दिल्ली में भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को पहली बार ‘2+2 वार्ता’ हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच बातचीत के साथ कई समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस बातचीत में सबसे अहम मुद्दों में से एक रहा आतंकवाद का मुद्दा रहा। पहली बार 2+2 वार्ता में ऐतिहासिक समझौते के दौरान सैन्य संचार से जुड़े कम्युनिकेशंस कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) समझौते पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किया। इस समझौते से दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। इस समझौते के तहत अमेरिका के आधुनिक और सुरक्षित कम्युनिकेशन तकनीक से लैस हथियारों का भारत उपयोग कर सकेगा। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो, अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बीच हुई बातचीत के बाद ही इस समझौते और हस्ताक्षर किया गया। इस बातचीत में कम्युनिकेशंस कम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) के आलावा भारत को एक और बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। पहली बार अमेरिका भारत के भगोड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहीम पर शिकंजा कसने पर भारत की मदद करेगा।
अमेरिकी सरकार ने कई बार ये संकेत दिया है कि पाकिस्तान आतंकवाद को पोषित करता है और उन्हें वित्तीय सहायता देता है। अमेरिका इसी वजह से जनवरी से पाकिस्तान को दी जानेवाली मदद में कटौती कर रहा है और हाल ही में पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए अमेरिका ने उसे दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की मदद को रद्द कर दिया। दाऊद को गिरफ्त में करने के लिए भारत के साथ अमेरिका के समझौते ने भगौड़े आतंकवादी दाऊद इब्राहीम और इमरान खान की अगुआई वाली नव निर्वाचित पाकिस्तानी सरकार को झटका दिया है। भारत और अमेरिका ने अपने संयुक्त बयान में 2017 में आतंकवादियों के नाम पर शुरू हुई द्विपक्षीय वार्ता का भी उल्लेख किया जिससे अलकायदा, आईएसआईएस, लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, डी-कंपनी जैसे अन्य संबंधित संगठनों समेत आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने में सहयोग को मजबूती मिली है।
भारत सरकार काफी लंबे समय से दाऊद इब्राहीम, लश्करे तैयबा, हाफिज सईद को गिरफ्त में लाने की कोशिशें कर रही है। भारत में आतंक फैलाने की गतिविधियों में शामिल होने के अलावा दाऊद इब्राहीम भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल कई आतंकवादी समूहों को वित्त पोषित भी करता है इसी वजह से भारत के आतंकियों की सूची में उसका नाम सबसे ऊपर है। भारत में फैले आतंक के जाल का सरताज है दाऊद जो भारत में आतंक फैलाने के लिए रणनीतियां बनाता रहता है वहीं अब भारत उसे गिरफ्त में लाने के लिए अब अमेरिका के साथ है ऐसे में भारत के लिए दाऊद पर शिकंजा कसना और भी आसान हो जायेगा। दाऊद की संपत्ति अमेरिका में भी मौजूद है ऐसे में भारतीय खुफिया एजेंसी और मुंबई पुलिस अमेरिका की मदद से दाऊद के बारे में और अधिक जानकारी जुटा पायेंगे और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगे।
दाऊद के सिर पर 20 मिलियन डॉलर का इनाम है और उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया गया है। भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर डी कंपनी के वैश्विक वित्तीय नेटवर्क के जरिये दाऊद को पकड़ने के प्रयास कर रहा है। डी कंपनी के अधिकतर फंड वैश्विक वित्तीय नेटवर्क नशीले पदार्थों के व्यापार से आता है जोकि डी कंपनी द्वारा नियंत्रित किया जाता है। अमेरिका की मदद से जल्द ही भारत दाऊद के और करीब होगा और आतंकी नेटवर्क के भी खात्मे का समय शुरू हो गया है। पाकिस्तान के पास अभी भी वक्त है उसे आतंकियों को पनाह देने और उन्हें पोषित करने की जगह आतंक की जड़ों को खत्म करने में अन्य देशों के साथ आना चाहिए जिससे पूरी दुनिया में अमन और शान्ति को स्थापित किया जा सके।