-साथ विपक्ष के कई दलों का समर्थन हासिल कर जीत दर्ज की। इनके अलावा इस जीत में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के 1 सासंद, और असम के बोडो पीपुल्स फ्रंट के पास 1 की भी भूमिका रही।
एनडीए को मिले 125 वोट और विपक्षी उम्मीदवार को मिले 105 वोट यही दर्शाते हैं कि भारत में एनडीए कितनी मजबूत स्थिति में हैं। एआईएडीएमके, बीजेडी और टीआरएस ने एनडीए को समर्थन देकर ये स्पष्ट कर दिया कि वो मोदी सरकार की जरूरत पर उनके साथ हैं। इसके अलावा इससे ये भी स्पष्ट होता है कि विपक्षी दलों को अभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं है। 2019 के आम चुनाव के लिए ये बीजेपी के लिए अच्छे संकेत हैं।