TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

क्या बीजेपी सवर्ण-विरोधी पार्टी है ?

TFI Desk द्वारा TFI Desk
10 September 2018
in मत
बीजेपी सवर्ण
Share on FacebookShare on X

वर्तमान समय में राजनीति से प्रेरित अभियान चलाया जा रहा है जिससे बीजेपी को सवर्ण विरोधी पार्टी के रूप में चित्रित किया जा सके। कांग्रेस को जिस तुष्टिकरण राजनीति की वजह से सत्ता से बाहर किया गया था बीजेपी पर भी उसी राजनीति के आरोप लगाये जा रहे हैं। इस अभियान के जरिये ये आक्रोश पैदा करने और ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि बीजेपी सवर्ण समूह (खासकर ब्राह्मण और ठाकुर) के हितों को ताक पर रखकर अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को फायदा पहुंचा रही है। केंद्र सरकार के एससी/एसटी संशोधन कानून 2018 को बीजेपी के सवर्ण विरोधो रुख को चित्रित करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, नीतियों और तथ्यों पर अगर गौर करें तो विश्लेषण से पता चलेगा कि आरोप बेबुनियाद है।

ये समझने के लिए कि क्या बीजेपी सवर्ण विरोधी पार्टी है या नहीं इसके लिए भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के जातिवाद राजनीति पर एक नजर डाल लेते हैं जहां बीजेपी को न सिर्फ लोकसभा चुनाव में बहुमत मिला था बल्कि विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने बहुमत की संख्या से ज्यादा की सीटों पर कब्जा किया था। इसके बाद योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का सीएम बनाया गया था। योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का ‘पोस्टर बॉय’ के रूप में चित्रित किया जाता है और एक बार फिर से पार्टी को सवर्ण ग्रुप की विचारधारा से जोड़कर पेश किया जाने लगा। इस संबंध में उत्तर प्रदेश को देखें तो बीजेपी सवर्ण विरोधी है या नहीं इस मामले को गहराई से समझने के लिए एक आदर्श राज्य होगा। इसे समझने से पहले केंद्र सरकार के एससी/एसटी संशोधन के रुख को समझ लेते हैं।

संबंधितपोस्ट

सीपी राधाकृष्णन की जीत: राष्ट्रवादी संदेश, विपक्षी प्रतिक्रिया और भारतीय राजनीतिक परिदृश्य

उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और योगी आदित्यनाथ का सक्रिय नेतृत्व

जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

और लोड करें

हमेशा से ‘सेक्युलर-उदारवादी’ पार्टियों और उनकी कार्यप्रणाली ने सवर्ण ग्रुप को एससी/एसटी समूह का ‘दुश्मन’ बताया और इस डर को अपनी गंदी नीतियों से बनाये रखा। बीजेपी को पारंपरिक रूप से एससी/एसटी के ‘दुश्मन’ सवर्ण ग्रुप के हितैषी और एससी/एसटी विरोधी पार्टी के रूप में दिखाया गया। एससी/एसटी के संवैधानिक ‘सेफगार्ड’ और समाज में बदलाव के बावजूद ये डर वर्ष 2014 तक इस समूह में बना रहा और इसके बाद इस समूह ने पार्टी को अपना समर्थन दिया। बीजेपी को मिले इस अभूतपूर्व समर्थन के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में कुछ बदलाव तो विपक्षी पार्टियों ने इसका इस्तेमाल किया. कुछ पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट को खत्म कर दिया है जैसी झूठी अफवाह फैलाकर पूरे देश में हिंसा को चिंगारी दी और विरोध प्रदर्शन का पीछे से समर्थन किया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसल के बाद भारी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद जब केंद्र सरकार ने एससी\एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिये पुराने कानून को बहाल करने का फैसला किया तो अब वही विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर सवर्ण-विरोधी पार्टी होने और जातिवाद की राजनीति करने का आरोप मढ़ रही है। ऐसे में ये बताना उचित होगा कि बीजेपी ने न तो एससी/एसटी एक्ट बनाया और न ही इसे मजबूत करने के लिए कोई कदम उठाया। भारतीय जनता पार्टी ने भारी विरोध को देखते हुए सिर्फ इसे बने रहने देने के लिए कदम उठाया। ऐसे में एक संवैधानिक प्रावधान के लिए भारतीय जनता पार्टी को सवर्ण विरोधी पार्टी बताना न सिर्फ बेवकूफी है बल्कि नासमझी भी है।

अब इस सवाल पर आते हैं कि क्या बीजेपी सवर्ण समूह के हित के लिए काम कर रही है? इसके लिए चलिए उत्तर प्रदेश पर लौट आते हैं।

