पांच कथित शहरी नक्सलियों की गिरफ्तारी के बाद से पूरे लुटियंस गैंग में रोष है। वो सरकार पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं। सभी छद्म बुद्धिजीवियों और मीडिया ने मिलकर मौजूदा सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया, इसे अघोषित इमरजेंसी का नाम तक देने लगे। शुरू में अपने एजेंडा के अनुरूप इन सभी ने राफेल डील को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला किया था लेकिन उन्हें इसमें भी शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इसी कड़ी में अब अरूंधती रॉय ने राफेल डील को लेकर वर्तमान सरकार पर हमला बोला है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “मेक इन इंडिया की वास्तविकता राफेल विमानवाहक पोत समझौता है जिसकी घोषणा पीएम मोदी ने पेरिस में की थी जो अभी ज्ञात प्रोटोकॉल के खिलाफ है।“ इसके बाद उन्होंने मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) को विमानवाहक पोत बता दिया। इसके बाद अर्बन नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की ‘प्रक्रिया’ को लेकर उनकी चिंता भी हैरान कर देने वाली थी।
जैसे ही अरुंधती रॉय ने अपने ज्ञान को सोशल मीडिया पर शेयर किया वो वायरल हो गया और वो एक हंसी का पात्र बनकर रह गयीं।
The “𝗥𝗮𝗳𝗮𝗹𝗲 𝗔𝗜𝗥𝗖𝗥𝗔𝗙𝗧 𝗖𝗔𝗥𝗥𝗜𝗘𝗥 𝗱𝗲𝗮𝗹“ … just WOW!! Just repeating so you hear it right “𝗥𝗮𝗳𝗮𝗹𝗲 𝗔𝗜𝗥𝗖𝗥𝗔𝗙𝗧 𝗖𝗔𝗥𝗥𝗜𝗘𝗥 𝗱𝗲𝗮𝗹”. Shining intellect of the left, she cant tell the difference between a 25 ton PLANE & a 35,000 ton SHIP https://t.co/yIe4wyasng
— Abhijit Iyer-Mitra (@Iyervval) August 30, 2018
ये पूरा प्रकरण ने कांग्रेस पार्टी और लुटियंस गैंग की हताशा और निराशा को दर्शाता है। कांग्रेस पार्टी राफेल डील को लगातार घोटाले का रूप देने पर तुली हुई है। वो राफेल डील को बीजेपी का बेफोर्स घोटाला बनाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए वो खुलकर भारत विरोधी तत्वों के साथ मिलकर काम कर रही है। अरुंधती रॉय का घृणास्पद एजेंडा किसी से छिपा नहीं है। ओवर रेटड लेखक के अलावा वो वामपंथी और भारत विरोधी बलों की प्रिय हैं। उनके प्रशंसक पाकिस्तान में भी हैं। सितम्बर 2017 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने अरुंधति रॉय के कथन से भारत पर हमला किया था। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने रॉय के एक कथन का उद्धरण देते हुए कहा था, “भारत की हवा में इस समय जो चीज सबसे अधिक है, वो है शुद्ध आतंक। कश्मीर में और अन्य स्थानों पर भी।“ मलीहा लोधी ने रॉय के नवम्बर 2015 के कथन को दोहराते हुए कहा था कि, “ये जघन्य हत्याएं केवल एक प्रतीक हैं। जीवित लोगों के लिए भी जीवन नर्क है। दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और इसाईयों की पूरी आबादियों को डर के साये में रहने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्हें नहीं पता कि कब और कहां से उन पर हमला हो जाए।“ कश्मीर पर उनके विचारो को पकिस्तान में सराहा जता है और उनकी प्रशंसा भी की गयी है। उन्होंने कहा था कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा नहीं है।
Arundhati Roy says Kashmir is not an integral Part of India
at the Azadi Conference, Delhi organised by Tehelka and partnered by NDTVpic.twitter.com/RhjAlFY3YC— Rishi Bagree (@rishibagree) August 30, 2018
वो माओवादियों और नक्सलियों की मुखर समर्थक भी हैं। अरुंधति ने माओवादियों पर ‘गांधीयन विद गन’ नाम का लेख लिखा था। उन्होंने नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित कई विकास विरोधी परियोजनाओं में भाग भी लिया था। अरुंधति रॉय ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी का काफी विरोध भी किया था।
अरुंधति रॉय ने कई ऐसे बयान दिए हैं जो हमारी सेना की छवि को धूमिल करते हैं।
Arundhati Roy emboldens seditionists? #IndiaFirstNoCompromise pic.twitter.com/5U8LrXhvH0
— Republic (@republic) May 22, 2017
वो झूठ बोलने और तथ्यों को तोड़-मोड़ कर पेश करने के लिए मशहूर हैं।
Liar Arundhati Roy caught red handed multiple times for spreading Fake news
She says RSS Kar sewaks were returning to Godhra in "2002" after demolishing Babri Masjid (which happened in 1992) , when train was set on fire .Chronology can go to hell. https://t.co/tXXeY2fkdi
— Rishi Bagree (@rishibagree) June 7, 2018
वो भारत-विरोधी नारा जपने में माहिर हैं। ये वीडियो इसका सबसे अच्छा उदाहरण है।
When irresistible weed meets immovable delusion.
So according to Ms Arundhati Roy, the 1961 liberation of Goa was really an Upper-caste Hindu State Army waging a WAR against Christians.
Peak Left Intellectualism. Just fabulous. pic.twitter.com/S4y4KwowGW
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) August 30, 2018
उनके सभी भाषण और लेख उनकी अज्ञानता का स्तर दिखाते हैं। उन्हें लगभग किसी भी चीज के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है फिर भी वामपंथी गैंग मानते हैं कि वो एक विशेषज्ञ हैं। राफेल डील को लेकर उनका बयान इस तथ्य को और मजबूत करता है कि उनके ज्ञान का स्तर कितना है। उनका बयान यही दर्शाता है कि वो इस डील के खिलाफ हैं भले ही उन्हें इस डील से जुड़े तथ्यों के बारे कुछ पता हो या न हो वो इस डील के खिलाफ हैं।