देश में कांग्रेस धीरे-धीरे पतन की ओर अग्रसर हो रही है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी ने अपनी विशेषता को बरकारा रखा हुआ। कांग्रेस पर सवाल उठाने वालों की छवि को धूमिल करने और उसे अपमानित करने की कोशिश करने की कांग्रेस की विशेषता है। अपना राजनीति स्कोर साधने के लिए कांग्रेस पार्टी किसी भी स्तर की राजनीति करती है ऐसे में ये एक बुरी प्रतिद्वंद्वी है। हाल ही में कांग्रेस के प्रोपेगंडा के शिकार बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर संबित पात्रा हुए। कांग्रेस पार्टी के तथाकथित फैन, सेक्युलर और उदारवादी लेफ्ट विंग सोशल मीडिया वेबसाइट पात्रा की छवि को खराब करने के लिए संगठित अभियान चला रहा हैं।
रिपोर्ट के अनुसार संबित पात्रा पर तीन आरोप हैं। पहला, उन्हें ओएनजीसी का निदेशक इसलिए बनाया गया क्योंकि वो सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी के प्रवक्ता हैं, दूसरा उनकी नियुक्ति योग्यता अनुसार नहीं थी। तीसरा उनकी तनख्वाह को लेकर। प्रशांत भूषण जैसे वामपंथी उदारवादी गैंग के लोगों ने ट्वीट करते हुए उनकी नियुक्ति पर कई सवाल खड़े करते हुए उनकी नियुक्ति की निंदा की।
What's the qualification of Sambit Patra to be appointed as Director of ONGC,except that he is BJP spokesman.Is ONGC BJP'S private property? pic.twitter.com/lMRPiJUVQ8
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 30, 2017
कांग्रेस आये दिन उन्हें अशिक्षित और अयोग्य प्रवक्ता के रूप में लेबल कर रही है। हालांकि, तथ्य ये है कि उन्हें ओएनजीसी बोर्ड के एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था जिसका मतलब ये है कि उन्हें सिर्फ एक स्वतंत्र निदेशक की ही फीस मिलती थी इसके अलावा उन्हें कोई अतरिक्त लाभ नहीं मिलता था। वास्तव में यदि कंपनी कानून और नैतिकता का पालन नहीं करती है तो इस तरह के निदेशक कंपनी को इस बारे में सूचित करता है। अब संबित पात्रा के शिक्षा और योग्यता पर आते हैं। वो पेशे से सर्जन हैं और उन्होंने 2002 में एससीबी मेडिकल कोलेज कटक, उत्कल विश्वविद्यालय से जनरल सर्जरी में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) किया है। इसके अलावा उन्होंने 2003 में संघ लोक सेवा आयोग संयुक्त चिकित्सा सेवा में योग्यता प्राप्त करके एक चिकित्सा अधिकारी के रूप में हिंदू राव अस्पताल में कार्यभार ग्रहण किया था। साल 1997 में वीएसएस मेडिकल कोलेज बुर्ला संबलपुर विश्वविद्यालय से संबित पात्रा ने एमबीबीएस किया है। साल 2006 में उन्होंने स्वराज नाम की एक एनजीओ को स्थापित किया था जिसका उद्देश्य पिछड़े समुदाय जैसे दलित वंचितों को स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा और स्वछता में सहायता करना है। यहां तक कि बीजेपी में शामिल होने के बाद भी वो एक कार्यकर्ता और सर्जन के रूप में कार्यरत थे। ऐसे में ये दावे करना कि वो योग्य नहीं है और शिक्षित नहीं है निराधार है।
वास्तव में कांग्रेस उनके खिलाफ प्रोपेगंडा चला रही है और उन्हें असभ्य करार देते हुए ट्रोल कर रही है और बीजेपी को प्रवक्ता के पद से उन्हें हटाने की मांग कर रही है। दरअसल, संबित पात्रा ने अपने दावों से कांग्रेस के करतूतों को सामने रखा है जिससे कांग्रेस को अपने ही तथ्यों और दावों पर उठते सवालों का जवाब देना मुश्किल हो जाता है और बार बार उसे मुंह की खानी पड़ी है। ऐसे में कांग्रेस संबित पात्रा की छवि पर हमले कर रही है और उन्हें अयोग्य ठहरा रही है। बार बार पात्रा के हाथों कांग्रेस और पूरे छद्म सेक्युलर गैंग को कड़ा जवाब मिला है। वास्तव में संबित पात्रा राजनीतिक मुद्दों को भलीभांति समझते हैं साथ ही उन्हें कब क्या किस मुद्दे को उठाना है और कैसे जवाब देना है अच्छी तरह से पता है और वो बिना तथ्य के कुछ नहीं बोलते जिससे कांग्रेस के झूठे दावे टिक नहीं पाते हैं।
ऐसे कुछ घटनाओं पर एक प्रकाश डाल लेते हैं जिसमें संबित पात्रा ने कांग्रेस को और उसके तथाकथित विचार सेक्युलर गैंग को झुकने के लिए मजबूर कर दिया था। जिस तरह से उन्होंने कन्हैया कुमार के राष्ट्र-विरोधी रुख और आतंकवाद के प्रति सहानुभूति रखने वाले रुख को उजागर किया था, उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि जब देश और समाज विरोधी तत्वों की बात आती है तो वो चुप नहीं बैठते।
संबित पात्रा के प्रभावी वक्तृत्व कौशल और विचारों की स्पष्टता से जो सबसे जयादा पीड़ित रहा है वो कांग्रेस पार्टी है। पात्रा ने कांग्रेस पार्टी के नेहरू-गांधी की विरासत और उसकी गंदी नीतियों का खुलासा कर कांग्रेस के प्रवक्ता को शर्मिंदा कर दिया था। इसी तरह आम आदमी पार्टी और केजरीवाल को लेकर सिद्धू की कविता पर उन्होंने प्रवक्ता के रूप में अपनी प्रभावी वक्तृत्व को सामने रखा था। इसके अलावा डॉक्टर संबित पात्रा संसदीय कार्यवाही रोकने के विपक्ष के अनैतिक दृष्टिकोण पर उनका जवाब भी उनकी योगता का उदाहरण है कि वो पार्टी के विरोधियों का कैसे सामना करते हैं। हाल ही में उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी को गले लगाने पर जिस तरह से कांग्रेस के ढोंग को सामने रखा था वो भी लाजवाब था जिसने कांग्रेस की बोलती बंद कर दी थी।
https://www.youtube.com/watch?v=nrJcmW1J4mg
डॉक्टर संबित पात्रा बिना डरे ही अपने विरोधियों को उनकी ही रणनीतिओ में फंसा देते हैं। वो बातों को घुमाने की जगह स्पष्ट रूप से सवाल करते हैं और हर सवाल का जवाब देते हैं। यही वजह है कि कांग्रेस और तथाकथित सेक्युलर पार्टियां संबित पात्रा को फंसाने और उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश में लगी हुई हैं।