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक इतिहास को देखें तो यहां की राजनीति हमेशा से धार्मिक और जाति के आधार पर रही है। जातिवाद की राजनीति करने वाली समाजवादी पार्टी की पूर्व की सरकार में जो उपेक्षा से भरी राजनीति सामने आई थी वो पहले कभी नहीं देखा गया था। यादव जाति के लोगों को सपा से न सिर्फ राजनीतिक संरक्षण मिल रहा था बल्कि उनके लिए नीतियां भी ख़ास थीं जिसने प्रदेश सरकार के शासन के एक बेतुके स्तर को सामने रखा था। 2015 में, अखिलेश यादव द्वारा नियुक्त 86 एसडीएम में से 56 यादव समुदाय से थे। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में 60 फीसदी से ज्यादा पुलिस स्टेशन में अधिकारी यादव समुदाय से थे। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 40 में से 32 पुलिस स्टेशन का नेतृत्व यादव अधिकारी द्वारा किया जाता था।

सपा की पूर्व सरकार के ‘यादवीकरण’ के प्रक्रिया यूपीपीएससी में भी सामने आई थी जहां भर्ती में एक विशेष जाति को प्राथमिकता देने के आरोप लगे थे। जहां यादव अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा केंद्र बदलने से लेकर इंटरव्यू में दिल खोलकर नंबर देने का मामला सामने आया था वहीं, एससी/एसटी के साथ भेदभाव किया गया था। यूपीपीएससी 2011 के इंटरव्यू में गैर-यादव और ओबीसी को 110 नंबर दिए गये थे और समान्य और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति को अधिकतर 105 नंबर दिए गये थे जबकि यादव अभियार्थियों को औसतन 138 नंबर दिए गये थे। 2013 में यूपीपीएससी के लिए ओबीसी वर्ग के जिन 86 अभ्यर्थियों को चुना गया था  उसमें 50 सिर्फ यादव समुदाय के थे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में यादव समुदाय की जनसंख्या सिर्फ 9 फीसदी है वहीं एक वर्ष में यूपीपीएससी में उनका प्रतिनिधित्व 60 फीसदी से अधिक है। ऐसे में सवाल उठता है कि या तो यादव अभियार्थी कुछ ज्यादा ही प्रतिभापूर्ण हैं या कुछ गड़बड़ है जो दिखिया नहीं दे रहा। हेडलाइंस टुडे ने इस मामले में एक स्टिंग ऑपरेशन किया और परिणाम हैरान कर देने वाले थे। यादव के अभ्यर्थियों को ख़ास लाभ दिया गया था।

ये मामला उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट पहुंचा और आखिर में यूपीपीएससी के चेयरमैन अनिल कुमार यादव नियुक्ति को रद्द कर दिया।

यूपी पुलिस में नियुक्ति और प्रमोशन की ये ‘यादवीकरण’ की कहानी तो बस एक छोटा से हिस्सा है। ये तथ्य साबित करते हैं कि अखिलेश यादव की पूर्व सरकार किस स्तर की राजनीति में लिप्त थी और इस तथ्य से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि अखिलेश यादव की नेतृत्व की सरकार किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए प्रतिभा नहीं बल्कि जाति आधारित थी। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि सवर्ण समुदाय के लोगों को अनदेखा किया गया उनकी मेहनत पर पानी फेरा गया और उन्हें जो अधिकार मिलना चाहिए था उससे उन्हें वंचित रखा गया था। ये सिर्फ एक खासवर्ग के समुदाय को लुभाने के लिए किया गया था जो सत्ता में रहने के लिए उनके कार्यप्रणाली का हिस्सा था। मेरिटोक्रेसी, ये कसी भी समाज की आधारशिला है जो विकास को सही दिशा में बढ़ावा देता है और अखिलेश यादव की सरकार में इसे पूरी तरह से अनदेखा किया गया।

लोकतंत्र में सरकार की भूमिका संवैधानिक प्रावधानों के दायरे में काम करना है जहां सक्षम और मेधावी लोगों को मौका देना है और उन्हें समाज के विकास में योगदान के लिए तैयार करना है। ये बीजेपी सरकार का मूलमंत्र है जिसपर सीएम योगी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार सत्ता में आने के बाद से काम कर रही है। योगी सरकार के प्रमुख क़दमों में से एक पूर्व सपा सरकार के तहत भर्ती की प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ी की सीबीआई जांच करने का आदेश देना था

अधिकारियों की नियुक्ति के लिए योगी सरकार ने मेरिटोक्रेसी, क्षमता और प्रदर्शन को सबसे ऊपर रखा जिससे चापलूसों के लिए कोई जगह नहीं रही और परिणाम-

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार का दूसरा महत्वपूर्ण कदम कानून और अपराधियों के गठजोड़ को खत्म करना था और अनुशासनात्मक कार्रवाई कर यूपी की योगी सरकार ने ऐसा करके भी दिखाया और यूपी के कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया। कानून में यादवीकरण को उन्होंने खत्म करना शुरू कर दिया और उसे एक खास समुदाय से मुक्त करने के प्रयास शुरू किये। वो अभी भी सपा शासन में बढ़े गुंडाराज को खत्म करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रयासों के कारण ही पुलिस और अपराधियों के जुड़ाव पर गहरा प्रभाव पड़ा। जैसी की उम्मीद थी इस तरह के प्रयासों के लिए योगी सरकार की आलोचना भी शुरू हो गयी।

बड़े पैमाना पर मिल रही आलोचनाओं के बावजूद बीजेपी सरकार ने लगातार आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ अपने प्रयासों को जारी रखा और इसके अभूतपूर्ण परिणाम भी मिले।

बीजेपी सरकार के प्रयासों के कारण ही सरकार की कार्यप्रणाली में ख़ास वर्ग के प्रभुत्व को कम किया गया। अब अधिकारियों की नियुक्ति में पारदर्शिता है, प्रतिभावान और क्षमतापूर्ण अभ्यर्थियों की मेहनत बर्बाद नहीं जा रही और प्रतिस्पर्धा के परिणाम में कोई गड़बड़ी नहीं की जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने आरक्षण पर एक बड़ा फैसला लेते हुए यूपी में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों के पीजी कोर्स में आरक्षण को भी ख़ारिज कर दिया है। इस आरक्षण को लागू करने का फैसला अखिलेश सरकार में लिया गया था।

किसी भी खास वर्ग को लाभ पहुंचाने या पक्षपात करने की बजाय बीजेपी सरकार ने यूपीएससी के परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव करते हुए यूपीपीसीएस का इंटरव्यू सिर्फ 100 अंक का होगा। पहले इंटरव्यू में 200 अंकों का होता था, लेकिन इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अंको में घटोत्तरी की गयी।

राज्य की मशीनरी को यादवीकरण से मुक्त करने में वक्त लगेगा और बीजेपी सरकार इस महत्वपूर्ण मामले को सुलझाने के लिए प्रयास कर रही है। इस पूरे विश्लेषण से ये स्पष्ट है कि बीजेपी एक भेदभावपूर्ण नीतियों को खत्म कर रही है जो पूर्व की सरकार की देन है जो सिर्फ एक खास वर्ग को लाभान्वित करने के लिए कार्य करती थी। इसी का नतीजा है कि आज पुलिस बल में अधिकारियों की नियुक्ति उनके मेरिट के अनुसार होता है न कि उनके सरनेम के अनुसार।

समाजवादी पार्टी में यादवीकरण की प्रक्रिया और सेक्युलर-उदारवादी पार्टियों का भी अन्य समुदायों के लिए इसी तरह की रणनीति न सिर्फ सामाजिक एकता के लिए खतरा है बल्कि ये अन्य समुदायों के लोगों में डर की भावना को बढ़ावा देता है खासकर ब्राह्मणों में जिन्होंने 2007 के राज्य चुनावों में ज्यादातर समर्थन बीजेपी को दिया था और कुछ हद तक बीएसपी को भी अपना समर्थन दिया था।

बीजेपी सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम से पूर्व की सरकारों द्वारा एक विशेष समुदाय के वर्ग को लाभ पहुँचाने की रणनीति के विपरीत है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मण समुदाय उदारवादी-सेक्युलर पार्टियों के लिए एक ‘पंचिंग बैग’ रहा है और कोई भी नेता इस समुदाय पर हमला कर लोकप्रियता चाहता है। जैसा कि बताया गया बीजेपी सरकार द्वारा लिए गये फैसले सिर्फ ब्राह्मण समुदाय को लाभ पहुंचाना है जिससे उन्हें वंचित रखा गया। राजनीतिक रूप से संवेदनशील समुदाय (खासकर ब्राह्मण समुदाय जिनके पास उन्मादी भीड़ का हथियार है) बदले की राजनीति से स्वयमं को सुरक्षित महसूस कर सकें ऐसी  नियम-आधारित प्रणाली को सुनिश्चित किया जा रहा।

वत्सव में सवर्ण समुदाय जिसकी मांग कर रहा है ये नियम-आधारित मेरिटोक्रेसी वही है जो एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया।

Tags: अखिलेश यादवउत्तर प्रदेशबीजेपीसवर्ण
शेयर553ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन होगा फेल

अगली पोस्ट

तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के लिए तैयार है पर क्यों ये गलत फैसला है

संबंधित पोस्ट

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

INDIA-Pakistan match
क्रिकेट

BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

14 September 2025

अगर पूछा जाए कि भारत का सबसे बड़ा धर्म क्या है? या वो कौन सा धर्म है जहां अलग अलग विचारधाराओं, जातियों, नस्लों और भाषा...

‘वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!’
चर्चित

वोट चोरी बोलते राहुल, एमएलए चोरी में पकड़े गए!

13 September 2025

तेलंगाना की मुख्य विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने कांग्रेस पर ‘एमएलए चोरी’ का गंभीर आरोप लगा दिया है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

How China’s Military Reach Rises on the Backs of Its Silenced Citizens?

00:08:27

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited